इससे ज्यादा गौरव की बात भारत के लिए और क्या होगी जब उसके किसी एक नागरिक पर अमेरिका के ही राष्ट्रपति अपना हक जमाते हुए अमेरिका का होरी बताएं। कुछ ऐसा ही एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला को लेकर बीते सोमवार को हुआ। बीते दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को अमेरिकी नायिका बताया।
लड़कियों की रोल मॉडल
यह बीते सोमवार की बात है। जब वहां के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरिक्ष कार्यक्रम में अपना जीवन समर्पित करने और लाखों लड़िकयों की रोल मॉडल कल्पना चावला को अमेरिका नायिका बताया। डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान सोमवार को तब आया जब उन्होंने मई महीने को 'एशियन / अमेरिकन एंड पैसिफिक आइजलैंडर हैरिटेज मंथ' घोषित करते हुए संबंधित घोषणा जारी की।
भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक कल्पना चावला को लड़कियों का रोल मॉडल बताते हुए ट्रंप ने कहा , ‘‘भारतीय-अमेरिकी कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला थीं जो अंतरिक्ष में गयी थीं और अंतरिक्ष यान कार्यक्रम तथा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर आने-जाने वाले इसके विभिन्न मिशनों में अपने समर्पण के कारण अमेरिकी नायिका बन गईं।’’
उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धि के कारण कांग्रेस ने मरणोपरांत उन्हें ‘स्पेस मेडल ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया और नेशनल एरोनॉटिक्स एवं स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने मरणोपरांत उन्हें नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक तथा विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया। ट्रंप ने कहा, ‘‘कल्पना चावला का साहस और जुनून अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखने वाली लाखों अमेरिकी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बन गया।’’
2003 में हुई थी मौत
कल्पना अंतरिक्ष में पहुंचने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। उन्हें अंतरिक्ष से काफी प्यार था और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अंतरिक्ष को जानने में लगा दी थी। उनकी मौत भी 2003 में अंतरिक्ष से वापस लौटते समय हुई थी जब उनका अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में पुन: प्रवेश कर रहा था। अंतरिक्ष यान कोलंबिया से संबंधित हादसे में जान गंवाने वाले चालक दल के सात सदस्यों में शामिल थीं।
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चंडीगढ़ से ली थी ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री
ट्रंप ने उन्हें लाखों लड़कियों का प्रेरणास्रोत बताते हुए अमेरिका का नागरिक कहा है। वह अमेरिका की नागरिक हैं भी लेकिन उससे पहले वह भारत की हैं और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई इंडिया में ही की थी। उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री पूरी की थी। साल 1982 में वह मास्टर्स डिग्री के लिए यूनाइटेड स्टेट गईं। कल्पना ने ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग पूरी की। साल 1988 में कल्पना ने नासा में काम शुरू किया और साल 1997 में पहली बार स्पेस में उड़ान भरी थी। 2003 में उन्होंने दूसरी बार स्पेस में उड़ान भरी थी और पृथ्वी पर वापस लौटते समय उनकी मौत हो गई थी।
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