इस बात में कोई दो राय नहीं है कि महिलाओं के लिए हैंड बैग जरुरत के सामान के साथ एक फैशन स्टेटमेंट भी बन चुका है। आजकल मार्केट में कई तरह के हैंडबैग के ऑप्शन आ गए है। कई तरह की वैरायटी होने के बावजूद आज भी लेदर हैंडबैग महिलाओं के बीच बहुत पॉपुलर है। लेदर हैंडबैग महिलाओं को क्लासी और डीसेंट लुक देता है इस कारण महिलाएं लेदर पर्स की ओर ज्यादा आकर्षित होती है। हालांकि,असली लेदर की बनी चीजें महंगी होती है पर यह आपको रॉयल फीलिंग देती है। असली लेदर की कीमत ज्यादा होने के कारण मार्केट में डुप्लीकेट लेदर भी बहुत बिकने लगा है। इस डुप्लीकेट लेदर को फॉक्स लेदर (Faux Leather)भी कहते है।
आपके मन मन में भी यह सवाल आता होगा कि असली लेदर को किस तरह पहचाना जाए?असली लेदर की क्वालिटी कैसी होती है?यह कितने प्रकार के होते है?असली लेदर के हैंडबैग की प्राइस क्या है?आज हम आपको इस लेख के जरिए इन सभी सवालों के जवाब देगें कि किन तरीकों से आप सही और अच्छा लेदर हैंदबैग खरीद सकती है।
असली और नकली लेदर पहचानने के यह हैं तरीके-
असली और नकली लेदर में सबसे बड़ा फर्क होता है पैटर्न का। हम सभी को पता है कि असली लेदर जानवर की चमड़ी का बना होता है। इस कारण असली लेदर में इलास्टिसिटी (Elasticity)काफी ज्यादा होती है। इससे बने हैंडबैग में फिनिशिंग भी बहुत अच्छी होती है जबकि नकली लेदर में यह फिनिशिंग आपको नहीं मिलेगी। नकली लेदर को तैयार करने में कम कीमत लगती है इस कारण यह मार्केट में सस्ता मिल जाता है। वहीं असली लेदर को बनने में बहुत प्रोसेस से होकर गुज़रना पड़ता है जिस कारण यह महंगा होता है।
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अगर आप असली चमड़े की पहचान करना चाहती हैं तोहैंड बैगकी स्मेल को पहचानना बहुत जरूरी है। असली लेदर जानवर की खाल से बनता है जिसके कारण इसमें से जानवर के खाल की स्मेल आती है। जबकि नकली लेदर प्लास्टिक से बना होता है जिस कारण इसमें से प्लास्टिक की स्मेल आती है।
असली लेदर में कई तरह के पैटर्न मिलते है। यह पैटर्न इंसानों की स्किन की तरह ही होती है। इन पैटर्न में हमें दरारें,सिकुड़न जैसे निशान नज़र आने लगते है। कभी कभी असली लेदर में दाग-धब्बे भी नज़र आते है जबकि नकली लेदर में ऐसी कोई चीज़ नज़र नहीं आती। (ट्रिप पर होगी असानी अगर चुनेंगी सही ट्रैवल बैग्स)
असली लेदर की पहचान के लिए उसे थोड़ा सा रगड़े। रगड़ने पर वह हल्का लाल रंग का हो जाता है और उस पर निशान दिखाई देने लगता है। इसे मोड़ने पर इसके रंग में भी बदलाव दिखाई देने लगता है। इसके साथ ही सिलवटें भी नजर आने लगती है। वहीं नकली लेदर को मोड़ने पर यह मुड़ता नहीं है और अगर इसे ज्यादा मोड़ा जाए तो इसके रेशे टूटने लगते है। ऐसे में हैंड बैग पर रेशे नज़र आने लगते है।
आप जब भी हैंड बैग खरीदें तो इस बात का खास ख्याल रखें कि उसकी फिनिशिंग बहुत शार्प नहीं होनी चाहिए। ज्यादातर महिलाएं चमकदार दिखने वाले प्रोडक्ट को चुनती हैं,लेकिन ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए क्योंकि असली चमड़े की चीजों में इतनी अच्छी फिनिशिंग नहीं आती। ऐसा इस वजह से होता है क्योंकि असली जानवर की चमड़ी कही से मोटी और एक समान पतली नहीं होती है। इस कारण असली चमड़े के बने हैंड बैग थोड़े हार्ड होते हैं। वहीं नकली सिंथेटिक लेदर ज्यादा चमकदार और स्मूथ होते हैं।
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अगर आप इस बात का पता लगाना चाहती हैं कि हैंडबैग असली या नकली लेदर का बना है तो आप वॉटर टेस्ट करें। यह एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। आप अगर एक छोटी सी बूंद भी पानी की लेदर हैंड बैग पर डालेंगे तो वह बूंद को सोख लेगा पर सिंथेटिक पर ऐसा नहीं होगा। पानी की बूंद वैसी की वैसी ही रहेगी।
इन आसान उपायों से आप अपने हैंडबैग के लेदर की पहचान कर सकतीं हैं कि वह असली है या नकली है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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