हिंदू धर्म में आषाढ़ के महीने को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस पूरे महीने में पूजा पाठ का विशेष महत्व है और इस महीने की हर एक तिथि को विशेष रूप से मनाया जाता है। आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि भी बहुत ज्यादा मायने रखती है। वैसे तो अमावस्या तिथि प्रत्येक महीने होती है लेकिन आषाढ़ की अमावस्या को पितृ दोष से मुक्ति के लिए विशेष रूप से माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ चौथा महीना होता है और इस महीने की अमावस्या तिथि को अषाढ़ी अमावस्या या हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है।
सनातन धर्म में आषाढ़ की अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना और पितरों को तर्पण करने से घर में सुख समृद्धि के साथ पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए ज्योतिष के कुछ उपाय आपके जीवन में बदलाव ला सकते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ. आरती दहिया जी से जानें इस साल कब है आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि और इस दिन पितृदोष से मुक्ति के लिए आपको क्या करना चाहिए
आषाढ़ अमावस्या की तिथि
- इस साल आषाढ़ माह की अमावस्या 29 जून 2022 , बुधवार को पड़ रही है।
- अमावस्या तिथि का आरंभ 28 जून 2022, मंगलवार को प्रातः 05:52 बजे
- अमावस्या तिथि का समापन 29 जून को प्रात: 08:21 बजे
- सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि 29 जून को है, इसलिए इस दिन ही अमावस्या मनाई जाएगी। इससे आषाढ़ या हलहारिणी अमावस्या भी कहा जाता है।
आषाढ़ अमावस्या का महत्व
आषाढ़ अमावस्या का हिन्दुओं में विशेष महत्व बताया गया है। क्योंकि यह अमावस्या तिथि को पितरों की शांति के लिए मुख्य माना जाता है। इस दिन पितरों की विशेष पूजा, पवित्र नदी में स्नान और अन्न का दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोषों से मुक्ति का द्वार खुलता है।
पितृ दोष से मुक्ति और सुख समृद्धि के उपाय
चौमुखी दीपक जलाएं
अमावस्या के दिन घर की सुख समृद्धि के लिए शाम की पूजा करने के बाद दक्षिण दिशा में तेल का चौमुखी दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है और मोक्ष का द्वार खुलता है। यदि आप इस दिन काली चीटियों (चींटियों को क्या खिलाना फायदेमंद है)को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाते हैं तो ऐसा करने से आपके पापों का नाश होगा और घर में सुख समृद्धि आएगी।
गंगाजल मिलाकर स्नान करें
अमावस्या तिथि के दिन मुख्य रूप से पवित्र नदी में स्नान करना लाभकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन नदी में स्नान करता है या फिर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन सूर्य को जल देना चाहिए इससे जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है।
पीपल में जल चढ़ाएं
अमावस्या के दिन लोटे में स्वच्छ जल लेकर थोड़ा सा कच्चा दूध,चीनी,चावल,काले तिल,गंगा जल लेकर पुष्प डालकर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और पितरों का ध्यान करें। साथ ही, 108 बार बैठ कर ॐ पितृभ्या नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन गुड़ और आटे का दान करने से बहुत ही शेष लाभ की प्राप्ति होती है घर में कुशलता का वातावरण रहता है।
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तुलसी की माला का जाप करें
तुलसी की माला लेकर ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः का 108 बार जाप करें। अमावस्या के दिन किसी ब्राह्मण को घर में सम्मान पूर्वक आमंत्रित करें और सम्मान पूर्वक भोजन कराएं। इसके अलावा गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। ऐसा करने से आपको अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलेगा। दरअसल हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि पर दान का विशेष महत्व है। अमावस्या के दिन दान करने से पितरों की विशेष कृपा रहती है और घर में खुशहाली का माहौल बना रहता है। इस दिन घर में सुख समृद्धि लाने और पितरों की शांति के लिए पीपल, बड़, आंवले, नीम का पौधा लगाने की सलाह दी जाती है।
आषाढ़ अमावस्या के दिन किए गए कुछ विशेष उपाय व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति करने के साथ पापों से मुक्ति भी दिलाते हैं और पितृ दोष को दूर करते हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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