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इस एक्ट्रेस ने कहा, "5 प्रोड्यूसर्स मुझे आपस में बांटना चाहते थे"

अब इस साउथ इंडियन एक्ट्रेस ने कास्टिंग काउच का दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि 5 प्रोड्यूसर्स मुझे आपस में बांटना चाहते थे।
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-01-22, 14:55 IST

पता नहीं लोग दूसरों को इतना सेक्सुअली हैरेस क्यों करते हैं। खासकर तो अब जब लोग खुलकर इतना बोलने लगे हैं औऱ सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे हैं।

एक तो पहली बात की किसी को सेक्सुअली हैरेस नहीं करना चाहिए। 

दूसरी बात... अगर आप इतने ही desperate हो तो कम से कम अक्ल से तो काम लो। मतलब की चोरी तो ऐसे करो कि चोरी पकड़ी ना जाए। रोज नेट ऑन करो या पेपर पढ़ो तो सबसे पहले ये खबर आती है कि वहां रेप हुआ तो, उसने किसी को सेक्सुअली हैरेस किया। 

कल हरियाणा रेप को लेकर इतना बवाल मचा हुआ था और आज सुबह से ये साउथ इंडियन एक्ट्रेस का ये वीडियो वायरल हो रहा है। क्या चाहते हैं ये पुरुष? कि लड़कियां जीना छोड़ दे?

श्रुति हरिहरन हुई कास्टिंग काउच की शिकार

अब साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन ने अपने साथ हुई कास्टिंग काउच की घटना की बात कबूली है। हाल ही में एक वीडियो शेयर हो रहा है जिसमें श्रुति कह रही हैं कि कैसे एक प्रोड्यूसर और उसके साथ मिलकर अन्य 4 प्रोड्यूसर्स ने उन्हें समझौता करने के लिए कहा था। 

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एक इवेंट में एक बात कबूली

श्रुति ने इन बातों का खुलासा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 में किया। कॉन्क्लेव में बहस का टॉपिक था-  ‘सेक्स‍िज्म इन सिनेमा: टाइम टू एंड पेट्रीआर्की’।  श्रुति हरीहरन ने इस मुद्दे पर अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि ‘फिल्मों में लड़कियों के रोल को हमेशा सोसायटी में उसके लिए प्रचलित भावनाओं के आधार पर उतारा जाता है। अधिकतर फिल्मों में लड़कियों को बतौर कमोडिटी शूट किया जाता है, जिससे वह दिखने में सुन्दर और सेक्सी लगें। जिससे की फिल्म के चलने की संभावना बढ़ जाए।’ श्रुति वहीं कह रह रही हैं जो हम खुद भी महसूस करते हैं। अधिकतर फिल्मों में लड़कियां ऑब्जेक्ट की तरह ही यूज़ होती हैं।  

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श्रुति आगे कहती हैं, ‘फिल्मों में महिलाओं को होना जरूरी है या नहीं, इस फैसले से उन्हें कभी भी फिल्मों में नहीं रखा जाता। मतलब की महिलाओं को मुख्य भूमिका में नहीं रखा जाता। मुझे भी कास्टिंग काउच की स्थिति का सामना करना पड़ा है। एक कन्नड़ फिल्म के लिए कास्टिंग में गई थी और वहां मुझे इस स्थिति का सामना करना पड़ा। एक प्रोड्यूसर ने फिल्म देने के लिए कहा कि फिल्म में 5 प्रोड्यूसर हैं और वह किसी भी तरह से मेरा इस्तेमाल कर सकते हैं।’

किसी भी तरह इस्तेमाल करना... हद है। 

कोई चीज है क्या लड़कियां जिसका इस्तेमाल आप कैसे भी कर सकते हैं? 

चुप्पी कोई ऑप्शन नहीं

श्रुति आगे कहती हैं कि ‘चुप रहना महिलाओं के लिए कभी कोई ऑप्शन नहीं रहा। पब्लिक स्पेस महिलाओं के लिए पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है, क्योंकि सोसायटी पूरी तरह से पुरुष प्रधान है, लेकिन फिल्मों में महिलाओं की मौजूदगी से उम्मीद की जा सकती है कि महिलाएं पब्लिक स्पेस में अपने लिए जगह बना रही हैं।’

ना कहें

श्रुति महिलाओं से कास्टिंग काउच जैसी स्थिति का सामना करने के लिए ना कहने को बेस्ट ऑप्शन मानती हैं। श्रुति कहती हैं, ‘ज्यादातर लड़कियों को कास्टिंग काउच का सामना ‘ना’ कहकर करने की जरूरत है। इसके लिए केवल पुरुषों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। करियर बनाने के लिए कास्टिंग काउच पहला मौका जरूर दे देता है लेकिन इससे कभी भी करियर नहीं बनाया जा सकता।’ 

ये तो सही है। किसी के सहारे कभी भी कोई अपना करियर नहीं बना सकता। करियर बनाने का मतलब है INDEPENDENT होना। लेकिन आप जब किसी के सहारे करियर बना रही हैं तो आप तो dependent हुईं... ना कि independent.

सोचिएगा जरूर। 

यह विडियो भी देखें

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