आईएएस की परीक्षा देश की सबसे कठीन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। लगभग हर युवाओं का पहला सपना होता है- आईएएस अधिकारी बनना। इसके लिए सभी जमकर मेहनत भी करते हैं, लेकिन हर किसी को सफलता हाथ नहीं लगती है। कई उम्मीदवार एक बार एग्जाम न पास करने के बाद ही हार मान लेते हैं। हालांकि, कुछ कैंडिडेट अपने हौसलों पर इतने बुलंद होते हैं कि पहले ही प्रयास में वो कामयाब भी हो जाते हैं और उन्हीं में से एक है- आईएएस ऑफिसर रेनू राज की सफलता की कहानी। दरअसल, रेनू ने साल 2014 में यह कठिन परीक्षा पास कर दूसरी रैंक हासिल की थी। वो आईएएस ऑफिसर बनने से पहले एक डॉक्टर थी और उनके पिता एक बस कंडक्टर थे। रेनू दिन में 6 से 7 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। तो चलिए इसी के साथ आज हम रेनू के सक्सेस होने के पीछे की कहानी को जान लेते हैं।
MBBS के बाद की यूपीएससी की तैयारी
डॉ रेनू ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोट्टायम के चांगनास्सेरी के सेंट टेरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से की थी। बाद में, उन्होंने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया और पढ़ाई के बाद वह सर्जन भी बनीं। इसके बाद रेनू ने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया। हालांकि, रेनू शुरू से ही पढ़ाई में काफी तेज थीं। उन्होंने यूपीएससी क्लियर करने के लिए दिन-रात एक करके मेहनत की। आखिरकार उन्होंने अपने आईएएस बनने के सपने को साकार भी किया।
पहले प्रयास में मिली थी ये रैंक
रेनी राज यूपीएससी की तैयारी घंटों पढ़ाई करती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तैयारी के लिए उन्होंने एनसीईआरटी के किताबों की मदद ली थी। साल 2014 में रेनू ने न सिर्फ यूपीएससी क्रेक किया, बल्कि भारत में दूसरी रैंक भी हासिल की। उनकी इस कामयाबी ने परिवार वालों के साथ हर युवाओं को भी प्रेरणा मिली। इस तरह रेनू ने अपनी सफलता से अपने परिवार का नाम रोशन किया।
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आईएएस श्रीराम वेंकटरमण से हुई शादी
आईएएस रेनू का हमेशा लोगों की मदद करना चाहती थीं। उनका मानना था कि बतौर डॉक्टर वह ज्यादा से जयादा 50 से 500 मरीजों की ही मदद कर सकती हैं, लेकिन यदि वो सिविल सेवा पास करके ऑफिसर बनती हैं, तो वह बड़ी संख्या में लोगों की मदद करने में सक्षम हो पाएंगी। बात उनकी पर्सनल लाइफ की करें तो डॉ. रेनू राज ने साल 2022 में आईएएस अधिकारी श्रीराम वेंकटरमण से शादी की थी।
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Image Credit- Herzindagi
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