'अब समझौता नहीं-द शॉपिंग लिस्ट' वीडियो समझाएगा पीरियड्स में हाइजीन का महत्त्व

 पीरियड्स में हाइजीन से समझौता करना ले सकता है आपकी जान।  पीरियड्स में सैनेटरी पैड्स के महत्त्व को समझें और भूल से भी न करें यह भूल।  

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१३ से ४५ वर्ष की महिलाओं को हर महीने ४-५ दिन के लिए पीरियड्स से गुजरना पड़ता है। यह बेहद नैचुरल प्रक्रिया है। इसके बावजूद भारत में पीरियड्स एक ऐसा विषय है जिस पर बात करने में सभी झिझकते हैं। इस झिझक की वजह से ही देश की आधे से ज्यादा महिलाएं सैनेटरी पैड्स के जामने में भी पीरियड्स के दिनों में ऐसी चीज़ें इस्तेमाल करती हैं जो न केवल हाइजीन के दायरे से बाहर हैं बल्कि जानलेवा भी हैं। अक्षय कुमार और सोनम कपूर की आगामी फिल्म '' पैड मैन'' इसका खुल कर विरोध करती है। इतना ही नहीं फिल्म के दोनों कलाकार भी इस गंभीर समस्या के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

जागरूकता फैलाने के लिए सोनम और अक्षय फिल्म प्रमोशन के दौरान विभिन्न तरीकों को आजमाते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया में भी दोनों ने कई तरह से सोसाइटी को यह मैसेज देने की कोशिश की है कि पीरियड्स में हाइजीन कितना महत्वपूर्ण है। मगर इन सब के बाद सोनम और अक्षय अब एक वीडियो में दिखाई पड़ रहे हैं। ब्लश और आईटीसी विवेल के कोलैबरेशन में बने 'अब समझौता नहीं-द शॉपिंग लिस्ट' नाम के इस वीडियो में दोनों ही पीरियड्स पर लोगों की झिझक को तोड़ने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

इस वीडियो में दिखाया गया है कि महिलाऐं किचन, बाथरूम और घर की दूसरी जरूरी चीज़ों को तो शॉपिंग लिस्ट में शामिल करती हैं मगर जो चीज़ उनके लिए सबसे जरूरी है यानि सैनेटरी पैड्स उन्हें लिस्ट में कभी शामिल नहीं करतीं। वीडियों में सोनम कपूर कुछ वस्तुओं की सूची को पढ़ती हैं, जिसमें पुराने और गंदे कपड़ों के टुकड़े, राख , मिट्टी , नारियल की भूसी और घास का नाम आता है. आपको हैरानी होगी बहुत सी महिलाएं पीरियड्स में आज भी ब्लीडिंग रोकने के लिए इन चीज़ों का इस्तेमाल करती हैं। खासतौर पर गांव में रहने वाली ज्यादातर महिलाऐं पीरियड्स में इन सब चीज़ों का ही इस्तेमाल करती हैं। चौकाने वाली बात यह है कि महिलाओं को पता ही नहीं है कि यह वस्तुएं किस तरह उनकी सेहत को बिगाड़ रही हैं और उन्हें जानलेवा बीमारियों की गिरफ्त में धकेल रही हैं।

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इस वीडियो के एकदम आखिर में अक्षय और सोनम, ऐसी महिलाओं को साल भर के लिए पैड्स उपलब्ध कराने के लिए लोगों से अपील करते हैं और वत्सल्य फाउंडेशन को न्यूनतम 400 रुपये का दान करने गुजारिश करते हैं।

sonam with sakhi pads

वीडियो में अक्षय कहते हैं, ' पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य से ज्यादा लोक लाज की चिंता होती है। वे अपने पीरियड्स की बात को किसी से शेयर नहीं करना चाहती हैं। ऐसे में इस दौरान स्वच्छता उत्पादों के इस्तेमाल की जगह वे ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल करती हैं जो उनके पीरियड्स की बात को छुपा ले। जाहिर है इन चीजों से ब्लड फ्लो को नहीं रोका जा सकता। ऐसे में महिलाओं और लड़कियों के लिए मुश्किल बढ़ जाती हैं और वे इस वजह से पीरियड्स के दौरान काम पर या फिर स्कूल जाना बंद कर देती हैं। इस वीडियो के माध्यम से हम इस विषय पर खुलकर बात करना चाहते हैं ताकि इससे जुडी महिलाओं की शर्म और झिझक ख़त्म हो जाए। '

वहीं सोनम महिलाओं को एजुकेट करते हुए कहती हैं , ' शर्म और हीचकिचाहत के चलते महिलाएं पीरियड्स में इन खतरनाक चीज़ों का इस्तेमाल कर तो लेती हैं मगर इनसे कई तरह के इंफैक्शन होते हैं। यह इंफैक्शन कई बार जानलेवा भी साबित होते हैं। इस वीडियो के जरिए हम देश के नागरिकों को शिक्षित करना चाहते हैं कि पीरियड्स एक ऐसा विषय है , जिस पर अब चुप्पी तोड़ने का वक्त है। जब तक इस विषय पर लोग अपनी धारणा नहीं तोड़ेंगे तब तक महिलाएं यूँ हीं शर्माती रहेंगी और बीमार होती रहेंगी।'

वत्सल्य फाउंडेशन की निदेशक स्वाति मुखर्जी ने कहा, "इस वीडियो का मकसद है की लोगों को पीरियड्स में हाइजीन का महत्त्व समझाया जा सके और युवा महिलाओं की मदद की जा सके। फाउंडेशन द्वारा जामा फंड से हम सखी पैड्स खरीदेंगे और उन महिलाओं को यह पैड्स दिए जाएंगे जो इन्हें खरीद नहीं सकतीं या फिर इनका इस्तेमाल नहीं करतीं। ''

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