Who Was Geeta Mukherjee: देश में हर जगह महिला आरक्षण की बातें हो रही हैं। संसद में महिला आरक्षण विधेयक से जुड़ी एक ऐसी ऐतिहासिक जानकारी आज हम आपको बताएंगे। बंगाल के तत्कालीन अविभाजित मिदनापुर जिले के पंसकुरा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य रहीं स्व. गीता मुखर्जी ने महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की थी। परिसीमन के बाद पंसकुरा निवार्चन क्षेत्र अब नहीं है मगर वहां से गीता मुखर्जी 7 बार लोकसभा की सदस्य रहीं थी। गीता मुखर्जी ने सितंबर 1996 में सबसे पहले संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए संसद में एक निजी विधेयक पेश किया था।
आखिर कौन थी गीता मुखर्जी?
गीता मुखर्जी महिला सशक्तिकरण को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में कभी पीछे नहीं हटती थी। उनका मानना था कि जब तक संसद और विधानमंडल में महिलाओं के लिए आरक्षण नहीं होगा तब तक महिला सशक्तिकरण नहीं हो सकता है और सांसद रहने के बावजूद भी वह सादा जीवन जीती थी। सार्वजनिक उपक्रमों पर संसदीय समिति, अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण पर समिति और आपराधिक कानून(संशोधन) विधेयक, 1980 पर संयुक्त समिति के सदस्य के रूप में उनके गठन को आज भी कोई भूल नहीं पाया है।
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कितनी बार लोकसभा सदस्य थीं गीता मुखर्जी?
गीता मुखर्जी 1980 से 2000 तक तत्कालीन अविभाजित मेदिनीपुर जिले के पांशकुड़ा निर्वाचन क्षेत्र से सात बार लोकसभा सदस्य थीं। वह 1999 में अंतिम बार लोकसभा सदस्य चुनी गई थी।(जानें इंदिरा गांधी से जुड़ी रोचक बातें)
आपको बता दें कि हाल की में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान संबंधित विधेयक पेश किया गया। लोकसभा में इसके लिए करीब 8 घंटे तक चली बहस के बाद इस बिल को पारित कर दिया गया। इसके पक्ष में कुल 454 मत पड़े लेकिन 2 सांसदों ने इसके विरोध में मत किया।
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