भारतीय घरों में अधिकतर लोगों के दिन की शुरूआत चाय के बिना अधूरी ही रह जाती है। अगर वह एक कप चाय का ना पिएं, तो सब कुछ अधूरा-अधूरा सा लगता है। इतना ही नहीं, शाम होते-होते भी चाय पीने की तलब लगती है। चाहे घर में कोई मेहमान आया हो तो भी उसके स्वागत में चाय ही सर्व की जाती है। ऐसे में अगर देखा जाए तो चाय लगभग हर घर का हिस्सा है और यह कई तरीकों से हमारी जिन्दगी से जुड़ा हुआ है।
लेकिन अगर आप एक टी लवर हैं तो यकीनन आप अपनी पसंदीदा चाय के बारे में और भी बहुत कुछ जानना चाहेंगी। चाय एक बेहद पॉपुलर ड्रिंक है और इसकी कई किस्में होती हैं, यह तो हम सभी को पता है। लेकिन क्या आप इसके अलावा भी चाय के बारे में कुछ जानती हैं। अगर नहीं, तो कोई बात नहीं। आज इस लेख में हम आपको चाय से जुड़े कुछ अमेजिंग फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं, जिसे जानने के बाद टी-लवर के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाएगी-
चीन से शुरू हुई चाय पीने की परंपरा
यह तो हम सभी को पता है कि पूरी दुनिया में चाय का उत्पादन सबसे अधिक चीन में किया जाता है। लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि चाय पीने की शुरूआत भी वहीं से हुई थी। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि एक बार चीन के राजा शैन नुंग के सामने गरम पानी का एक कप रखा हुआ था। अनजाने में उसमें चाय की कुछ सूखी पत्तियां गिर गई। जिसके बाद पानी का रंग बदल गया। यह देखकर राजा काफी अचंभित हुए। जब उन्होंने उसे गर्म पानी को पिया तो उन्हें उसका टेस्ट भी काफी अच्छा लगा। बस तभी से यह चाय पीने की परंपरा शुरू हुई।
बंद संदूक में रखी जाती थी चाय
यह भी एक हैरान कर देने वाला तथ्य है। दरअसल, 18वीं शताब्दी में चाय इतनी मूल्यवान थी कि इसे एक बंद संदूक में रखा जाता था - जिसे अब हम चाय की चायदानी कहते हैं। वी एंड ए संग्रहालय इसका एक उदाहरण है। 17 वीं शताब्दी के अंत में यूरोप में पेश की गई चाय एक बेहद ही मूल्यवान वस्तु थी। इसे सुरक्षित तालों के साथ एक बक्से में सुरक्षित रूप से रखा जाता था। उस समय, इन्हें आमतौर पर जाना जाता था ’टी चेस्ट’, हालांकि अब उन्हें आम तौर पर ’टी कैडीज’ के रूप में जाना जाता है। ऐसे बॉक्स में अक्सर विभिन्न प्रकार की चाय के लिए या चीनी के लिए दो या दो से अधिक डिब्बे होते हैं, जिन्हें ’चाय कैनिस्टर’ के रूप में जाना जाता है।
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1900 की शुरुआत में हुआ था टीबैग्स का आविष्कार
आज के समय में अधिकतर चाय का सेवन टी-बैग्स के जरिए किया जाता है। यह अधिक सुविधाजनक भी हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पहले टीबैग का आविष्कारकब हुआ था। दरअसल, 1901 में एक टी-लीफ होल्डर के लिए रॉबर्टा सी. लॉसन और मिल्वौकी की मैरी मोलारेन द्वारा एक पेटेंट दायर किया गया था। इसके बाद 1908 में, अमेरिकी व्यवसायी थॉमस सुलिवन ने रेशम के महीन पाउच में चाय के नमूने भेजे - जिसे ग्राहकों ने सीधे गर्म पानी में डुबो दिया। इसके बाद से ही लोगों ने टी-बैग्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
लगभग 3000 तरह की होती है चाय
जब भी चाय का नाम लिया जाता है, तो दूध की चाय से लेकर लोग ब्लैक टी, ग्रीन टी व हर्बल टी आदि का नाम लेते हैं। हो सकता है कि आपको 10-20 तरह की चाय के नाम भी ना पता हो। लेकिन पूरी दुनिया में चाय के लगभग 3,000 विभिन्न प्रकारों को पिया जाता है। यह पानी के बाद दुनिया भर में दूसरा सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय पदार्थ है।
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