महिला दिवस न केवल उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है, बल्कि यह महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में जारी प्रयासों की भी याद दिलाता है। पिछले कुछ सालों में भारत में कई महिलाओं ने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया है और आज वह करोड़ों की कंपनी संभाल रही हैं। लेकिन, कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो स्टार्टअप शुरू करना चाहती हैं, लेकिन वित्तीय चुनौती उनके सामने बाधा बनकर खड़ी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने कुछ स्पेशल लोन स्कीम्स शुरू की हैं, जो महिलाओं को आर्थिक मदद, मार्गदर्शन और बिजनेस को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करती हैं।
साल 2025 में मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना और स्त्री शक्ति योजना जैसी सरकारी लोन स्कीम्स महिलाओं के नेतृत्व वाले बिजनेस को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं के जरिए महिलाएं आसान शर्तों पर लोन ले सकती हैं और वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनकर खुद का स्टार्टअप शुरू कर सकती हैं। इस महिला दिवस, हम आपको 6 ऐसी सरकारी लोन स्कीम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो महिला एन्टरप्रेन्योर्स के लिए मजबूत सहयोग स्तंभ के रूप में काम कर रही हैं।
अन्नपूर्णा योजना (Annapurna scheme)
अन्नपूर्णा योजना खासतौर पर उन महिलाओं के लिए बनाई गई है, जो फूड कैटरिंग इंडस्ट्री में बिजनेस शुरू करना चाहती हैं। यह योजना महिलाओं को रेस्तरां, कैटरिंग बिजनेस और टिफिन सर्विस सहित फूड सर्विसेज से संबंधित बिजनेस शुरू करने या विस्तार करने में मदद करती है। इस योजना के तहत, महिलाएं 50,000 रुपये तक का लोन ले सकती हैं, जिसे 36 किस्तों में चुकाया जा सकता है। हालांकि, इस लोन को मंजूरी देने के लिए गारंटर और कोलैटरल की जरूरत होती है। इस योजना का उद्देश्य महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है।
मुद्रा लोन योजना (Mudra Yojana)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत, सरकार द्वार चलाई जाने वाली योजना मुद्रा लोन है, जो एन्टरप्रेन्योर्स को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत, 10 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है। यह लोन महिलाएं गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म बिजनेस के लिए ले सकती हैं। इस लोन के लिए कोई गारंटर या कोलैटरल की जरूरत नहीं होती है। इस लोन की ब्याज दर कम होती है, इसलिए महिलाएं आसानी से चुका सकती हैं।
मुद्रा लोन बैंकों, एनबीएफसी (NBFCs), माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFIs) और अन्य वित्तीय संस्थानों से लिया जा सकता है। इस लोन को तीन कैटगरी में बांटा गया है।
- शिशु लोन- नए स्टार्टअप के लिए 50,000 रुपये तक का लोन
- किशोर लोन- बढ़ते बिजनेस के लिए 50,000 से 5 लाख रुपये तक का लोन
- तरुण लोन- बिजनेस विस्तार के लिए 5 से 10 लाख तक का लोन
स्टैंड अप इंडिया योजना (Stand Up India scheme)
वित्त मंत्रालय द्वारा शुरू गई एक पहल है स्टैंड अप इंडिया योजना। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) एन्टरप्रेन्योर्स को अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना। यह योजना मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, व्यापार और कृषि से जुड़े बिजनेस के लिए ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट स्थापित करने में मदद करती है।
इस योजना के तहत, आप किसी भी बैंक से 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकती हैं। यह लोन केवल ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स के लिए उपलब्ध है यानी उन बिजनेस के लिए है, जो पहले से चालू नहीं हैं।
स्त्री शक्ति योजना (Stree Shakti Yojana)
केंद्र सरकार ने साल 2000 में स्त्री शक्ति योजना की शुरुआत की थी। यह योजना एन्टरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने और व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए डिजायन की गई है। इस योजना के तहत, महिला एन्टरप्रेन्योर्स को 2 लाख से अधिक के लोन पर 0.05 की ब्याज छूट मिलती है। इस योजना के जरिए लोन के लिए के लिए आवेदक को Entrepreneurship Development Program में नामांकन कराना जरूरी है।
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उद्योगिनी योजना (Udyogini Scheme)
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है उद्योगिनी योजना, जिसका उद्देश्य महिलाओं को बिजनेस शुरू करने और बिजनेस विस्तार में मदद के लिए आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, 40,000 रुपये से कम सालाना इनकम वाली महिलाओं को 1 लाख तक लोन दिया जाता है। आवेदक महिला उद्यमी की पारिवारिक सालाना आय 1.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। आवेदक की आयु 18 से 55 साल के बीच होनी जरूरी है।
महिला उद्योग निधि योजना(Mahila Udyam Nidhi Scheme)
यह भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (SIDBI) द्वारा शुरू की गई योजना है, जिसका उद्देश्य महिला उद्यमियों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, 10 लाख रुपये तक का लोन महिला उद्यमियों को उनके बिजनेस को शुरू करने के लिए दिया जाता है। हालांकि, इस लोन की ब्याज दरें अलग-अलग बैंकों के हिसाब से भिन्न हो सकती हैं। लोन चुकाने के लिए अधिकतम 10 साल का समय दिया जाता है, जिसमें 5 साल तक की मोरेटोरियम पीरियड भी शामिल होता है।
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