चटनी किसे पसंद नहीं होती! पुदीना से लेकर आंवला और न जाने कितनी सारी चीजों से हम चटनी बना सकते हैं। धनिया की चटनी बनाना बहुत आसान होता है। पराठे हों या पकोड़े, धनिया की चटनी सभी चीज के साथ अच्छे से जम जाती है।
ताजे धनिया के पत्तों से बनी स्वादिष्ट हरी चटनी व्यंजनों का स्वाद बढ़ाती है और खाने में ताजगी लाती है। हालांकि, परफेक्ट धनिया चटनी बनाना उतना आसान नहीं है जितना लगता है। कई सामान्य गलतियां इसकी बनावट, स्वाद या शेल्फ लाइफ को खराब कर सकती हैं।
कई बार तो धनिया की चटनी कड़वी हो जाती है और ऐसे में यह बाकी चीजों का स्वाद भी बिगाड़ती है। इस लेख में आइए जानते हैं कि धनिया की चटनी बनाते वक्त किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
1. धनिया को ठीक से साफ न करना
सबसे आम गलतियों में से एक है धनिया के पत्तों को अच्छी तरह से साफ न करना। धनिया में अक्सर गंदगी, मिट्टी और छोटे कीड़े होते हैं जो चटनी के स्वाद और बनावट को प्रभावित कर सकते हैं। इससे बचने के लिए:
- धनिया के पत्तों को एक कटोरी पानी में कई बार धोएं ताकि सारी अशुद्धियां निकल जाएं।
- आप धनिया के पत्तों को छांटकर उसे कुछ देर नमक वाले पानी में रखें और फिर धोकर सुखा लें।
- चटनी को ज्यादा पानीदार बनाने से रोकने के लिए ब्लेंड करने से पहले पत्तों को थोड़ा सुखा लें।
2. केवल पत्तियों का उपयोग करना
बहुत से लोग चटनी बनाते समय गलती से धनिया के डंठल हटा देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे कड़वाहट बढ़ा देते हैं। तने स्वाद और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। कोमल तने शामिल करने से:
- चटनी का स्वाद बढ़ जाता है।
- बर्बादी कम करके इसे और अधिक किफायती बनाया जा सकता है।
- बस ध्यान रखें कि पत्ते और तने दोनों समान मात्रा में हों।
3. बहुत अधिक अदरक और लहसुन का इस्तेमाल
धनिया चटनी में बैलेंस बहुत जरूरी है। सभी मसालों का समान मिश्रण उसे स्वादिष्ट बनाता है। चटनी में अदरक और लहसुन अपना तीखापन और डेप्थ प्रदान करते हैं,लेकिन इनकी ज्यादा मात्रा चटनी को कड़वा कर सकती है।
- इसके लिए एक कप चटनी बनाने के लिए दो छोटी लहसुन की फली का उपयोग करें।
- इसके अलावा अदरक का एक चौथाई या उससे भी कम मात्रा में इस्तेमाल करें।
4. ब्लेंडर को ओवरलोड करना
अपने ब्लेंडर को एक साथ बहुत अधिक सामग्री से भरना एक और आम गलती है। ओवरलोड करने से असमान मिश्रण होता है, जिससे बिना प्रोसेस किए धनिया या मसालों के टुकड़े रह जाते हैं। इसके बजाय:
- स्मूथ और गांठ रहित चटनी के लिए छोटे बैचों में ब्लेंड करें।
- सुनिश्चित करें कि आपका ब्लेंडर जार सूखा हो और उसमें पहले से बचा हुआ कोई भी खाद्य पदार्थ न हो, जो स्वाद को बदल सकता है।
- अगर आपको लगता है कि मिर्च लहसुन या अदरक महीन नहीं पिसे हैं, तो एक-दो बार ब्लेंडर चलाकर उसे अच्छे से पीसें।
5. अम्लता को संतुलित करें
कड़वाहट को बेअसर करने में अम्लता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नींबू का रस या इमली जैसी सामग्री चटनी के स्वाद को बढ़ाने में मदद कर सकती है और इसे कड़वा होने से बचा सकती है।
- ब्लेंड करते समय थोड़ा सा ताजा नींबू का रस या थोड़ी मात्रा में इमली का गूदा डालें।
- बोतलबंद नींबू के रस का उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह उतनी ताजगी नहीं दे सकता है। इससे कड़वापन भी आ सकता है।
6. सही तरीके से स्टोर करें
चटनी लंबे समय तक चले या फिर यह कड़वी न हो, इसके लिए उसे सही ढंग से स्टोर करना जरूरी है। सही स्टोरोज इसे ऑक्सीडेशन से बचाता है और कड़वा होने नहीं देता।
- चटनी को हवा के संपर्क में आने से बचाने के लिए एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।
- इसे हमेशा रेफ्रिजरेट करें और बेहतरीन स्वाद के लिए 2-3 दिनों के भीतर इसका सेवन करें।
- चटनी को मेटल के कंटेनर में ज्यादा समय तक न रखें। चटनी में मौजूद खट्टापन मेटल से रिएक्ट होकर खराब होता है।
7. पुदीने का कम इस्तेमाल करें
धनिया चटनी में अक्सर पुदीने की पत्तियां डाली जाती हैं, ताकि स्वाद बढ़ जाए, लेकिन बहुत ज़्यादा पुदीना धनिया को दबा सकता है और कड़वाहट पैदा कर सकता है।
- संतुलित स्वाद के लिए धनिया और पुदीने की पत्तियों का अनुपात 2:1 रखें।
- तीखे, कड़वे स्वाद से बचने के लिए हमेशा ताज़े पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल करें।
आप भी इन ट्रिक्स को ध्यान रखें और किसी भी तरह की चटनी को बैलेंस करके बनाएं। हमें उम्मीद है कि ये ट्रिक्स आपके काम आएंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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