हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र को बहुत महत्व दिया गया है। वास्तु में वस्तु, स्थान और रंगों से जुड़ी बहुत सारी बातें बताई गई हैं। खासतौर पर वास्तु शास्त्र में घर के कमरों की दिशा और दीवारों के रंग पर काफी नियम-कायदे बताए गए हैं। अगर आप इन नियमों का पालन करती हैं तो आपके घर में हमेशा ही सुख-समृद्धि बनी रहेगी। वैसे कई लोगों को भ्रम होता है कि वास्तु नियमों का पालन केवल तब किया जाता है, जब आपका अपना मकान हो। मगर ऐसा नहीं है, अगर आप फ्लैट भी खरीद रही हैं तो उसमें भी वास्तु नियमों का पालन जरूरी होता है।
तो चलिए जानते हैं कि वास्तु के हिसाब से फ्लैट कैसा होना चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें: ये 10 वास्तु टिप्स अपनाने से आपकी मैरिज लाइफ होगी एकदम खुशहाल
ड्राइंग रूम
किसी भी घर में प्रवेश करते ही जो सबसे पहला कमरा नजर आता है वह ड्राइंग रूम होता है। यह कमरा घर का सबसे खूबसूरत और चहल-पहल वाला स्थान होता है। इस कमरे में पूरा परिवार एक साथ बैठता है और साथ में समय बिताता है। वास्तु के हिसाब से इस कमरे को नॉथ्र-वेस्ट, साउथ या फिर वेस्ट दिशा में होना चाहिए। वास्तु के आधार पर फर्नीचर(फर्नीचर को इन टिप्स की मदद से दीजिये लॉन्ग लाइफ) जैसे भारी सामान को रखने के लिए साउथ-वेस्ट दिशा को सबसे अच्छा माना गया है। अगर आप अपने ड्राइंग रूम में फर्नीचर रख रहे हैं तो इस दिशा का विशेष ध्यान रखें।
बेडरूम
वास्तु के आधार पर आपका बेडरूम किस दिशा में है, यह भी आपकी लाइफ को प्रभावित कर सकता है। बेस्ट होगा कि आपका मास्टर बेडरूम घर के साउथ-वेस्ट कॉर्नर में हो। अगर आपका घर एक मंजिल से ज्यादा का है तो मास्टर बेडरूम(बेडरूम के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स) को घर की सबसे ऊपर वाली मंजिल में होना चाहिए । इस बात का भी ध्यान रखें कि मास्टर बेडरूम की छत एक सामान्य लेवल की बनी हो, इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और इस कमरे में रहने वाले लोगों का दिमाग भी शांत और स्थिर रहता है।
वॉशरूम
घर में वॉशरूम कहां होना चाहिए, इसका भी वास्तुशास्त्र में काफी महत्व है। हमेशा वॉशरूम को घर के नॉर्थ-वेस्ट या साउथ-वेस्ट दिशा में ही होना चाहिए । वास्तु के हिसाब से वॉशरूम कभी भी नॉर्थ-ईस्ट दिशा में नहीं होना चाहिए, ऐसा होने पर घर में नकारात्मक उर्जा का प्रवेश होता है। नॉर्थ-ईस्ट दिशा को केवल पार्किंग एरिया के लिए ही रखना चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें: वास्तु के हिसाब से धन लाभ के लिए ये टिप्स आजमाएं, मिलेगी समृद्धि और यश
किड्स रूम
घर में बच्चे हैं तो उन्हें भी स्पेस देना बहुत जरूरी है। अगर आप अपने बच्चे के लिए कोई ऐसा कमरा तैयार करवा रही हैं, जहां वह पढ़ सके, सो सके या खेल सके तो आपको वास्तु शास्त्र के आधार पर ही उस कमरे की दिशा चुननी चाहिए। बच्चों का कमरा (बच्चों के कमरे की सफाई के टिप्स) हमेशा ही नॉर्थ-वेस्ट दिशा में होना चाहिए। इतना ही नहीं, बच्चों के कमरे में हल्के रंगों से दीवारों को पेंट कराना चाहिए। दरअसल, वास्तु के अनुसार अगर आप बच्चों के कमरे में ब्राइट कलर्स का इस्तेमाल करेंगी तो वह ज्यादतर समय अपने में ही रहना पसंद करेंगे। इसी तरह बच्चों के कमरे में स्टडी टेबल को इस तरह से रखना चाहिए कि बच्चा जब भी पढ़ने के लिए स्टडी टेबल पर बैठे तो उसका मुंह ईस्ट दिशा में हो, इससे पढ़ाई में उसका ज्यादा मन लगेगा।
किचन
हर घर में रसोई एक ऐसा स्थान होता है, जहां से स्वाद और सेहत दोनों की जरूरतों को पूरा किया जाता है। वास्तु शास्त्र के आधार पर रसोई को हमेशा घर के साउथ-वेस्ट दिशा में होना चाहिए। इतना ही नहीं, जब रसोई में कोई खाना बना रहा हो तो उसका चेहरा ईस्ट दिशा में होना चाहिए, इससे खाना स्वादिष्ट बनता है और उसे पचाने में भी दिक्कत नहीं आती है। इसके साथ ही रसोई के कूड़े को हमेशा कवर करके किचन के साउथ-वेस्ट कॉर्नर में रखना चाहिए। रसोई में खाने-पीने का सारा सामान आपको साउथ दिशा में रखना चाहिए, इससे सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।एस्ट्रोलॉजर और वास्तु सलाहकार रिद्धि बहल के यह टिप्स आप भी अपना सकती हैं और इसके आधार पर अपना घर सजा सकती हैं। वास्तु से जुड़ी इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों