Tokyo Olympic 2021: 19 साल की भारतीय पहलवान अंशु मलिक से जुड़े रोचक तथ्‍य जानें

भारतीय महिला खिलाड़ी अंशु मलिक एक होनहार पहलवान हैं। उनके बारे में संपूर्ण जानकारी पाने के लिए यह आर्टिकल जरूर पढ़ें।

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टोक्यो ओलंपिक का आरंभ हो चुका है। भारत का हर खिलाड़ी इस वक्त काफी जोश में है और अपने देश का नाम रोशन करने के लिए पुरजोर कोशिश में लगा हुआ है। ओलंपिक में कुश्ती की प्रतिस्पर्धा भी दिखाई जाती है। इस प्रतिस्पर्धा में भारत की ओर से कई होनहार पहलवानों ने हिस्सा लिया है। मगर आज हम एक ऐसी ही महिला पहलवान अंशु मलिक के बारे में आपको बताएंगे जिन्होंने बहुत ही कम समय और उम्र में सफलता हासिल की और टोक्यो ओलंपिक में शामिल होने की टिकट हासिल कर ली।

कहां की हैं अंशु मलिक?

अंशु मलिक हरियाणा के जींद जिले से हैं। अंशु का जन्म 5 अगस्त 2001 में हुआ था और इस लिहाज से वह अभी मात्र 19 वर्ष की ही हैं। मगर अंशु की उम्र पर मत जाइए वह कितनी काबिल हैं, इसका अंदाजा आप उनकी उपलब्धियां देख कर लगा सकते हैं। आपको बता दें कि अंशु मलिक पहलवानों के परिवार से हैं। अंशु के पिता भी पहलवान हैं और पिता के बड़े भाई नेशनल लेवल पर पहलवानी कर चुके हैं।

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कहां से मिली पहलवानी करने की प्रेरणा?

बेशक अंशु के पिता और ताऊ पहलवान हों और पहलवानी के दांव-पेच उन्‍हीं ने अंशु को सिखाय हों, मगर पहलवान बनने की प्रेरणा अंशु को उनकी दादी से मिली थी। अंशु की मां मंजु मलिक ने एक लीडिंग मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में बताया, 'अंशु की दादी चाहती थीं कि वह भी पहलवान बने। इसलिए घर पर अंशु का लालन-पालन भी लड़कों जैसा ही किया गया। वर्ष 2013 में पहली बार अंशु ने पहलवानी में अपना इंटरेस्ट दिखाया था। उसके बाद से अंशु रोज सुबह 4 घंटे और शाम को 4 घंटे प्रैक्टिस करती थीं। इसमें अंशु की मदद उनके पिता और ताऊ करते थे।'

12 वर्ष की आयु में पहली बार अखाड़े में उतरी थीं अंशु मलिक

लीडिंग मीडिया हाउस दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार अंशु मलिक जब पहली बार अखाड़े में उतरी थीं, तब उनकी उम्र महज 11-12 वर्ष थी। अंशु ने यह बात खुद लीडिंग मीडिया हाउस को बताई, 'मेरे गांव और परिवार में कुश्ती का खेल हमेशा से ही लोकप्रिय रहा। मेरे पिता और ताऊ दोनों ही पहलवान थे। इसलिए यह कहना कि मुझे पहलवानी विरासत में मिल गलत नहीं होगा। मैं बचपन से ही पिता और ताऊ को देख कर पहलवान बनना चाहती थी, मगर अपने दिल की बात उन तक पहुंचने में डरती थी। इसलिए अपनी दादी से मैंने यह बात पिता और ताऊ को बताने के लिए कही। दोनों ही यह जानकर खुश थे कि मैं भी पहलवान बनना चाहती हूं।'

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अंशु मलिक की उपलब्धियां

अंशु मलिक ने गांव के अखाड़े से पहलवानी शुरू की थी, मगर वर्ष 2016 में उन्होंने सीबीएसएम स्पोर्ट्स कॉलेज में एडमिशन ले लिया। अब अंशु मलिक कोच जगदीश श्योराण से प्रशिक्षण ले रही हैं। चलिए जानते हैं कि इतनी कम उम्र में अंशु की उपलब्धियां क्या हैं-(भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के बारे में जानें)

  • वर्ष 2016 में अंशु मलिक ने जूनियर स्‍तर पर हुई विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
  • वर्ष 2018 में भी अंशु मलिक ने विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
  • इसके बाद वर्ष 2019 में जूनियर स्तर हुई एशियन चैंपियनशिप में अंशु ने गोल्ड मेडल जीता था।
  • वर्ष 2020 में नई दिल्‍ली में हुई एशियन चैंपियनशिप में अंशु ने ब्रॉन्ज जीता था।
  • वर्ष 2020 हुए वर्ल्ड कप में अंशु को सिल्‍वर मेडल मिला था।
  • वर्ष 2021 में अलमाती में हुई एशियन चैंपियनशिप में अंशु को गोल्ड मेडल हासिल हुआ था।

दैनिक जागरण को दिए पुराने इंटरव्यू में अंशु मलिक ने कहा, 'टोक्यो ओलंपिक में मेरे सामने जापान की पहलवान चुनौती होगी क्योंकि रियो ओलंपिक में वह चैपियन थी। वहीं चीन, नाइजीरिया, बेलारुस, पोलैंड, यूएसए, मंगोलिया, यूक्रेन और रूस की पहलवानों को भी मैं कम नहीं आंकती।'

टोक्यो ओलंपिक कुश्ती के मुकाबले 1 अगस्त से शुरू होंगे, जिसमें अंशु मलिक का खेल (महिला 57 किग्रा) 4 अगस्त को देखने को मिलेगा।

पहलवान अंशु मलिक से जुड़ी यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो, तो इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह टोक्यो ओलंपिक 2021 में हिस्सा लेने वाली अन्‍य महिला खिलाड़ियों के बारे में जानने के लिए पढ़ती रहें हरजिंदगी।

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