Santoshi Mata Vrat: शुक्रवार संतोषी माता का करती हैं व्रत, तो ध्यान रखें ये बातें

अगर आप भी शुक्रवार को संतोषी माता व्रत रखती हैं तो आपको यहां बताई गयी सभी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

santoshi mata vrat main

हिंदू धर्म में माता संतोषी के व्रत का अलग महत्त्व है। कहा जाता है कि भक्ति भाव से 16 शुक्रवार तक संतोषी माता का व्रत एवं उपवास करने और पूजन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हफ्ते के अलग-अलग दिनों में अलग भगवानों की पूजा अर्चना करना फलदायी होता है। ऐसे ही शुक्रवार संतोषी माता व्रत भी सभी के लिए विशेष महत्त्व रखता है।

संतोषी माता को भी आदि शक्ति दुर्गा का ही रूप माना जाता है और उनकी पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। अगर आप भी संतोषी माता का व्रत रखती हैं या फिर व्रत शुरू करने की योजना बना रही हैं तो आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। आइए अयोध्या के पंडित श्री राधे शरण शास्त्री जी से जानें इस व्रत को रखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सूर्योदय से पहले उठें

मान्यता है कि जब आप कोई भी व्रत या उपवास करें तो प्रातः काल जल्दी उठें। उसकी तरह संतोषी माता व्रत में में जल्दी उठना लाभकारी होता है। कोशिश करें कि सूर्योदय से पहले उठें और व्रत का संकल्प लें। सूर्योदय से पूर्व उठ कर घर की सफाई करें और स्नानादि से निवृत्त होकर पूजाघर में संतोषी माता की मूर्ति या चित्र की स्‍थापना करें।

साफ़ कपड़े धारण करें

what to wear

वैसे तो हर एक पूजा पाठ में साफ़ कपड़े ही पहने जाते हैं ,लेकिन मुख्य रूप से संतोषी माता के व्रत में स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा के समय लाल या पीले वस्त्र धारण करना शुभ होता है। मान्यता है कि लाल और पीले वस्त्र संतोषी माता को पसंद आते हैं। इसलिए विशेष तौर पर सुहागिन महिलाओं को इन रंगों के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। ध्यान रखें कभी भी काले वस्त्र धारण करके पूजन न करें।

जल का कलश स्थापित करें

kalash sthapna in puja

पूजा के स्थान पर जल से भरा कलश स्थापित करें। इसके लिए किसी बड़े पात्र में शुद्ध जल भरकर पूजा स्‍थल पर रखें। जल भरे पात्र पर गुड़ और चने से भरकर दूसरा पात्र रखें। अब माता पर जल चढ़ा कर सिंदूर, वस्‍त्र, और गुड़ चने के साथ माता संतोषी की पूजा करें। इसके बाद संतोषी माता की कथा का पाठ करें या सुनें, फिर आरती कर सभी को गुड़-चने का प्रसाद बांटें। बड़े पात्र में भरे जल को घर में सभी स्‍थानों पर छिड़क दें तथा शेष जल को तुलसी के पौधे में डाल दें। जिस दिन भी व्रत उपवास करें 16 शुक्रवार तक व्रत का पालन करके उद्यापन करें।

गुड़ और चने का लगाएं भोग

bhog santoshi mata

कुमकुम, हल्दी, फूल, कपड़े का एक लाल टुकड़ा या चुनरी, पान, सुपारी, नारियल और केले को भोग के रूप में रखें। यदि आपके पास पान, सुपारी और केले नहीं हैं, तो आप अपने घर में रखी वस्तुओं का भोग भी लगा सकती हैं। लेकिन मुख्य रूप से गुड़ और चने का लगाएं और खट्टी चीज़ों का भोग लगाने से बचें। फिर संतोषी माता का नाम लें और उनकी व्रत कथा पढ़ें और प्रियजनों को गुड़ और चना अर्पित करें।

इसे जरूर पढ़ें: Santoshi Mata Vrat: शुक्रवार को रखें संतोषी माता का व्रत, घर में आएगी सुख-समृद्धि

खट्टी चीज़ों का न करें सेवन

कहा जाता है कि संतोषी माता व्रत में न तो खट्टी चीज़ें खानी चाहिए और न ही घर के किसी अन्य सदस्यों को खट्टी सामग्रियों का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से उन इस व्रत का पूरा फल नहीं मिल पाता है। व्रत रखने वाले स्त्री या पुरुष को दिन में केवल एक बार ही भोजन का सेवन करना चाहिए। इस व्रत के दौरान पूरे दिन व्रत का पालन करने के बाद रात को हो अनाज ग्रहण किया जाता है और लहसुन प्याज या फिर खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना होता है।

ऐसे करें उद्यापन

santoshi mata vrat

16 वें शुक्रवार को, ऊपर वर्णित सभी नियमों के अनुसार व्रत का पालन करते हुए व्रत का उद्यापन करें और आठ लड़कों को खीर, पूड़ी, केले और कुछ उपहार भेंट करके अपनी व्रत का समापन करें और प्रसाद वितरण करके व्रत का समापन करें।

इस तरह संतोषी माता का व्रत 16 शुक्रवार करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ विशेष फल की प्राप्ति भी होती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Recommended Video

Image Credit: freepik and pintrest

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP