अमूमन महिलाएं जब भी शॉपिंग करने जाती हैं तो उनके मन में यही इच्छा होती है कि उन्हें ब्रांडेड आइटम कम से कम दाम में मिल जाए और इसलिए अक्सर महिलाएं अलग-अलग मार्केट में घूमती हैं। कई बार घूमते हुए आपको ऐसी कई चीजें मिल जाती हैं, जो देखने में तो ब्रांडेड लगती हैं और उन पर उस ब्रांड का logo भी होता है, लेकिन उनके दाम काफी कम होते हैं।
ऐसे में यकीनन मन को काफी खुशी होती है और आप उसे बिना सोचे समझे उसे खरीद लेती हैं। इतना ही नहीं, कुछ वक्त तक आपको काफी अच्छा भी लगता है कि आपने ब्रांडेड आइटम को सस्ते दामों में खरीद लिया। लेकिन अगर कुछ दिन बाद वह सामान खराब हो जाए या फिर आपको वह क्वालिटी ना मिले तो आपको लगता है कि उस ब्रांड की चीज ही खराब है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता।
इसे जरूर पढ़ें-बॉलीवुड एक्ट्रेस जैसे डिज़ाइनर हैंड बैग्स को इस होलसेल मार्केट से सस्ते दाम पर खरीदें
दरअसल, कई जगह पर मार्केट में आपको ब्रांडेड चीजों की कॉपी मिलती हैं, जो बिल्कुल हुबहू होती है और महिलाएं सस्ते के चक्कर में उन्हें खरीद लेती हैं। जिससे बाद में उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। अगर आप भी मार्केट में शॉपिंग करने गई हैं तो आप इन आसान टिप्स की मदद से पहचान सकती हैं कि वह चीज ब्रांडेड है या नकली-
सिलाई
विभिन्न ब्रांड अपने सामान की सिलाई पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं। उनकी सिलाई बेहद clean और uniform होती है। इतना ही नहीं, डिजाइनर प्रॉडक्ट में हर एक स्क्वेयर इंच के बाद सिलाई की जाती है, ताकि वह अधिक मजबूत हो। यही कारण है कि लक्जरी आइटम थोड़ी महंगी होती हैं, क्योंकि वह अपने सामान की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए काफी मेहनत और प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। जबकि फेक प्रॉडक्ट के साथ ऐसा नहीं होता।
लोगो
किसी भी ब्रांड का logo वास्तव में उसकी पहचान होती है। ऐसे में आप उसी logo की मदद से पहचान कर सकती हैं कि वह असली है या नकली। नकली आइटम पर भी आपको ब्रांड का logo मिलेगा, लेकिन उसमें आपको थोड़ा-बहुत अंतर दिखेगा। जैसे कि ब्रांड के नाम से कोई एक एल्फाबेट गायब हो या फिर एक एल्फाबेट अधिक हो।
इसी तरह, वह एल्फाबेट में थोड़ी सी हेराफेरी भी करते हैं, जैसे a की जगह e का इस्तेमाल करना। इसलिए अगर किसी सामान को खरीदते समय आप किसी तरह की शंका में हैं तो उस कंपनी के logo को ध्यान से देखें।
फैब्रिक
कोई भी रियल सामान अपनी क्वालिटी से जाना जाता है। आप चाहे माने या ना माने, रियल और फेक सामान को हाथ में लेने से ही आपको खुद ब खुद अंतर महसूस होता है। दरअसल, जो ब्रांड लेदर का सामान बनाते हैं, वह रियल लेदर का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही वह अपने प्रॉडक्ट में हाई क्वालिटी मेटल बटन व अन्य चीजों का इस्तेमाल करते हैं, जबकि फेक प्रॉडक्ट में faux लेदर का इस्तेमाल किया जाता है।
इसे जरूर पढ़ें- इस तरह के कपड़े हैं शमा सिकंदर के फेवरेट, पर्स में होती हैं हमेशा ये तीन चीज़े
याद रखें कि रियल लेदर का uneven structure होता है और उसमें चमक भी नहीं होती। इस तरह आप फैब्रिक व सामान की क्वालिटी के आधार पर भी आसानी से अंतर कर सकती हैं।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों