महिला सशक्तिकरण: आम आदमी पार्टी का वादा, उत्तराखंड में महिलाओं को दिए जाएंगे प्रति माह 1000 रुपए

आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की पहल करते हुए एक वादा किया है। जानिए क्या है इस वादे की कहानी।

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चुनावी माहौल से पूरा देश सर्दी में भी गरमाया हुआ है ऐसे में अलग-अलग पार्टियां दुनिया भर के वादे करती नजर आ रही हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी रोजगार, विकास के साथ-साथ एक और जरूरी मुद्दे को उठाती नजर आ रही है। ये अहम मुद्दा है महिला सशक्तिकरण का।

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड असेंबली पोल्स 2022 की चुनाव यात्रा के दौरान महिलाओं के लिए एक बहुत अच्छी स्कीम की घोषणा की है। पंजाब की तरह उत्तराखंड में भी अरविंद केजरीवाल महिलाओं के लिए कैश स्कीम की सुविधा देंगे, यदि उनकी पार्टी इलेक्शन में जीत हासिल करती है तो।

हर महीने महिलाओं को मिलेंगे 1000 रुपए-

आम आदमी पार्टी की स्कीम की बात करें तो इसके अनुसार उत्तराखंड राज्य की हर महिला को जो 18 साल से ऊपर है इस स्कीम का फायदा मिलेगा। साथ ही, इस घोषणा के अनुसार 1000 रुपए की आर्थिक मदद हर महीने दी जाएगी और ये सभी महिलाओं के लिए होगी। यानी अगर किसी घर में 3 महिलाएं ऐसी हैं जो 18 साल से ऊपर हैं तो उन्हें हर महीने 1000-1000 रुपए मिलेंगे।

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कहां से आएंगे इस स्कीम के लिए पैसे?

पूरी पारदर्शिता दिखाते हुए अरविंद केजरीवाल ने ये भी बताया कि आखिर इसके पैसे कहां से आएंगे। अरविंद केजरीवाल के मुताबिक उत्तराखंड राज्य का बजट 55 हज़ार करोड़ होता है और इसका लगभग 20% हिस्सा भ्रष्टाचार में जाता है। इसका मतलब है कि पूरे बजट में से लगभग 11000 करोड़ रुपए नेताओं की जेब में जाते हैं। उसी पैसे से महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने का दावा किया जाएगा।

अरविंद केजरीवाल के अनुसार इस स्कीम के लिए आप सरकार को सिर्फ 3 हज़ार करोड़ रुपए की जरूरत होगी और ऐसे में अगर भ्रष्टाचार के 11 हज़ार करोड़ रुपए वापस आएंगे तो उसमें से महिलाओं के लिए इतने पैसे आसानी से मिल जाएंगे।

वोट का फैसला लेंगी महिलाएं-

महिला सशक्तिकरण की बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने ये भी दावा किया कि अधिकतर एक घर से एक ही पार्टी को वोट जाते हैं जिसका फैसला पुरुष करते हैं, लेकिन अगर महिलाएं ठान लें तो वो इसे बदल सकती हैं।

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क्या ये स्कीम फायदेमंद हो सकती है?

एक बात जो अरविंद केजरीवाल ने सही कही है वो ये कि महिलाओं के हाथ में पैसा होना बहुत जरूरी है। यकीनन पैसे की कमी के कारण महिलाएं पुरुषों पर निर्भर रहती हैं और हर घर में मां, दीदी, दादी, चाची ना जाने अपनी कितनी इच्छाओं को सिर्फ इसलिए मार देती हैं कि उन्हें पैसे बचाने होते हैं। किसी होटल में जाकर अगर खाना ऑर्डर करना होता है तो भी महिलाएं पहले पुरुषों और बच्चों को ऑर्डर करने देती हैं ताकि वो जो खाएं उसी में से महिलाएं भी खा लें और पैसे बचा लें। थोड़ी सी एक्स्ट्रा इनकम उन्हें अपनी इच्छाओं को पूरा करने के साथ-साथ जरूरतों को पूरा करने का हक भी देगी।

महिलाएं जोड़ने और निवेश में बहुत आगे होती हैं और इनमें से कई महिलाएं ये पैसा अपने बच्चों की शिक्षा और जरूरतों के साथ-साथ निवेश में भी लगा सकती हैं। महिलाओं की जेब में अगर पैसा होगा तो उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी और यही कारण है कि इस स्कीम से कुछ फायदा समझ आ रहा है। सक्षम महिला एक अच्छे समाज की नींव बना सकती हैं। जहां तक वादे पूरे करने का सवाल है तो दिल्ली मॉडल से हम देख सकते हैं कि बिजली और पानी फ्री मिलने और सरकारी स्कूलों के विकास से कितना फायदा हो सकता है।

ऐसे में यकीनन इस स्कीम से फायदा तो समझ में आ रहा है।

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