Birth Anniversary: सुषमा स्वराज की जिंदगी के कुछ अहम किस्से, जिन्होंने बना दिया उन्हें लोगों का फेवरेट

सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनकी कमी तो हमेशा खलेगी, लेकिन उनकी जिंदगी के कुछ किस्से हमेशा लोगों को  याद आएंगे। 

important facts in life of sushma swaraj

अगर हम देश के सबसे सफल विदेश मंत्रियों की लिस्ट बनाएं तो उसमे शायद सबसे ऊपर नाम आएगा सुषमा स्वराज का। वो सुषमा स्वराज जो मोदी सरकार की कैबिनेट में सबसे खास मंत्रियों में से एक रही हैं और साथ ही साथ वो लोगों की बहुत चहेती भी रही हैं। सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 यानी वैलेंटाइन डे के दिन हुआ था। उनकी शख्सियत के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलता है।

6 अगस्त 2019 को सुषमा स्वराज का निधन हो गया था। 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ था। दिल्ली के AIIMS अस्पताल में उन्हें भर्ति करवाया गया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी। मृत्यु के कुछ देर पहले तक वो अपने काम ही निपटा रही थीं। आखिरी ट्वीट में भी वो कह रही थीं कि वो अपनी जिंदगी में ये दिन देखने का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं। ये ट्वीट Article 370 के बारे में थी जो कश्मीर से हट गया है।

सुषमा स्वराज पहली ऐसी विदेश मंत्री थीं जिनके आने के बाद शायद लोगों ने ये समझा कि असल में विदेश मंत्रालय का काम क्या होता है। एक ट्वीट पर लोगों के लिए हाजिर रहने वाली सुषमा स्वराज की जिंदगी बहुत रोचक रही है। सुषमा स्वराज वो महिला थीं जिन्होंने अपनी जिंदगी में कई कीर्तिमान गढ़े।

Sushma Swaraj

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1. 13 दिन की सरकार में भी बनीं थीं मंत्री-

सुषमा स्वराज ने अपना राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विध्यार्थी परिषद से शुरू किया था और उसके बाद वो भाजपा से जुड़ गईं। क्योंकि पिता पहले से ही आरएसएस का हिस्सा थे इसलिए उनका झुकाव शुरू से ही भाजपा की तरफ रहा। एनसीसी से लेकर डिबेट में जीतने तक सुषमा स्वराज हम मौके पर अव्वल रहीं और बिना किसी हिचकिचाहट अपने आगे आई हर मुश्किल का सामना वो करती रहीं।

Sushma Swaraj Unseen photos

सुप्रीम कोर्ट की वकील होने के बाद भी वो राजनीति में अपनी पहचान बनाने की ओर बढ़ीं। वो 1990 के दशक से ही भाजपा को मजबूत बना रही थीं। अटल बिहारी वाजपेयी की बहुचर्चित 13 दिन की सरकार जो 1998 में सिर्फ 13 दिन में गिर गई थीं उसमें सुषमा स्वराज सूचना एवं प्रसार मंत्री बनाई गई थीं। सरकार के गिरने के बाद 1999 में फिर लोकसभा चुनाव सुषमा स्वराज नेसोनिया गांधीके खिलाफ लड़ा। वो चुनाव तो नहीं जीत पाईं, लेकिन सिर्फ कुछ वोटों से पीछे रहने के बाद उनका राजनीतिक कद जरूर बढ़ गया। उनकी शादी 1975 में ही हो चुकी थी, लेकिन कभी उन्होंने अपनी शादी को काम के बीच में नहीं आने दिया। ये वो समय था जब महिलाओं को लेकर भारत में बदलाव हो रहे थे।

3. बहुत ही रोचक लव स्टोरी-

सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की लव स्टोरी भी बहुत खास रही है। कॉलेज के समय से ही उनका प्यार परवान चढ़ा था। सुषमा शर्मा जो हरियाणा के एक कट्टर परिवार से ताल्लुक रखती थीं उनके परिवार को स्वराज कौशल से शादी मंजूर नहीं थी। हालांकि, दोनों की शादी के लिए बाद में सब मान गए। स्वराज कौशल उस समय सुप्रीम कोर्ट के वकील थे। बाद में वो मिजोरम के गवर्नर के तौर पर भी रहे हैं। 13 जुलाई 1975 को इमर्जेंसी के दौर में उनकी शादी हुई। सुषमा ने सिर्फ यहीं कुछ अलग नहीं किया बल्कि उन्होंने सुषमा कौशल की जगह सुषमा स्वराज बनने का फैसला लिया। उस समय इस बात को कई लोगों ने सराहा था। हाल ही में जब सुषमा स्वराज ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था तो स्वराज कौशल जी ने मजाकिया अंदाज में कहा था कि वो इस फैसले से बहुत खुश हैं और वो अब जवान नहीं रहे कि वो सुषमा जी के साथ-साथ घूम लें। उनकी लव स्टोरी सभी के लिए एक प्रेरणा बनी रही।

Sushma Swaraj with husband

2. पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देनी वाली विदेश मंत्री...

सुषमा स्वराज एक ऐसी विदेश मंत्री थीं जिनसे पाकिस्तान थर-थर कांपता था! कम से कम वहां के मंत्रियों के पास तो सुषमा स्वराज की बातों का जवाब नहीं होता था। शायद यही वजह थी कि हाल ही में हुई OIC (Organisation of Islamic Cooperation) की बैठक में जहां पाकिस्तान को इस बात का बुरा लगा कि सुषमा स्वराज को क्यों चीफ गेस्ट के तौर पर रखा गया वहीं दूसरी ओर UN में भी हमेशा पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया।

सुषमा स्वराज ने ट्विटर से ही पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन को चारों खाने चित्त कर दिया था। यकीन नहीं आता तो ये ट्वीट देख लीजिए-

इसपर सुषमा जी का जवाब भी देख लीजिए-

सुषमा स्वराज की मृत्यु के बाद चौधरी फवाद हुसैन ने ट्वीट कर शोक भी जताया।

3. विदेश में कैद भारतीयों की मदद-

सुषमा स्वराज को हमारा फेवरेट विदेश मंत्री इसीलिए बताया जाता था क्योंकि वो सिर्फ देश के ही नहीं बल्कि विदेश में फंसे भारतीयों की भी मदद करती थीं। हामिद हो या गीता जिन्हें पाकिस्तान की जेलों से छुड़वाया गया था। ये सब कुछ सुषमा स्वराज की कोशिशों के कारण ही हुआ था। सुषमा स्वराज को लेकर एक समय पर ये कहा जाने लगा था कि न तो उनसे पहले ऐसा विदेश मंत्री हुआ है न ही आगे कभी होगा जिसे न सिर्फ सरकार के समर्थक बल्कि विपक्ष के लोग भी पसंद करते हैं।

Sushma Swaraj with Modi

4. जब संसद में कहा था 'हां, हम साम्प्रदायिक हैं..'

सुषमा स्वराज जैसी वक्ता किसी भी भारतीय पार्टी में मिलना मुश्किल है। वो जो भी बोलती थीं एकदम ठोस बोलती थीं। यही कारण है कि सुषमा स्वराज का एक भाषण अभी तक प्रसिद्ध है। ये संसद में दिया उनका सबसे शक्तिशाली भाषण माना जाता है जिसमें उन्होंने कहा था कि 'हां, हम साम्प्रदायिक हैं..' इसके बाद भारत में उनके फॉलोवर्स बहुत ज्यादा बढ़ गए थे। इस भाषण को आप भी सुन लीजिए एक बार सुनना तो बनता है। इस समय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भी सुषमा स्वराज के लिए तालियां बजाई थीं।

5. तबियत बिगड़ने से 1 घंटे पहले तक कर रही थीं काम-

देश के जाने माने वकील हरीश साल्वे ने सुषमा स्वराज से उनकी तबियत बिगड़ने के 1 घंटे पहले ही बात की थी। ये बात करीब 8.50 PM को हुई थी। हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव का केस लड़ा था और सिर्फ 1 रुपए फीस लेने की बात कही थी। सुषमा स्वराज ने बात करते हुए हरीश साल्वे से कहा था कि वो आकर अपनी 1 रुपए फीस ले जाएं। इसके बाद 9.30 बजे रात में AIIMS ले जाना पड़ा और 10.50 बजे रात में आधिकारिक तौर पर उनकी मृत्यु की घोषणा हो गई।

6. संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण-

सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा में बतौर विदेश मंत्री हिंदी में दिए अपने भाषणों के लिए याद रखी जाएंगी। ऐसे ही एक भाषण में उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा था, ‘‘आप हमारी नीति पर सवाल उठाते हैं। पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर नवाज शरीफ जी ने पहले भी 4 फॉर्मूला सुझाए थे, तब भी हमने कहा था कि फॉर्मूला केवल एक है। पाकिस्तान आतंकवाद को छोड़ दे। जब सीमा पर जनाजे उठ रहे हों, तो बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती।’’

Sushma Swaraj Facts

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वो सुषमा जिसने कई लोगों को 'स्वराज' का मतलब समझाया..

NCC कैडेट से लेकर देश की सबसे चर्चित विदेश मंत्री तक सुषमा स्वराज ने हर मौके पर अपना काम पूरा किया है। अपने पति और बेटी के प्रति अपना कर्तव्य निभाया और साथ ही साथ अपने देश के प्रति भी पूरे सम्मान के साथ अपनी जिंदगी न्योछावर कर दी।

ये वो सुषमा स्वराज थीं जिन्हें लोग न सिर्फ इज्जत देते थे बल्कि प्यार भी करते थे। सुषमा स्वराज की जिंदगी देश से शुरू होकर देश पर खत्म हो गई। ऐसी महान शख्सियत को शत-शत नमन।

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