Prachi Shevgaonkar: महिलाओं के बढ़ते कदम में आज हर जिंदगी आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में आपको बताने जा रही है, जो एक क्लाइमेट इनोवेटर है। वह न केवल नेशनल बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर पर्यावरण और प्रदूषित जलवायु को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।
प्राची ने 'कूल द ग्लोब' नामक क्लाइमेट एक्शन ऐप की संस्थापक हैं। इस ऐप को उन्होंने कॉलेज के छात्रावास में रहते क्रिएट किया। आज तक, 110 देशों के यूजर्स ऐप पर एक साथ आए हैं और 2 मिलियन किलोग्राम उत्सर्जन बचाया है। प्राची को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'यंग चेंज-मेकर ऑफ द ईयर' के रूप में सम्मानित किया है।
वह फिनलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ जलवायु नेतृत्व गठबंधन के सलाहकार बोर्ड में नियुक्त होने वाली सबसे कम उम्र की और पहली भारतीय नागरिक हैं। Google ने कूल द ग्लोब ऐप बनाने की उनकी यात्रा से प्रेरित होकर एक टीवी अभियान बनाया। वह टाटा पावर और उसकी सभी सहायक कंपनियों के लिए जलवायु परिवर्तन सलाहकार के रूप में कार्य करती हैं। वह कोलंबिया के राष्ट्रपति और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता जुआन मैनुअल सैंटोस के साथ वैश्विक युवा परिषद की संस्थापक सदस्य भी हैं, जिसका गठन वैश्विक समुदाय के लिए अस्तित्व संबंधी खतरों को संबोधित करने के लिए किया गया था।
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प्राची ने COP27 में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्हें पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से 'COP27 यंग स्कॉलर अवार्ड' मिला। प्राचीशेवगांवकर जब 18 वर्ष की थी, तो उन्होंने अपने समुदाय में परिवर्तन लाने का रास्ता ढूंढने का फैसला किया और पूरे भारत में यात्रा करते हुए एक साल बिताया, जिसमें युवाओं, किसानों और कचरा बीनने वाले समुदायों की कहानियां शामिल थीं, ताकि लोगों के दैनिक जीवन में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझाया जा सके। प्राची न केवल बड़े स्तर पर बल्कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नागरिकों को संगठित कर रही हैं।
वर्तमान में जहां दुनिया विकास के स्थायित्व युक्त लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही है, तो भारत में इस दिशा में नेतृत्व करने की क्षमता रखता है। कई पीढ़ियों से स्थायित्व हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। जलवायु के लिए किए जाने वाले प्रयासों को गंभीरता से लेने वाले देश भविष्य के प्रतिनिधि बनने वाले हैं। भारत के लिए प्राची का सपना यह है कि यह स्वच्छ, हरित और नवीकरणीय भविष्य की दिशा में दुनिया का मार्गदर्शक बने।
संयुक्त राष्ट्र का 2045 का लक्ष्य बहुत बड़ा है। इस लक्ष्य को पूरा करने में हमारे देश के युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। युवाओं में बदलाव लाने की बहुत ताकत होती है। मैंने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में बहुत से युवाओं से बात की, जिसमें मुझे पता चला है कि युवा इस समस्या को बहुत गंभीरता से लेते हैं। वे चाहते हैं कि दुनिया एक बेहतर जगह बने। इसीलिए मैं बहुत खुश हूं कि मुझे 'नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलोशिप' का नेतृत्व करने का मौका मिला है। इस कार्यक्रम के ज़रिए हम भारत के युवाओं को दुनिया की समस्याओं को सुलझाने में मदद कर रहे हैं।
कूल द ग्लोब का प्रबंधन करने के कारण, मुझे हजारों की संख्या में युवाओं के साथ बात-चीत करने का अवसर मिला है। इस अनुभव ने मेरे इस विश्वास को मज़बूत किया है कि, संयुक्त राष्ट्र 2045 के एजेंडा को का प्रचार-प्रसार करने और हमारे सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के इस प्रयास में, संभवतः युवा सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हो सकते हैं क्योंकि परिवर्तन लाने के लिए हमारे अंदर उत्साह और प्रतिबद्धता अद्वितीय है।
यह मेरे लिए गर्व की बात रही है कि मैं यू.एन. फाउंडेशन और सी.ई.ई.डब्ल्यू. द्वारा स्थापित नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलोशिप (Next Generation India Fellowship) का नेतृत्व कर रही हूं।
प्राची शेवगांवर से जानते हैं कि आखिर नेक्स्ट जनरेशन फेलो प्रोग्राम क्या है और यह किस प्रकार से काम करता है। नेक्स्ट जनरेशन फेलो प्रोग्राम किसी फेलोशिप से कहीं ज़्यादा है यह एक सोच, एक लक्ष्य और एक मूवमेंट है, जो प्रदूषित जलवायु और पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है।
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Image credit- Prachi Shevgaonkar Pr Team
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