herzindagi
pradosh vrat april main

जानें अप्रैल महीने में कब पड़ रहा है शनि प्रदोष व्रत, क्या है इसका महत्त्व

आइए इस लेख में जानें अप्रैल के महीने में कब पड़ रहा है शनि प्रदोष व्रत और इसका क्या महत्त्व है। 
Editorial
Updated:- 2021-04-23, 11:36 IST

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्त्व है। एक महीने में दो प्रदोष व्रत होते हैं, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस तरह से पूरे साल में 24 प्रदोष व्रत होते हैं जिनका अपना अलग महत्त्व है। जब प्रदोष व्रत सोमवार के दिन होता है तब इसे सोम प्रदोष, जब बुधवार के दिन पड़ता है तब भौम प्रदोष और इसी क्रम में जब यह शनिवार के दिन पड़ता है तब इसे शनि प्रदोष कहा जाता है।

पुराणों में शनि प्रदोष का विशेष महत्त्व बताया गया है और कहा जाता है कि शनि प्रदोष में जो व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव से भगवान् शिव का पूजन करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी जानें अप्रैल के महीने में कब पड़ रहा है शनि प्रदोष व्रत और इसका क्या महत्त्व है।

अप्रैल शनि प्रदोष व्रत

shani pradosh vrat

अप्रैल के महीने में प्रदोष व्रत 24 अप्रैल, दिन शनिवार को पड़ रहा है। इस व्रत का विशेष महत्त्व प्रदोष व्रत 24 अप्रैल को पड़ रहा है। यह चैत्र शुक्ल प्रदोष व्रत होगा और शनिवार के दिन होने की वजह से इसका विशेष महत्त्व है जिसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

इसे जरूर पढ़ें:क्या आप जानते हैं सपने में गणपति को देखने का मतलब

शनि प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त

shani pradosh

  • त्रयोदशी तिथि आरंभ- 24 अप्रैल 2021 दिन शनिवार की शाम 7 बजकर 17 मिनट से
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त- 25 अप्रैल 2021 दिन रविवार शाम 04 बजकर 12 मिनट पर

प्रदोष व्रत का महत्व

significance pradosh vrat

पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव के साथ चंद्रदेव से भी जुड़ा है। मान्यता है कि प्रदोष का व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने ही किया था। दक्ष के श्राप के कारण चंद्र देव को क्षय रोग हो गया था। तब उन्होंने हर माह में आने वाली त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखना आरंभ किया जिसके शुभ प्रभाव से चंद्रदेव को क्षय रोग से मुक्ति मिली थी। प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति पर सदैव भगवान शिव की कृपा बनी रहती है संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले के लिए ये व्रत काफी लाभकारी होता है।

कैसे करें शिव पूजन

shiv pujan pradosh

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान करके स्वच्छ कपड़े धारण करें।
  • पूजा के स्थान को अच्छी तरह से साफ़ करें और शिव जी की मूर्ति को स्नान कराएं।
  • एक चौकी में सफ़ेद कपड़ा बिछाकर शिव मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें।
  • भगवान शिव को चंदन लगाएं और नए वस्त्रों से सुसज्जित करें।
  • शनि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर फूल, धतूरा और भांग चढ़ाएं या ताजे फलों का भोग अर्पित करें।
  • प्रातः काल पूजन करने के पश्चात पूरे दिन व्रत का पालन करें और फलाहर ग्रहण करें।
  • प्रदोष काल में शिव पूजन करें, प्रदोष व्रत की कथा सुनें व पढ़ें और सफ़ेद चीज़ों का भोग अर्पित करें।
  • पूजन के समय संभव हो तो सफ़ेद वस्त्र धारण करें।
  • शिव जी की आरती करने के बाद भोग सभी को वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें।
  • व्रत करने वालों को एक समय ही भोजन करना चाहिए और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

इसे जरूर पढ़ें:Santoshi Mata Vrat: शुक्रवार संतोषी माता का करती हैं व्रत, तो ध्यान रखें ये बातें

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit:freepik and pintrest

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।