कई बार कुछ ऐसी कहानियां हमारे सामने आती हैं जिन्हें जानकर दिल पसीज उठता है। यकीनन जिंदगी कई बार इस तरह का मोड़ ले लेती है कि कुछ पता नहीं चलता आखिर हम करें क्या। कई लोग इस कारण हिम्मत हार जाते हैं और इतने परेशान हो जाते हैं कि बस ऐसा लगता है ये अंत है, लेकिन कई लोग इसी परेशानी में हौसला रखते हैं और आगे बढ़ते हैं। यही लोग आगे चलकर दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है मुंबई की ऑटो ड्राइवर शिरीन की।
शिरीन की कहानी Humans of Bombay पेज पर शेयर की गई। तब दुनिया को पता चला कि शिरीन ने कितनी मुश्किल से अपनी जिंदगी जी है और अपने परिवार को आगे बढ़ाया है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शिरीन की कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। शिरीन ने काफी कम उम्र में अपनी जिंदगी से उन दो लोगों को खो दिया जिन्हें वो सबसे ज्यादा प्यार करती थीं। इनमें से एक थीं उनकी मां।
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शिरीन का जन्म एक कट्टर मुस्लिम परिवार में हुआ था और उन्होंने अपनी मां को उनकी हर ख्वाहिश के लिए लड़ते देखा था। पहली शादी टूटने के बाद उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी। ये मुश्किल था, लेकिन शिरीन की मां बेहद मजबूत थीं और अपनी खुशी के लिए वो आगे बढ़ीं।
शिरीन की मां ने शादी तो कर ली, लेकिन दूसरी शादी भी सफल नहीं हो पाई। दूसरी शादी के बाद मां को हमेशा ताने मिलते थे। एक रोज़ शिरीन की मां और उनका भाई घर से बाहर किसी काम के लिए गए थे। वहीं समाज के कुछ लोगों ने उन्हें बहुत कुछ कहा। ताने मारे। इस बात से परेशान शिरीन की मां ने खुद को आग लगा ली। शिरीन की जिंदगी से उनकी प्रेरणा छिन गई थी।
इस घटना के बाद शिरीन के पिता ने कुछ दिन के अंदर शिरीन और उनकी बहन की शादी करवा दी। दोनों बहनें अपने परिवार में खुश नहीं थीं। शिरीन की बहन को तो उसके परिवार में बहुत तंग किया गया। जब उनकी बहन प्रेग्नेंट थीं तो उन्हें ससुराल वालों ने जहर दे दिया। शिरीन के परिवार के दो अहम सदस्य जा चुके थे।
शिरीन के सभी दुखों को झेला, लेकिन एक और दुख अभी बाकी था। उनके तीन बच्चे हो चुके थे और पति उनपर ध्यान नहीं देता था। उसे बस शिरीन के साथ सोना था और कुछ भी नहीं। एक दिन उसने शिरीन को तीन तलाक दे दिया। और बस कहानी खत्म। शिरीन को उसी समय अपना सामान और अपने बच्चों को लेकर उस आदमी के यहां से निकलना था। शिरीन बेघर हो चुकी थीं। शिरीन की शादी टूट चुकी थी और साथ थे तीन बच्चे।
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शिरीन इसके बाद खुद अपने पैरों पर खड़ी हुईं, लेकिन नियती ने उन्हें फिर दुख दिए। पहले उन्होंने बिरियानी का स्टॉल लगाया, लेकिन मुंबई नगर पालिका ने उसे हटा दिया। शिरीन के पास कमाई का साधन नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वो फिर से खड़ी हुईं।
शिरीन के पास जितने भी पैसे बचे थे उनसे उन्होंने ऑटो ड्राइवर का काम शुरू किया। शिरीन के पति ऑटो ड्राइवर थे और उन्हें यही पता था इसलिए उन्होंने ऑटो ड्राइवर का काम शुरू किया, लेकिन पुरुषों की इस दुनिया में शिरीन के लिए ये आसान नहीं था। अन्य ऑटो ड्राइवर उनसे झगड़ा करते थे, उनकी कमाई नहीं होने देते थे। यही नहीं जबरन उनके ऑटो में टक्कर भी मार देते थे। शिरीन डरी नहीं वो आगे बढ़ीं और बढ़ती रहीं। शिरीन ने सबसे लड़कर खुद को आगे बढ़ाया। वो एक ऐसे मुकाम पर पहुंची जहां वो कुछ अलग कर सकती थीं। शिरीन की कहानी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा है जो जिंदगी से हार मान लेते हैं और आगे बढ़ने की हिम्मत खो देते हैं।
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