आज से 12 दिन पहले 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी जिसके बाद से ही भारत में पाकिस्तान से बदला लेने की मांग तेज हो गई थी। पुलवामा आतंकी हमले के 12 दिन बाद भारत के 12 लड़ाकू विमानों ने अपने ही अंदाज में मुंहतोड़ जवाब दिया है। आज सुबह भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि वायुसेना के विमान ने आतंकी कैंप पर एक हजार किलोग्राम के बम गिराए हैं जिसमें आतंकी कैंप पूरी तरह से तबाह हो गए।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत को शायद ही कोई कभी भूल पाएगा। जब एक फौजी सरहद पर लड़ने के लिए जाता है तो उनकी पत्नी जिस तरीके से अपनी जिंदगी जीती है वो जानने के बाद आपको भी यही लगेगा कि एक आर्मी ऑफिसर के साथ-साथ उनकी पत्नी भी देश के लिए कई कुर्बानियां देती है।
नेहा कश्यप एक फौजी की पत्नी की कहानी
नेहा कश्यप एक फौजी की पत्नी हैं। 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' नाम के फेसबुक पेज पर लिखा उनका एक पोस्ट इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। अब तक 10 हजार से ज्यादा बार इसे शेयर किया जा चुका है। नेहा इस पोस्ट में अपने पति से पहली बार मिलने से लेकर उन तमाम अहसासों को जाहिर कर रहीं हैं जो किसी को भी भावुक कर देंगे।
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नेहा कश्यप लिखती हैं, “आप विश्वास करें या नहीं इस सबके दौरान हम केवल चिट्ठियों के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में रहे। वो 2002 का साल था और मोबाइल फोन अभी भारत में बस आया ही था इसलिए हम चिट्ठियों से ही एक-दूसरे से अपनी जिंदगी, अपनी रोजमर्रा के किस्से-कहानियों को साझा करते थे। चिट्ठियों के जरिए मैं जान सकी कि एक व्यक्ति के तौर पर वे कितने सहज और सामान्य इंसान हैं। शादी के बाद मैं उनके साथ भटिंडा चली गई। जहां मैं घर से वकालत का काम करती थी। हम तब करीब ढाई साल साथ रहे और वाकई वो दिन खास थे। लेकिन एक प्रोफेशनल होने के नाते में जानती थी कि हर दो साल पर मैं उनके साथ यहां से वहां नहीं जा सकती थी। कई जगहें जहां उनकी पोस्टिंग हुई वो ऐसी थीं कि मैं वहां केवल पढ़ाने का काम कर सकती थी लेकिन मैं टीचर तो नहीं हूं, वकील हूं। हम दोनों ने फैसला लिया कि मैं मुंबई चली जाऊंगी ताकि अपना कॅरियर आगे बढ़ा सकूं और वो अपनी पोस्टिंग के हिसाब से अपना काम जारी रखेंगे। ये सच में मुश्किल था लेकिन फिर कई चीजें सभंल गईं। फिर हम कई बार चार-चार महीने बाद मिलते। लेकिन वो 15 दिन उनके साथ बिताना मेरे लिए जैसे सबकुछ होता था। केवल मेरे लिए नहीं हम दोनों के लिए अब हमारी तीन साल की बेटी है। मुझे लगता है कि आर्मी के किसी जवान की नजर में उसके देश के लिए जो जज्बा है उसे बताने के लिए कोई शब्द नहीं है। यहां हम बोनस और छुट्टियों की शिकायत करते रहते हैं लेकिन सेना में प्रोमोशन से पहले कई बार आप उसी रैंक पर उसी तन्खवाह पर दशकों तक रहते हैं।“
‘आई लव यू’ बोलकर दी अपने पति को शहादत
'भारत माता की जय' और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाती भीड़ के बीच में शहीद मेजर विभूति के परिवारवालों ने अपने लाडले के अंतिम दर्शन किए। हरिद्वार में मेजर का अंतिम संस्कार कर दिया गया। फूलों से सजे ताबूत में रखे अपने शहीद पति को देर तक निहारती रहीं। आंखों से आंसू बहाने के बदले अपने पति को ‘आई लव यू’ कहकर विदा किया। मेजर ढौंडियाल की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही उनकी पत्नी निकिता खामोश थीं। पत्नी ने अपने शहीद पति को उसी तरह से विदाई दी जैसे एक वीर को दी जाती है। मेजर की पत्नी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वो एक आर्मी ऑफिसर की पत्नी हैं।
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