न स्क्वैश कोर्ट और न कोच, फिर भी 13 साल की वसुंधरा नांगरे ने नहीं मानी हार...आज हैं देश की टॉप Squash खिलाड़ियों में शामिल

एक छोटे से शहर से आने वाली वसुंधरा नांगरे ने सुविधाओं के अभाव के बावजूद हार नहीं मानी। वसुंधरा ने काबिलियत, टैलेंट और हिम्मत के बल पर देश के टॉप स्क्वैश खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाई है। आइए, यहां जानते हैं वसुंधरा नांगरे की कहानी। 
Indian Squash Player

सपनों को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती है। अगर मन में चाहत और मेहनत करने की हिम्मत होती है, तो हर मुश्किल काम को किया जा सकता है। जी हां, ऐसा ही एक 13 साल की लड़की ने किया है। महज 13 साल की लड़की ने बिना कोच, बिना स्क्वैश कोर्ट के सिर्फ हिम्मत और मेहनत के दम पर देश के टॉप अंडर 15 स्क्वैश खिलाड़ियों में जगह बनाई है। जी हां, यहां हम बात करने जा रहे हैं महाराष्ट्र की वसुंधरा नांगरे के बारे में।

13 साल की वसुंधरा नांगरे ने बेहद कम उम्र में अपने सपनों की तरफ कदम बढ़ाकर अपनी उम्र के लोगों के साथ अन्य को भी प्रेरित किया है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित एक शांत से शहर कलंब की रहने वाली वसुंधरा नांगरे ने सपनों को पूरा करने की एक अलग कहानी लिख डाली है। वसुंधरा ने सीमित संसाधनों वाले एक छोटे शहर से होने के बावजूद देश के टॉप अंडर 15 स्क्वैश खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाई है। हिम्मत से रोम-रोम को जगाने वाली वसुंधरा नांगरे की कहानी बताती है कि कुछ कर गुजरने की भूख किस तरह से सफलता का आसमान छूने में मदद करती है।

शहर में नहीं था स्क्वैश कोर्ट, फिर ऐसे बनाई देशभर में पहचान

squash player vasundhara nangare

वसुंधरा नांगरे को जब पहली बार स्क्वैश से प्यार हुआ था, तब उनके 30 हजार से भी कम जनसंख्या वाले शहर कलंब में न कोई स्क्वैश कोर्ट, न कोई कोच और न ही कोई सुविधा थी। लेकिन, सुविधाओं के अभाव में भी वसुंधरा नांगरे ने हार नहीं मानी और ऑनलाइन वीडियो से सीख कर अपना गेम बेहतर बनाया।

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वसुंधरा नांगरे ने ऑनलाइन क्लासेस की मदद से अपने शुरुआती गेम्स को बेहतर बनाया, लेकिन सक्सेस उनके अंदर सक्सेस हासिल करने की भूख थी जिसने उन्हें और मेहनत करने की हिम्मत दी। वसुंधरा नांगरे की लाइफ में ट्विस्ट तब आया जब उन्होंने एक लोकल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। लोकल टूर्नामेंट में वसुंधरा नांगरे का परफॉर्मेंस इतना बेहतरीन था कि उसने स्पोर्ट्स स्किल और नॉन प्रॉफिट Chance2Sports के फाउंडर अभिनव सिन्हा और चेतन देसाई का ध्यान खींचा। वसुंधरा की क्षमता को पहचानकर स्पोर्ट्स स्किल और नॉन प्रॉफिट Chance2Sports के फाउंडर ने उसकी स्किल्स को इंप्रूव करने में सपोर्ट देने का फैसला किया।

सपोर्ट, ट्रेनिंग, सलाह और न्यूट्रिशन गाइ़डंस के साथ वसुंधरा का गेम इतना बेहतर हुआ कि आज वह देश की टॉप अंडर 15 स्क्वैश खिलाड़ियों में 8वें स्थान पर हैं। बिना फॉर्मल ट्रेनिंग से शुरुआत करने के बाद भी आज वसुंधरा ने यह मुकाम हासिल कर लिया है। वसुंधरा की यह कामयाबी हजारों और लाखों लड़कियों को अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत देती है।

टॉप 4 में अपनी जगह बनाना चाहती हैं वसुंधरा

vasundhara nangare achievements

वसुंधरा की सक्सेस साफ-साफ बताती है कि वह अपने हर टूर्नामेंट में पूरी तैयारी और खूब सारी मेहनत के साथ उतरती हैं। यही वजह है कि हर मैच के साथ उनका खेल बेहतर होता जा रहा है।

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वसुंधरा नांगरे स्क्वैश प्लेयर की अंडर-15 गर्ल्स कैटेगरी में टॉप 8 में जगह बनाने के बाद टॉप 4 में जगह बनाने के लिए मेहनत कर रही हैं। इसी के साथ उनकी नजर एशियाई जूनियर चैंपियनशिप पर भी है। वसुंधरा के टैलेंट और सक्सेस ने उनके शहर के कई लोगों को सपने पूरे करने की हिम्मत दी है। यही वजह है कि आज उनके होमटाउन कलंब के पांच से ज्यादा खिलाड़ी नेशनल लेवल पर कॉम्पिटिशन कर रहे हैं। वहीं वसुंधरा के सपनों को सपोर्ट करने वाला चांस2स्पोर्ट्स प्रोग्राम, कांगा किड्स प्रोग्राम के साथ मिलकर युवा एथलीटों को एक्सपोजर दे रहा है और उनके टैलेंट को निखारने में मदद कर रहा है।

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Image Credit: Herzindagi

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