जिंदगी अगर आसान हो तो वो जिंदगी नहीं होती। ऐसी कई बातें आपने सुनी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि मुश्किलों से आगे बढ़ने का साहस कितने लोगों में होता है? हममें से कई लोग ऐसे होते हैं जो मुश्किलों से हारकर अपने कदम रोक लेते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जो हर मुश्किल का सामना करके आगे बढ़ते हैं। ऐसी ही एक महिला थीं वी एस रमादेवी जो भारत की पहली और इकलौती महिला चीफ इलेक्शन कमिश्नर रही थीं।
आजादी के पहले की बात करें तो महिलाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था पर धीरे-धीरे समाज की बंदिशें तोड़कर ये महिलाएं आगे बढ़ीं और हर फील्ड में अपना नाम कमाया। आजादी के 75 साल के जश्न को हरजिंदगी 75 बेमिसाल महिलाओं के बारे में जानकारी देकर मना रही है। ये वो महिलाएं हैं जिन्होंने अपनी-अपनी फील्ड्स में किसी ना किसी चीज़ की पहल की है।
इसे जरूर पढ़ें- पिता पर हुए जुल्म ने बेटी को पुलिस बनने के लिए किया प्रेरित, जानें भारत की पहली महिला DGP की कहानी
वी.एस.रमादेवी का जन्म 15 जनवरी 1934 को हुआ था और ये राजनीति के क्षेत्र में परस्पर काम करती थीं। रमादेवी आंध्र प्रदेश की गोदावरी डिस्ट्रिक्ट के चेबोलू में पैदा हुई थीं। एलुरु में शिक्षा के बाद रमादेवी ने एम.ए.एलएलबी पूरा किया था और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में उन्होंने बतौर वकील रजिस्ट्रेशन करवाया था। रमादेवी ने अपनी पूरी जिंदगी में ना सिर्फ कई राजनायिक पदों पर काम किया बल्कि कई लोगों को प्रेरित भी किया था।(पहली अभिनेत्री जो थीं राज्यसभा की सदस्य)
वो फील्ड्स जहां पुरुषों का वर्चस्व बहुत बढ़ा हुआ रहता है वहीं पर रमादेवी ने अपनी इंटेलिजेंस और सूझ-बूझ से अपना एक स्थान बनाया था।
रमादेवी ने हाईकोर्ट में काम करने के साथ-साथ राजनीति में कदम रखने के बारे में भी सोचा। उन्होंने शुरुआती दौर में राजनायिक सर्विसेज में बहुत से काम किए और उसके बाद उन्हें चीफ इलेक्शन कमीशनर बनने का मौका मिला। रमादेवी ने 26 नवंबर 1990 से लेकर 11 दिसंबर 1990 तक ही ये पद प्राप्त किया था, लेकिन एक महिला के लिए उस समय ये उपलब्धि हासिल करना कम नहीं था। अभी तक भी चीफ इलेक्शन कमिश्नर की पोजीशन का जिक्र होते ही सिर्फ वी एस रमादेवी का ही नाम आता है क्योंकि उनके बाद भी कोई महिला इस पद को प्राप्त नहीं कर पाई है।(देश की पहली महिला जासूस)
इसे जरूर पढ़ें- 6 बार विश्व चैंपियन बनने वाली दुनिया की पहली महिला मुक्केबाज मैरी कॉम की कहानी है बेहद इंस्पायरिंग, जानें उनके बारे में
राज्यसभा की सेक्रेटरी जनरल के तौर पर भी रमादेवी ने अपनी सेवाएं दी थी और ये पहली और एकलौती महिला हैं जो इस पद पर रही हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं रमादेवी ने कर्नाटक के गवर्नर के तौर पर भी काम किया था और वो 2 दिसंबर 1999 से 20 अगस्त 2002 तक ये पद संभाला था। रमादेवी इस पद को संभालने वाली भी एकलौती महिला रही हैं। हालांकि, कर्नाटक से पहले जुलाई 1997 से दिसंबर 1999 तक उन्होंने हिमाचल के गवर्नर के तौर पर भी अपना कार्यभार संभाला था।
17 अप्रैल 2013 को रमादेवी की बेंगलुरु में मौत हो गई थी। रमादेवी किसी हीरो की तरह एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाती रही और लोगों को प्रेरित करती रहीं। रमादेवी के जज्बे को सलाम। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Election Commission of India Facebook
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।