भारत में त्योहार केवल कैलेंडर पर आने वाली तारीखों के रूप में ही परिलक्षित नहीं होते हैं बल्कि ये आपसी विश्वास, खुशी और समुदाय की अभिव्यक्तियां होते हैं हैं। हमारे देश में साल की शुरुआत के साथ ही त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। इसमें हिन्दू पर्व तो शामिल होते ही हैं और अन्य समुदायों के त्योहार भी कुछ ख़ास मायने रखते हैं। चाहे दक्षिण भारत का पर्व पोंगल हो या असम का बिहू, हर एक पर्व का अलग ही मजा होता है। ये सभी अवसर लोगों को एकजुट करते हैं, जाति, धर्म और मतों की सीमाओं को पार करते हुए लोगों को एक साथ में रहना सिखाते हैं। भले ही ईस्टर का पर्व हो या ओणम की सांस्कृतिक समृद्धि हो. प्रत्येक त्योहार हमें एक दूसरे के और ज्यादा करीब आने में मदद करता है।
यही नहीं प्रियजनों से जुड़ने और उन प्राचीन परंपराओं में भाग लेने का मौका भी देता है, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं। हर महीने के ही तरह अप्रैल में भी कुछ ऐसे पर्व हैं जो उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक के लिए ख़ास मायने रखते हैं और सभी लोगों को आपसी प्रेम बढ़ाने में भी मदद करते हैं। आइए जानें अप्रैल 2025 के सभी त्योहारों की सही तारीखों के बारे में यहां विस्तार से।
त्योहार | तारीख |
सरहुल झारखंड | 1 अप्रैल, मंगलवार |
महावीर जयंती | 10 अप्रैल, गुरुवार |
बैसाखी, पंजाब | 14 अप्रैल, सोमवार |
बोहाग बिहू, असम | 14 अप्रैल,सोमवार |
विशु,केरल | 14 अप्रैल, सोमवार |
डॉ. अंबेडकर जयंती | 14 अप्रैल, सोमवार |
बोहाग बिहू ,अरुणाचल प्रदेश | 15 अप्रैल, मंगलवार |
गुड फ्राइडे | 18 अप्रैल, शुक्रवार |
ईस्टर शनिवार, नागालैंड | 19 अप्रैल, शनिवार |
ईस्टर संडे | 20 अप्रैल, रविवार |
महर्षि परशुराम जयंती | 29 अप्रैल, मंगलवार |
चित्तिरै महोत्सव, तमिलनाडु | 29 अप्रैल- 10 मई |
सरहुल- 1 अप्रैल
सरहुल एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो मध्य-पूर्व भारत के आदिवासी समुदायों द्वारा मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
महावीर जयंती-10 अप्रैल
यह दिन भगवान महावीर के जन्म के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। इस दिन लोग जैन मंदिरों में जाते हैं, प्रार्थना करते हैं और दान-पुण्य करते हैं। कुछ लोग शांतिपूर्ण जुलूसों में भी हिस्सा लेते हैं। साल 2025 में यह पर्व 10 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जाएगा।
बैसाखी- 14 अप्रैल
बैसाखी, जिसे विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत में मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण फसल उत्सव है। यह पर्व हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है, जब रबी की फसल की कटाई होती है। इस साल बैसाखी 14 अप्रैल, सोमवार को मनाया जाएगा।
विशु- 14 अप्रैल
विशु केरल में न्यू ईयर का पर्व है और वहां के लोग ऐसा मानते हैं कि इस दिन सुबह सबसे पहले अच्छी चीजों को देखना घर पर शुभता लाता है।
तमिल नववर्ष- 14 अप्रैल
तमिल नववर्ष तमिल कैलेंडर का पहला दिन होता है, जिसे पारिवारिक प्रार्थनाओं और पारंपरिक दावतों के साथ मनाया जाता है। इस दिन तमिल लोग अपने घरों को कोलम या रंगोली से सजाते हैं और मंदिरों में जाते हैं। लोग अपने घरों में कुछ विशेष पकवानों का आनंद भी लेते हैं।
डॉ. अंबेडकर जयंती-14 अप्रैल
यह दिन डॉ. बी.आर.अंबेडकर की श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है, जो भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक समानता और दलित अधिकारों के समर्थक थे।
बोहाग बिहू- 14 -20 अप्रैल
बोहाग बिहू, जिसे रोंगाली बिहू भी कहा जाता है, असमिया नववर्ष का प्रतीक माना जाता है और यह नई फसल की शुरुआत का उत्सव माना जाता है। इस अवसर पर लोग दावतों, संगीत, नृत्य और पारंपरिक परिधानों में इसे मनाते हैं। इस दिन घरों की सफाई की जाती है और पशुओं की पूजा भी की जाती है बोहाग बिहू लगभग 7 दिनों तक चलता है और यह असम का सबसे रंगीन और उल्लासपूर्ण त्योहारों में से एक है।
गुड फ्राइडे- 18 अप्रैल
गुड फ्राइडे मुख्य रूप से एक ईसाई पर्व है, जो यीशु मसीह की क्रूस पर चढ़ने की याद में मनाया जाता है। यह ईसाइयों के लिए एक खास दिन होता है और इस दिन लोग चर्च में इकठ्ठा होकर प्रेयर करते हैं। यह सिर्फ ईसाईयों के लिए ही नहीं होता है, बल्कि अन्य समुदाय के लोग भी इस दिन ईसा मसीह को याद करते हैं।
ईस्टर संडे- 20 अप्रैल
ईस्टर एक ईसाई पर्व है, जो यीशु मसीह के पुनरुत्थान की खुशी में मनाया जाता है। यह ईसाइयों के लिए एक खुशियों का अवसर होता है।
परशुराम जयंती, 29 अप्रैल
परशुराम जी को भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में पूजा जाता है। उनके जन्मदिवस के रूप में परशुराम जयंती मनाई जाती है। यह पर्व हर साल हिंदू माह वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, जिसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है।
चित्तिरै महोत्सव- 29 अप्रैल- 10 मई
मदुरै का चित्तिरै महोत्सव भगवान सुंदरस्वर और देवी मीनाक्षी के दिव्य मिलन का उत्सव मनाता है, जिन्हें भगवान विष्णु की बहन माना जाता है।
अप्रैल महीने में ये त्योहार आपके घर की रौनक बढ़ाने में भी मदद करेंगे। सही तारीख जानकर आप भी इनका पूरा मजा उठा सकते हैं।
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