बच्चों की परवरिश के लिए भारत आई अमेरिकी मां, बताईं इंडिया आने की 6 बड़ी वजहें

आजकल जहां लोग भारत छोड़कर विदेश जा रहे हैं और उन्हें लगता है कि वहां वे खूब पैसे कमाएंगे और बच्चों को अच्छी परवरिश दे पाएंगे, तो यह आर्टिकल उन्हीं लोगों के लिए है। दरअसल, एक अमेरिकी मां अपने बच्चों की परवरिश के लिए पिछले 4 सालों से भारत में रह रही है और उसे लगता है कि बच्चों के पालन-पोषण के लिए इंडिया सबसे अच्छी जगह है।
6 big reasons why india is the best place to raise kids

आजकल भारत में पश्चिमी तौर-तरीके यानी वेस्टर्न कल्चर तेजी से बढ़ रहा है और कई भारतीय विदेश जाकर बस रहे हैं। उन्हें लगता है कि वे अपने बच्चों को विदेश में बेहतर परवरिश दे पाएंगे।

लेकिन, इन सबके बीच एक अमेरिकी मां का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने भारत को अपने बच्चों के लिए ज्यादा अच्छी जगह बताया है। कंटेंट क्रिएटर क्रिस्टन फिशर पिछले 4 सालों से भारत की राजधानी दिल्ली में रह रही हैं और यहीं अपने तीन बच्चों की परवरिश कर रही हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया है कि भारत में बच्चों को जो संस्कार, संस्कृति की समझ, कई भाषाओं को जानने का मौका, सामाजिक जुड़ाव और जमीन से जुड़ा जीवन मिलता है, वह अमेरिका जैसे देश में भी मिलना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि वह अपने बच्चों को ऐसा माहौल देना चाहती हैं जिसमें सफलता के अलावा, सेंसिटिविटी और इंसानियत भी हो।

why American parents prefer India for parenting

हम आपको इस आर्टिकल में क्रिस्टन फिशर द्वारा बताए गए वो 6 खास कारण बता रहे हैं जिनकी वजह से उन्हें लगता है कि भारत बच्चों की परवरिश के लिए अमेरिका से कहीं ज्यादा बेहतर जगह है।

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1. मजबूत पारिवारिक रिश्ते और सहारा देने वाला माहौल

भारत में सिर्फ पारिवारिक रिश्ते ही मजबूत नहीं होते, बल्कि आस-पड़ोस और दोस्ती का रिश्ता भी बहुत गहरा होता है। भारत में बच्चों की परवरिश सिर्फ़ माता-पिता नहीं करते, बल्कि उनके दादा-दादी, चाचा-चाची और चचेरे भाई-बहन भी करते हैं। जब सब लोग साथ बैठकर खाना खाते हैं और दादी-नानी कहानियां सुनाती हैं, तो वे बच्चों को जिंदगी के बारे में बहुत कुछ सिखा रही होती हैं। भारत में बच्चों की परवरिश के दौरान उन्हें संस्कार, प्यार और सुरक्षा दी जाती है। वहीं, पश्चिमी देशों में 'न्यूक्लियर फैमिली'का चलन है और वहां आमतौर पर माता-पिता ही बच्चों की परवरिश करते हैं।

2. संस्कृति से जुड़ाव जो बच्चों को जमीन से जोड़े रखता है

भारत रीति-रिवाजों, पुराने मूल्यों और पारिवारिक परंपराओं से भरा हुआ है। यहां बच्चे बड़ों के पैर छूकर बड़े होते हैं। भारत में हर त्योहार पर सिर्फ जश्न नहीं मनाया जाता, बल्कि उसे जीया जाता है। यहाँ बच्चों को दिवाली, होली और रक्षाबंधन जैसे त्योहार कई तरह की सीख भी देकर जाते हैं। ये त्योहार उनके अंदर गहराई और अपनापन लेकर आते हैं, जो किसी स्कूल या वर्कशॉप से नहीं आ सकती।

3. एक सरल और कृतज्ञता भरी जिंदगी

भारत में बच्चों को महंगे खिलौने या मोबाइल नहीं चाहिए होते, बल्कि उन्हें कीचड़ में खेलना, आम खाने के बाद उसे चेहरे पर लगाना और नंगे पांव सड़क पर दौड़ना जैसी चीजों में खुशी मिलती है। भारत में बच्चों की परवरिश करते समय उन्हें छोटी-छोटी चीजों में खुश होना सिखाया जाता है। उन्हें दिल में संतोष और आभार का भाव सिखाया जाता है।

benefits of raising kids in India

4. सुरक्षा और भावनात्मक आजादी का एहसास

भारत में हर दिन रहना सुकून भरा होता है। यहां बच्चे गली-मोहल्लों में आजादी से खेलते हैं। वे हंसते हैं, दौड़ते हैं और मस्ती-मजाक भी करते हैं। यहां पर पड़ोसी अपने बच्चे की तरह आपके बच्चों का ख्याल रखते हैं। अगर आपका बच्चा गली में खेल रहा है, तो कोई न कोई उसे देख रहा होता है।

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5. कम दबाव, ज्यादा बचपन की आजादी

भारत में बचपन को बचपन की तरह जिया जाता है। यहां बच्चा जब गिर जाता है, तो उसके अंदर डर नहीं बल्कि ताकत भर दी जाती है। बच्चे बिना डरे भारत में खुलकर सांस लेते हैं। उन्हें जल्दी बड़ा होने की कोई जल्दबाजी नहीं होती और उनके माता-पिता बच्चे के बचपन को शानदार बनाने में लगे रहते हैं।

6. रोजमर्रा की जिंदगी से मिलने वाला आध्यात्मिक सुकून

भारत में सुबह-सुबह मंदिर की घंटियों की आवाज सुनाई देती है, घरों से धूपबत्ती की महक आती है और कहीं शंख या मंत्रों की आवाज सुनाई देती है। भारत में बच्चे केवल परंपराएं नहीं सीखते, बल्कि अध्यात्म से भी जुड़ते हैं। यहां बच्चों को बचपन से मंत्र, चालीसा और आरती सिखा दी जाती है। उन्हें वेद-पुराण और ग्रंथों में मौजूद कहानियां सुनाई जाती हैं, जिनमें जिंदगी का सार छिपा होता है। भारत में आस्था के लिए कोई खास प्लानिंग नहीं की जाती, बल्कि यह रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होती है।

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Image Credit - instagram, freepik
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