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छोटे उद्यमी और सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स द्वारा बनाए गए लोकल ट्रेडिशनल फूड्स को इंडियन कंज्यूमर से रूबरू करा रहा है AAZOL

आजोल ऑर्गेनिक उत्पादों को कंज्यूमर तक पहुंचाने का एक जरिया है। इसके को-फाउंडर्स अपूर्वा पुरोहित और उनके बेटे सिद्धार्थ का उद्देश्य महाराष्ट्र के सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स द्वारा बनाए गए पारंपरिक महाराष्ट्रियन भोजन के लिए बाजार बनाना है।
Editorial
Updated:- 2023-05-08, 14:46 IST

देश के कोने-कोने में ऐसे कितने समुदाय हैं जो आज भी पारंपरिक और स्थानीय खाद्य पदार्थ बना रहे हैं। ऐसे छोटे उद्यमियों के पास किसी तरह का कोई प्लेटफॉर्म या मार्केटप्लेस नहीं है। यही वजह है कि इंडियन कंज्यूमर से उन्हें रूबरू करवाने का जिम्मा आजोल ने उठाया है। अपूर्वा पुरोहित और उनके बेटे सिद्धार्थ ने यह स्टार्टअप शुरू किया और यह महिलाओं और कई किसानों के लिए एक ऐसा मंच बना जिसके द्वारा वे अपने उत्पाद देश और दुनिया भर में पहुंचा पा रहे हैं। आजोल कैसे बना और किस तरह से यह उन छोटे उद्यमियों के लिए एक मार्केटप्लेस बना है, चलिए विस्तार से जानें।

क्या है आजोल?

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एक मराठी शब्जी जो नाना-नानी के घर की याद दिलाता है। आपकी आजी के रसोई में बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों की याद दिलाता है, वो आजोल है। Aazol एक ऐसा ब्रांड है जो पूरे महाराष्ट्र के सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स को एक साथ लाता है ताकि राज्य की उपज का प्रदर्शन किया जा सके और इसे एक बड़ी ऑडियंस के लिए उपलब्ध कराया जा सके।

aazol products

पैनडेमिक से शुरू हुआ आजोल महिलाओं को बना रहा सशक्त

इसके को-फाउंडर्स अपूर्वा और उनके बेटे सिद्धार्थ ने पैनडेमिक के दौरान इस स्टार्टअप की स्थापना की। वे संयोग से ग्रामीण महाराष्ट्र के महिलाओं के नेतृत्व वाले एक सेल्फ-हेल्प ग्रुप से मिले जो अद्भुत खाद्य उत्पाद बना रहे थे। ये उत्पाद बहुत ही बेहतरीन गुणवत्ता के थे, जिन्हें खुद उन्होंने हाथों से छोटे-छोटे बैचों में मेहनत से तैयार किया था। उन महिलाओं ने तमाम चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों का सामना किया और उसके बाद भी वे जो काम कर रही थीं वो अविश्वसनीय था।

अपूर्वा और उनके बेटे ने उन ग्रुप्स के साथ पार्टनरशिप की। चूंकि वे लोग उत्पादन कर रहे थे और उनके पास ऐसा कोई मार्केटप्लेस नहीं था, जहां वे अपने उत्पादों को कंज्यूमर से रूबरू करवा सकें, वो आजोल के जरिए उन्होंने किया।

Aazol Co Founders

आजोल एक ऐसा संगठन बना जो महाराष्ट्र के समुदायों से उचित मूल्य पर प्रामाणिक खाद्य उत्पादों की सोर्सिंग करता है, उन्हें सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता जांच प्रक्रिया के माध्यम से क्यूरेट करता है और उन्हें भारत और दुनिया भर में पेश करता है।

अपने इस स्टार्टअप के जरिए आजोल तमाम ट्राइबल समुदायों की महिलाओं और छोटे उद्यमियों का सहारा बना है।कई व्यंजन और तकनीकें उनकी सेल्फ-हेल्प ग्रुप की परंपरा का हिस्सा रही हैं। यही आजोल के उत्पादों की यूएसपी है। इस तरह यह पहल निश्चित रूप से सेल्फ-हेल्प महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है।

आजोल के समर्थन से महिलाएं अपने पैरों पर खड़े रहने में सक्षम हुई हैं। धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से उनका जीवन सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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Apurva Purohit Aazol

नानी के घर की याद दिलाते हैं आजोल के उत्पाद

नाना-नानी के घर की याद किसे नहीं आती? नानी के हाथ से बने हुए व्यंजनों का मन अब भी करता है, लेकिन उस तक पहुंचा कैसे जाए? यही आजोल अपने प्लेटफॉर्म के जरिए कर रहा है। नाना-नानी के यहां जाकर आखिरी बार जिन व्यंजनों को आपने चखा था, आजोल ठीक उसी प्यार और स्नेह से घर पर उगाए गए खाद्य पदार्थों को आप तक पहुंचा रहा है।

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आजोल कैसे बन रहा है एक मार्केटप्लेस?

आपको याद होगा कि अभी पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया था। सरकार भी देश में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की राह पर काम कर रही है। वहीं, सरकार ने अपूर्वा के इस स्टार्टअप की फंडिंग में भी मदद की, लेकिन उनके उत्पादों के लिए एक बड़ा बाज़ार बनाना उन्हें सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

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ऐसे कई किसान हैं जो बेहतरीन काम कर तो रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता है कि आगे कैसे बढ़ा जाए। उनके पास अपने उत्पादों को शहरी ग्राहकों तक ले जाने के लिए लॉजिस्टिक्स की जानकारी या वित्तीय और मार्केटिंग समर्थन की कमी है। ऐसे में उनके द्वारा बनाए गए स्वस्थ भोजन और उत्पादों को आग पहुंचाने के लिए आजोल एक बड़ा मंच है।

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आजोल के सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स

aazol organic products

अपूर्वा और सिद्धार्थ अपने स्टार्टअप के जरिए शुरू से ही पर्यावरण, समाज और आर्थिक लाभ प्रदान करना चाहते थे। इसी उद्देश्य के साथ आजोल चटनी, मसाले, पापड़ और कई ऑर्गेनिक और सस्टेनेबल उत्पाद पेश करता है। उनकी वेबसाइट www.aazol.in में आपको ऐसे कई ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स आसानी से मिल सकेंगे।

अजोल छोटे-छोटे कदमों से अपनी यात्रा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि, अभी इसे एक लंबा रास्ता तय करना है। हम पूरी उम्मीद है कि इसमें अपार क्षमता है।

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