लेडीज के लिए सैनेटरी पैड उनकी हेल्थ से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा है उतना ही आज यह एक सामाजिक मुद्दा भी है। अगर घर में किसी महिला का periods का समय शुरु हो जाता है तो वो गुप-चुप तरीके से अपनी इस समस्या को छुपाती है। या यूं कहे घर कि बड़ी ladies द्वारा भी इसे छुपाने के लिए कहा जाता है। आज भी हमारे देश में ऐसी ladies की आबादी ज्यादा है जिनकी पहुंच इन sanitary napkins तक ना के बाराबर है। वो अपनी periods आने के समय आज भी कपड़े से बने कोथन का इस्तेमाल करती हैं जिसकी वजह से उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
बिग बॉस के फिनाले में अक्षय कुमार ने कहा
अक्षय कुमार ने बिग बॉस के फिनाले के दौरान बताया कि sanitary napkins से जुड़ी समस्या महिलाओं की बहुत बड़ी समस्या है। यह बहुत दुख की बात है की भारत में 91 प्रतिशत महिलाएं आज भी pad का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं, क्योंकि उनके पास इसे खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। मैंने इससे जुड़ी तमाम कहानियां सुनी हैं जो अभी मैं आपको बता नहीं पाऊंगा।'
अक्षय कुमार ने बतया कि उनकी आने वाली फिल्म 'पैडमैन' अगले 25 जनवरी को रिलीज हो रही है। फिल्म में periods और ladies की health पर फोकस करती है। फिल्म अरुणाचलम मुरुगननाथम की life से प्रेरित है। Arunachalam Tamil Nadu के कोयंबटूर के निवासी हैं। उन्होंने sanitary napkins बनाने के लिए दुनिया की सबसे सस्ती मशीन बनाई है।
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वो स्कूल ड्रॉप आउट है और उन्होंने पीरियड्स जैसी taboo को चैलेंज करने की ठानी। उनका मिशन देश भर की गरीब महिलाओं (खासकर गांव की महिलाओं) को सस्ते दाम पर sanitary napkins उपलब्ध कराना था। उनके पिता हैंडलूम वर्कर थे। उन्हें मशीन और पैंड्स की रुई के बारे में अच्छे से पता था। उन्हें 1998 में अपनी पत्नी शांति से पता चला कि periods के समय ladies को किन समस्याओं से गुजरना पड़ता है। उन्होंने पाया कि उनके गांव के आस-पास के area में sanitary napkins का इस्तेमाल बहुत कम होता है। 10 में से सिर्फ 1 lady ही इसका use करती है।
पैड्स बनाने के लिए सस्ती मशीन बनाई
उन्होंने जल्द ही रुई से sanitary pad बनाया और अपनी पत्नी से इसे use करने के लिए कहा, लेकिन वो फीडबैक पाने के लिए एक महीना इंतजार नहीं कर पाए। इसके पास वो अपनी बहन के पास गए, लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल करने से मना कर दिया। इसके बाद वो लोकल मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स के पास गए, लेकिन वहां भी किसी ने यूज नहीं किया। इसके बाद अरुणाचलम ने इसे खुद ट्राई करने का फैसला लिया।
उन्हें 2 साल 3 महीने यह पता लगाने में लग गए कि सेनेटरी पेड्स किन चीजों के बने होते हैं। इसके साढ़े चार साल बाद उन्होंने पैड्स बनाने के लिए सस्ती मशीन बनाई।
पैड मैन ने पीरियड्स के दौरान cleanliness के 5 important tips अपनाने को कहें
4 से 6 घंटों में sanitary pad को बदलें
पीरियड्स के दौरान अक्सर महिलाएं एक ही पैड को पूरा दिन इस्तेमाल करती हैं जिससे इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। इसलिए हर 4 से 6 घंटे बाद अपने sanitary pad को बदलना चाहिए। चाहे वह ज्यादा गंदा हुआ हैं या नहीं।
Cleanliness रखें
पीरियड्स के दिनों में सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। Periods के दौरान cleanliness रखें, अपने private parts को साफ और dry रखें। इन दिनों अगर आप सफाई का ध्यान नहीं रखेंगी तो आपको रैशेज की समस्या हो सकती हैं।
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साफ underwear का उपयोग करें
साफ underwear का उपयोग करें और उन्हें नियमित रूप से बदलते रहें। Pad की तरह अपने कपड़ों को लेकर भी खास ख्याल रखें। इन दिनों जितना पैड बदलना जरुरी होता है उतना ही अपने कपड़ों को भी बदलना और साफ कपड़ों जरुरी होता हैं।
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Personal cleanliness के product
Periods के दौरान personal cleanliness के product का चुनाव करें जैसे कि सेनिटरी पैड या menstrual-cup के उपयोग से cleanliness बनाए रखें।
व्यवस्थित तरीके से कूड़ेदान में डालें
पीरियड्स के दौरान इन सब चीजों के साथ-साथ sanitary pad को सही तरीके से फेंकना भी जरूरी होता है। इसलिए इस्तेमाल किए गए सेनिटरी product को व्यवस्थित तरीके से कूड़ेदान में डालें।
तो पैडमैन के इन सुझावों का आप कब से कर रही हैं पालन।
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