'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...' कविता की यह पंक्तियां हमने कई बार सुनी हैं, मगर कोल्हापुर में रहने वाली सोनाली इन पंक्तियों की जीती-जागती मिसाल हैं। सोनाली कोई सेलिब्रिटी नहीं हैं। वह एक आम महिला हैं, जो पेशे से मेहंदी आर्टिस्ट है। एक ऐसी मेहंदी आर्टिस्ट, जिसने मेहंदी लगाने के शौक को ही अपना बिजनेस बना लिया है।
बड़ी बात यह है कि सोनाली के पास अपने हुनर को प्रमोट करने के लिए कोई साधन भी नहीं है। पैसों की कमी और शिक्षा के अभाव के कारण सोनाली कोल्हापुर के एक मंदिर के आगे अपना स्टॉल लगाती हैं। स्टॉल में आर्टिफिशियल ज्वेलरी होती हैं, जिन्हें खरीदने के लिए जब कोई महिला उनके पास आती है तब सोनाली उन्हें अपने मेहंदी लगाने के हुनर के बारे में बता देती हैं। मगर सोनाली इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर मौजूद हैं, अपने अकाउंट को वह खुद ही हैंडल भी कर लेती हैं। इंस्टाग्राम पेज पर तस्वीर से लेकर वीडियो तक सोनाली खुद ही डालती हैं। इस प्लैटफॉर्म पर उनके बेहतरीन मेहंदी डिजाइंस को खूब पसंद किया जा रहा है। सोनाली की फैन फॉलोइंग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही सोनाली रोज ही सफलता की सीढ़ पर एक कदम आगे बढ़ाती जा रही हैं।
मगर इस सफलता को हासिल करने के लिए सोनाली को बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं। वह बताती हैं, 'बचपन में मेहंदी लगाने का शौक था, मगर शौक को पूरा करने के लिए पैसे नहीं थे। शादी के बाद घर चलाने के लिए पैस चाहिए थे, इसलिए शौक को ही अपना काम बना लिया।'
कैसे हुई शुरुआत
सोनाली के संघर्ष की कहानी लंबी है। वह बताती हैं, 'घर में इतने पैसे नहीं थे कि पढ़ाई-लिखाई करवाई जा सके। मगर मैनें 7वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, क्योंकि मेरी फीस नहीं लगती थी। जब फीस लगनी शुरू हुई तो पढ़ाई बंद हो गई।' सोनाली की पढ़ाई भले ही बीच में अधूरी रह गई हो, मगर कुछ करने का सपना बचपन से ही उनके मन में था। वह बताती हैं, 'मैं मेहंदी लगाना सीखना चाहती थी, मगर क्लास ज्वॉइन करने के लिए भी पैसे नहीं थे।' इसलिए सोनाली ने 'ब्लॉक मेहंदी' से शुरुआत की। वह बताती हैं, ' मैं मुंबई में रहती थी। जुहू बीच पर बहुत सारे लोग घूमने आते थे। यहां सेलिब्रिटीज और विदेशी पर्यटक भी आते थे, इसलिए मेरी ब्लॉक मेहंदी का काम अच्छा चलता था।' जुहू बीच पर मेहंदी लगाने के साथ-साथ सोनाली विदेशी पर्यटकों से अंग्रेजी बोलना भी सीख लेती थीं।
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शौक कैसे बना बिजनेस
मात्र 18 वर्ष की उम्र में सोनाली की शादी कर दी गई। शादी के बाद सोनाली मुंबई छोड़ कर कोल्हापुर (कोल्हापुर खास चीजों के बारे में जानें) आ गईं थी। मुंबई छूटा तो 'ब्लॉक मेहंदी' का काम भी पीछे छूट गया था। ससुराल पहुंच कर भी सोनाली के मन में कुछ करने की इच्छा थी वह अपने मेहंदी लगाने के शौक को ही पूरा करना चाहती थीं और आगे बढ़ना चाहती थीं। मगर पैसों की कमी के कारण सोनाली के लिए यह अब भी संभव नहीं था। सोनाली बतती हैं, ' मेहंदी लगाना सीखने के लिए मैं कोई ट्रेनिंग नहीं ले सकती थी क्योंकि उसके लिए पैसों की जरूरत थी और वो मेरे पास नहीं थे। इसलिए मेरे पति ने मुझे एक मोबाइल फोन खरीद कर दिया। इसे चलाना सिखाया और फिर मैं इसी में मेहंदी के डिजाइन देख कर अपने हाथ पर लगाया करती थी। शुरू में मैं अपने ही हाथों में महेंदी लगाया करती थी। धीरे से मेरे हाथ मेहंदी की कीप पर सेट हो गए। नई-नई डिजाइंस भी लगाना आने लगा।'
सोनाली के संघर्ष की कहानी
अपने हुनर को लोगों तक पहुंचाने का सोनाली के पास कोई साधन नहीं था। सबसे बड़ी समस्या तो यह थी सोनाली के अपने ही परिवार वालों को उसका शौक खटकने लगा था। वह बताती हैं, ' मेरे पति और सास ने मुझे पूरा सपोर्ट किया, मगर घर के अन्य सदस्य और आस-पड़ोस के लोग हमेशा ही मेरा मनोबल तोड़ने की कोशिश में लगे रहे। लोग मुझसे पहले पूछते थे कि तुम हथों में इतनी मेहंदी लगा कर रोज कहां जाती हो। मुझे गलत समझा जाता रहा। शुरुआत में मैं रोती थी मगर अब मैंने इन्हीं अलोचनाओं को सीढ़ी बना कर अपने मुकाम तक पहुंच रही हूं।'
कोल्हापुर के मंदिर के पास सोनाली छोटा सा स्टॉल भी लगाती हैं और इस स्टॉल में महिलाओं के लिए आर्टिफिशियलज्वेलरीबेचती हैं। ज्वैलरी के साथ ही सोनाली आने वाले हर ग्राहक को अपने मेहंदी लगाने के हुनर के बारे में बताती हैं और अपना नंबर दे देती हैं। सोनाली बताती हैं, ' पहले मैं त्यौहारों पर 20 या 50 रुपए में ही मेहंदी लगा देती थीं। पहली ब्राइडल मेहंदी भी मैंने केवल 500 रुपए में लगाई थी। मगर अब मैं ब्राइडल मेहंदी के लिए कभी 3000 रुपए तो कभी 5000 रुपए ले लेती हूं। कभी-कभी मैं जब देखती हूं कि दुल्हन के घरवालों के पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हीं पर छोड़ देती हूं। मेरा मानना है कि हर काम पैसों के लिए नहीं होना चाहिए। कभी-कभी दूसरे की मदद और आत्म संतुष्टि के लिए भी कुछ करना चाहिए।'
आगे क्या करना चाहती हैं सोनाली
हुनर से कमाए हुए पैसे सोनाली के लिए अनमोल हैं और इन पैसों से वह अपने सपनों का आशियाना खरीदने के लिए कदम उठा चुकी हैं। वह बताती हैं, 'मैं जल्द ही अपने लिए घर खरीदने वाली हूं। इसके साथ ही अब मैं अपना काम भी बढ़ाना चाहती हूं। अब मेहंदी के साथ-साथ मैं दुल्हन का मेकअप करना भी सीख रही हूं। यह सब मैं यूट्यूब में वीडियो देख-देख कर सीख रही हूं।'
आपको बता दें कि सोनाली ब्राइडल और अरेबिक मेहंदी बहुत अच्छी लगा लेती हैं। मेहंदी के काम से सोनाली कभी 10 हजार तो कभी 20 हजार रुपए तक महीने में कमा लेती हैं। सोनाली को थोड़ी बहुत अंग्रेजी बोलना भी आता है, जो उन्होंने विदेशियों को मेहंदी लगाते वक्त सीखी है। वह कहती हैं, 'मैं अब बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को मेहंदी लगाना चाहती हूं और ये मेरा सपना है।'
सोनाली के संघर्ष कहानी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताइएगा। इसी तरह और भी इंस्पायरिंग स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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Image Credit: sonali_mehndi/Instagram
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