Mothers Day 2019: एसिड अटैक सर्वाइवर रेशमा कुरैशी ने मुश्किलों के दौर में हौसला बढ़ाने के लिए मां को कहा शुक्रिया

एसिड अटैक सर्वाइवर रेशमा ने अपनी मां को अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल वक्त में साथ देने के लिए शुक्रिया कहा है। 

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Acid attack सर्वाइवर रेशमा कुरैशी उस खौफनाक दिन को याद कर आज भी सिहर उठती हैं, उनके जीजा ने उनके चेहरे पर तेजाफ फेंक कर उनका चेहरा जला दिया था। दर्द से कराहती रेशमा की दुनिया कुछ सेकेंडों में पूरी तरह से बदल गई थी। बेहद खूबसूरत दिखने वाली रेशमा उस समय महज 17 साल की थीं, लेकिन एसिड की आग से उनका चेहरा पूरी तरह से झुलस गया और एक आंख की रोशनी भी चली गई। रेशमा के जीजा ने यह सबकुछ गुस्से में आकर किया था। रेशमा के उनके जीजा उनकी बहन गुलशन को मारते-पीटते थे और बहन की तकलीफ उनसे देखी नहीं जाती थी। रेशमा के मां-बाप भी इस बात से परेशान थे। उसी दौरान रेशमा के जीजा ने परिवार वालों से कहा था कि वे गुलशन को ले जाएं। इस पर रेशमा एक दिन बहन और उसके दोनों बच्चों को अपने घर ले आई। बेटे का दाखिला स्कूल में करवा दिया। लेकिन जीजा को इस बात से भी गुस्सा आया और उसने बेटे को स्कूल से उठा लिया, उसने रेशमा के परिवार पर केस कर दिया, लेकिन फैसला रेशमा के परिवार के हक में हुआ। इस पर जीजा बदले की आग में झुलस रहा था और उसने एसिड फेंककर रेशमा का चेहरा बिगाड़ दिया। इस घटना का रेशमा पर गहरा असर हुआ था। घर-परिवार में सबकी लाडली रही रेशमा ने अपने टीनेज में ऐसा सदमा झेला था, वह डिप्रेशन में चली गई थीं। जब भी अपना चेहरा आइने में देखतीं तो उनकी आंखों से आंसू आने थमते नहीं थे। रेशमा गुमसुम रहने लगी थीं, खुद को एक कमरे में कैद कर लिया था और खामोशी अख्यितार कर ली थी। पहले उसे फैशनेबल कपड़े और मेकअप खूब लुभाते थे, लेकिन इस ट्रेजेडी से गुजरने के बाद उसका हर शौक, हर ख्वाहिश जैसे मर ही गए। ऐसे दौर में रेशमा कुरैशी की मां ने उन्हें हिम्मत दी। रेशमा कुरैशी की मां, जो अपनी बेटी का एसिड से बिगड़ा चेहरा देखकर खुद भी भीतर से बहुत दुखी थीं, ने ना सिर्फ अपने दुख पर काबू पाया, बल्कि बेटी को इमोशनली स्ट्रॉन्ग होने के लिए इंस्पायर किया। मां ने जिस तरह से रेशमा को सपोर्ट किया और जिंदगी को एक बार फिर से नए सिरे से जीने के लिए इंस्पायर किया, उसका असर जल्द ही दिखाई देने लगा। रेशमा अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और कॉन्फिडेंट हैं और एसिड अटैक सर्वाइवर्स की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कोशिशें कर रही हैं। Herzindagi से खास बातचीत में रेशमा ने बताया कि कैसे उनकी मां ने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद की।

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न्यूयॉर्क फैशन वीक में रैंप पर कैटवॉक कर पेश की अनूठी मिसाल

मां से मिले हौसले का ही नतीजा था कि रेशमा ने एक बार फिर से अपनी जिंदगी की इबारत लिखने का फैसला किया। अपने तेजाब से बिगड़े चेहरे के साथ ही रेशमा ने फैशन की दुनिया में कदम रखा और न्यूयॉर्क फैशन वीक में रैंप पर कैटवॉक कर लोगों के सामने एक नई मिसाल पेश की। रैंप पर वॉक करने के साथ रेशमा ने यह खूबसूरत मैसेज दिया कि बाहरी खूबसूरती ही नहीं बल्कि मन की खूबसूरती और जीने की हिम्मत भी बहुत मायने रखती है। इस दौरान रेशमा ने अर्चना कोचर की डिजाइन की हुई ड्रेस पहनकर रैंप पर कैटवॉक की थी और लोगों ने तालियां बजाकर उनकी हौसलाअफजाही की थी।

रेशमा ने अपनी मां को थैंक्स कहा

हाल ही में जब प्रियंका चोपड़ा ने अपनी मां मधु चोपड़ा के क्लीनिक खोलने पर उनके लिए इंस्पिरेशनल मैसेज लिखा था, तब रेशमा कुरैशी ने भी उनकी तारीफ करते हुए अपनी मां का जिक्र किया था कि कैसे मुश्किलों के दौर में वह उनका मजबूत सहारा बनीं। आज रेशमा कुरैशी सिर्फ एक चर्चित मॉडल ही नहीं हैं, बल्कि वह एसिड अटैक सर्वाइवर्स की आवाज बन चुकी हैं। रेशमा ने HerZindagi से खास बातचीत में कहा,

'मां ने अपनी तकलीफें भूलकर मुझे बहुत सपोर्ट किया। मैं उन दिनों खामोश रहने लगी थी, मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता था, मुझे लगता था कि ये सब (एसिड अटैक) मेरे साथ ही क्यों हुआ। मुझे किस बात की सजा मिली। इस दौर में मां हर पल मेरे साथ बनी रहीं। मेरे इलाज से लेकर मुझे इमोशनली सपोर्ट करने तक मां ने वो सबकुछ किया, जिससे मैं फिर से सामान्य जिंदगी की तरफ वापस लौट आई।'

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एसिड अटैक सर्वाइवर्स की आवाज बनीं

रेशमा कहती हैं कि जिंदगी बेशकीमती है। रेशमा दुनिया को मैसेज देना चाहती हैं कि वे एसिड अटैक सर्वाइवर्स को कमजोर न समझें। रेशमा ने यू-ट्यूब पर 'मेक लव नॉट स्केयर्स' नाम से वीडियो जारी किया था। इस वीडियो के जरिए रेशमा ने तेजाब हमले का शिकार महिलाओं के मन से हीन भाव खत्म कर उन्हें लाइफ को पॉजिटिव तरीके से लेने के इंस्पायर किया। 'ब्यूटी टिप्स बाई रेशमा' नाम से भी एक और वीडियो भी रेशमा ने जारी किया था, जिसके जरिए उन्होंने बताया कि तेजाब कितनी आसानी से बाजार में मिल जाता है और इस पर बैन लगना चाहिए।

'बीइंग रेशमा' में बयां की अपनी कहानी

रेशमा पर हुए Acid attack, उसके बाद की तकलीफें और रेशमा का फिर से सामान्य जिंदगी की तरफ लौटने की पूरी कहानी इस किताब में खूबसूरती के साथ बयां की गई है। युवा लेखिका तान्या के साथ मिलकर रेशमा ने 'Being Reshma' किताब लिखी है। इस किताब के जरिए रेशमा की हिम्मत और हौसले को सलाम किया गया है।

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इन दिनों लक्ष्मी अग्रवाल खासतौर पर सुर्खियों में बनी हुईं हैं, जिन पर एक सिरफिरे ने तेजाब फेंक कर उनका चेहरा बिगाड़ दिया था। रेशमा की तरह लक्ष्मी अग्रवाल ने भी जिंदगी से हार नहीं मानी और लाइफ में बेहतर मुकाम पाने के लिए संघर्ष करती रहीं। रेशमा की तरह लक्ष्मी अग्रवाल में देश के जाने-माने डिजाइनर्स के लिए रैंप पर चली हैं। चल्द ही लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर फिल्म छपाक रिलीज होने वाली है, जिसमें उनकी जिंदगी के स्ट्रगल को दिखाया जाएगा। इस फिल्म में मुख्य किरदार में दीपिका पादुकोण नजर आएंगी।

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