भारतीय महिलाओं ने जहां एक तरफ शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदियां हासिल की हैं वहीं खेल में भी वो किसी से पीछे नहीं है। कोई भी खेल क्यों न हो महिलाएं हर जगह हमेशा पहले स्थान पर ही रहती हैं। ऐसे ही खेलों में से एक है भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी। जी हां, जब भी हॉकी के खेल की बात आती है महिलाओं की हॉकी टीम सभी के दिमाग में जरूर आती है।
भारतीय हॉकी टीम की दिग्गज महिलाओं में से एक हैं 29 साल की सुशीला चानू, जो इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारत की तरफ से हॉकी टीम के लिए क्वालीफाई हुई हैं। सुशीला भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान भी हैं और कई बार अपना विजय पताका लहरा चुकी हैं। महिला हॉकी टीम की टोक्यो 2020 ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीदें बरकरार हैं। भारतीय हॉकी टीम शुरुआती दौर में हार गई थी और अब दक्षिण अफ्रीका से 4-3 से जीतकर अभी भी मुकाबले में बनी हुई है। आपको बता दें कि भारतीय महिला हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर सेमी फाइनल में पहुंच गयी है। यदि भारतीय हॉकी टीम आगे आने वाले समय में सारे मैच जीत गई तो इस बार के ओलंपिक्स में टीम की जीत निश्चित है। आइए जानें इस बार हॉकी की टीम से टोक्यो ओलंपिक्स में भारत को जीत दिलाने के लिए तैयार सुशीला चानू के जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें।
सुशीला चानू का जन्म 25 फरवरी, 1992 को मणिपुर के इंफाल में हुआ था। उनके पिता का नाम श्यामसुंदर और माता का नाम ओंगबी लता है। साल 1999 में मणिपुर में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के दौरान चानू एक फुटबॉल मैच देखने के लिए अपने पिता के साथ गईं जहां से उनकी खेलों के प्रति रूचि बढ़ गई और उन्होंने महज 11 साल की छोटी सी उम्र से ही हॉकी खेलनी शुरू कर दी। उन्होंने इतनी कम उम्र में भारत में पोस्टीरियर हॉकी अकादमी मणिपुर में हॉकी खेलना शुरू किया, जहां उन्होंने औपचारिक कोचिंग प्राप्त करनी शुरू की। चार साल बाद वह भारत के मध्य प्रदेश में स्थित ग्वालियर शहर की हॉकी अकादमी में चली गईं। सुशीला चानू पूर्व भारतीय हॉकी टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं और उनके नाम कुल 150 अंतर्राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने का खिताब है। सुशीला इस बार टोक्यो ओलंपिक्स में हॉकी की टीम में क्वालीफाई होने वाली एक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं और भारत को जीत दिलाने का पूरा जज़्बा रखती हैं।
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सुशीला बेहद सौम्य स्वभाव की हैं और साल 2010 से मध्य मुंबई रेलवे में एक जूनियर टिकट कलेक्टर के रूप में भी काम करती हैं। जर्मनी के मोंचेनग्लादबाक में 2013 जूनियर विश्व कप में कांस्य पदक जीतना उनके जीवन के सबसे ज्यादा सुखद अनुभवों में से एक है।
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भारत की ओर से हॉकी टीम का अहम् हिस्सा सुशीला चानू पूरी टीम के साथ भारत को जीत दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।
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Image Credit: instagram .com @ sushilachanu and wikipedia
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