जानें कौन हैं NoDowry Shaadi की सीमा सिंह, दहेज प्रथा के खिलाफ चला रही हैं मुहिम

आइए जानें NoDowry Shaadi वेबसाइट की सीमा सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ बातें जो आपको भी प्रेरणा दे सकती हैं।

story of seema singh

हमारे देश ने आज चाहे कितनी भी उन्नति क्यों न कर ली हो लेकिन दहेज प्रथा ने आज भी अपने पांव पसारे हुए हैं। शादी में दहेज देने और लेने की रीति न जाने कितनी पुरानी है लेकिन आज भी इस प्रथा पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है। कभी ख़ुशी से इस प्रथा को स्वीकार करना, तो कभी मजबूरी में बेटी को अच्छे घर में व्याहने के बारे में सोचकर दहेज का सामान जुटाना आज भी एक पिता की प्राथमिता है। हम कितने भी पढ़े लिखे समाज का हिस्सा क्यों न हों लेकिन इस प्रथा को जड़ से मिटा पाने में नाकाम ही हैं। कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस बुरी प्रथा के लिए अपनी आवाज बुलंद की और इसे समाज से भले ही पूरी तरह ख़त्म न किया हो लेकिन काफी हद तक इसे कम करने की कोशिश जरूर की है।

ऐसी ही हस्तियों में से एक हैं NoDowry Shaadi वेबसाइट की फाउंडर सीमा सिंह। NoDowry Shaadi वेबसाइट एक ऐसी मैच मेकिंग वेबसाइट है जिसके जरिए आप बिना दहेज के ही अच्छे रिश्ते जोड़ सकते हैं। इसमें उन लोगों का ही प्रोफ़ाइल अपलोड किया जाता है जो बिना दहेज की शादी को प्राथमिकता देते हैं। सीमा सिंह जो कभी एक साधारण सी होम मेकर थीं, एक घटना ने उन्हें इस वेबसाइट की शुरुआत करने की प्रेरणा दी। हमने सीमा सिंह से एक इंटरव्यू के दौरान ये जानने की कोशिश की कि आखिर उन्हें इतना बड़ा कदम उठाने की प्रेरणा कहां से मिली और कैसे वो होममेकर से एक बिजनेस वूमेन बनीं। आइए जानें सीमा सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी।

आपको No Dowry Shaadi शुरू करने की प्रेरणा कैसे मिली?

NoDowry Shaadi एक ऐसी मैचमेकिंग वेबसाइट है जो पुरुष और महिलाओं की दहेज प्रथा के खिलाफ है। इस वेबसाइट की शुरुआत करने की प्रेरणा सीमा सिंह को तब मिली जब उनकी खुद की बेटी की शादी दहेज की वजह से टूट गयी। सीमा जी बताती हैं कि पहले वो एक साधारण होममेकर थीं और उन्होंने बड़ी ही मुश्किलों के बाद अपनी बेटी के लिए एक अच्छा रिश्ताढूंढ़ालेकिन बेटी की सगाई के बाद लड़के वालों की दहेजको लेकर मांग धीरे-धीरे बढ़ने लगी और उन्होंने लगभग 15 लाख की मांग रख दी। इसकी वजह से सीमा जी को बेटी की सगाई तोड़नी पड़ी और उन्हें उसी दिन से एक ऐसे पोर्टल की शुरुआत करने की प्रेरणा मिली और उन्होंने सोचा कि ऐसे कई लोग हो सकते हैं जो इसी तरह की समस्या से गुज़रे होंगे और ऐसे रिश्तों की तलाश कर रहे होंगे जहां दहेजकी कोई भागीदारी न हो। उन्होंने इस वेबसाइट की शुरुआत GoDaddy के साथ की थी और अब तक ये मैच मेकिंग वेबसाइट कई रिश्ते जोड़ चुकी है।

जब आपने ये वेबसाइट शुरू की तब परिवार वालों ने आपका कितना साथ दिया?

seema singh no dowery shadi founder

सीमा जी बताती हैं कि एक साधारण महिला का बिजनेस वुमेन बनना और अपनी वेबसाइट की शुरुआत करना बहुत ही मुश्किल काम था जो परिवार के सपोर्ट के बिना लगभग असंभव ही था। इसलिए उनके परिवार के सभी लोगों ने खासतौर पर उनके पति और उनकी बेटियों ने पूरी तरह से इस काम में साथ दिया जिससे वो आगे बढ़ सकीं।

आपको क्या लगता है कि आज भी दहेज के कारण लड़कियों की शादी टूट रही है?

सीमा जी का मानना है कि भले ही लोग आजकल पढ़े लिखे क्यों न हों और आगे बढ़ गए हों लेकिन फिर भी कभी किसी उपहार के नाम पर या फिर शगुन के नाम पर दहेज दिया और लिया जाता है। आज भी कई ऐसे परिवार हैं जिनकी नासमझ सोच की वजह से दहेज प्रथा बढ़ती जा रही है और शादियां तय होने के बाद या फिर कुछ रस्मों के होने के बाद भी टूटती जा रही हैं। यही नहीं आज भी न जानें कितनी लड़कियां शादी के बाद एक पढ़े लिखे समाज में भी दहेज की प्रताड़नाओं को झेलती जा रही हैं।

आप दहेज प्रथा के खिलाफ पहले से थीं या फिर बेटी की शादी टूटने के बाद ही प्रेरणा मिली?

सीमा जी बताती हैं कि वो दहेजप्रथा के खिलाफ (फैशन डिज़ाइनर ने दहेज़ प्रथा के खिलाफ निकाला एक ब्राइडल कलेक्शन)हमेशा से थीं लेकिन सही मायने में उन्हें इस बात का एहसास तभी हुआ जब उनकी खुद की बेटी की शादी दहेजकी वजह से टूट गई। दरअसल किसी भी सही और गलत का एहसास तब ज्यादा हो पाता है जब वो खुद ही किसी गलत दौर से गुजरता है। ऐसा ही सीमा जी के साथ भी हुआ और उन्होंने दहेज प्रथा के लिए एक मुहिम चला दी।

आपका अभी तक का सबसे बड़ा अचीवमेंट क्या है?

सीमा जी की वेबसाइट से अब तक हजारों लोग जुड़ चुके हैं जिसमें NGO भी शामिल हैं। उनकी वेबसाइट के जरिए कई लोग अभी तक बिना दहेजकी शादी कर चुके हैं और ये सीमा जी के लिए सबसे बड़ा अचीवमेंट है।

बेटी की शादी एक बार दहेज की वजह से टूट गयी लेकिन क्या दोबारा शादी होने पर दहेज की डिमांड नहीं की गयी ?

दरअसल सीमा जी ने जब दोबारा अपनी बेटी की शादी के लिए कोशिश करनी शुरू की तब उन्होंने ऐसे ही लड़के को देखना शुरू किया जो दहेजप्रथा को किसी भी रूप में स्वीकार न करता हो। उन्होंने कई रिश्ते देखे और तभी अपनी बेटी की शादी की जब उन्हें बेटी के लिए सही रिश्ता मिल गया। सीमा जी अपनी तरह कई माताओं को इस बात की प्रेरणा देती हैं कि जब वो किसी भी रूप में दहेज देना और लेना स्वीकार नहीं करेंगी तभी इस बुरी प्रथा का पूरी तरह से अंत हो पाएगा और बेटियां अपने ससुराल में खुश रह पाएंगी।

आपने अभी तक कितनी लड़कियों की शादी दहेज प्रथा के बिना करने में मदद की है?

shadi without dowery

अब तक सीमा जी की वेबसाइट से हजारों लड़कियां जुड़ चुकी हैं और ये वेबसाइट लड़कियों के लिए पूरी तरह से फ्री सर्विसेस देती है। अब तक सीमा जी कई लड़कियों का ऑनलाइन और ऑफलाइन रिश्ता बिना दहेजके जोड़ चुकी हैं और वो अपनी वेबसाइट में ऐसे ही रिश्तों को मैच मेकिंग कराती हैं जिनकी दहेज को लेकर कोई डिमांड न हो।

GoDaddy ने कैसे आपकी मदद की आपकी अब तक की journey में?

GoDaddy एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो एंटरप्रेन्योर्स को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसलिए सीमा जी ने भी अपनी वेबसाइट शुरू करने के लिए GoDaddy की सहयता ली और उन्हें उनका पूरा सहयोग मिला।

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विमेंस डे पर आप हमारे पाठकों को कोई संदेश देना चाहेंगी ?

सीमा जी विमेंस डे पर हर जिंदगी के पाठकों को, खासतौर पर महिलाओं को ये बताना चाहती हैं कि महिलाओं को हमेशा अपनी बात सामने रखनी चाहिए। कई बार महिलाएं शर्म की वजह से या फिर सपोर्ट न मिलने के डर से अपनी बात को किसी के सामने नहीं रख पाती हैं और डरकर घर में ही बैठी रह जाती हैं। हमेशा अपनी बात को या किसी इच्छा को अपने परिवार और पैरेंट्स के सामने रखें आपको सपोर्ट जरूर मिलेगा।

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वास्तव में सीमा सिंह आजकल की उन महिलाओं के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा स्रोत हैं जो आज भी दहेजकी प्रथा का सामना कर रही हैं और इस समस्या से शादी टूटने जैसी प्रताड़ना झेल रही हैं। आपको यह आर्टिेकल कैसा लगा? हमें फेसबुक पर कमेंट करके जरूर बताएं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हर जिंदगी से जुड़ी रहें।

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