herzindagi
first indian femal boxer mary kom

6 बार विश्व चैंपियन बनने वाली दुनिया की पहली महिला मुक्केबाज मैरी कॉम की कहानी है बेहद इंस्पायरिंग, जानें उनके बारे में

मुक्केबाज मैरी कॉम को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उनके टैलेंट का डंका दुनिया भर में बजता है। आइए जानें उनकी इंस्पायरिंग कहानी। 
Editorial
Updated:- 2022-07-30, 11:35 IST

मैरी कॉम भारतीय खेल जगत का बड़ा नाम है। विश्व चैंपियनशिप से लेकर ओलंपिक मेडल तक विजेता बनने तक शायद ही ऐसी कोई उपलब्धि होगी, जिसे मैरी कॉम ने हासिल न किया हो। यही वजह है कि मैरी कॉम देश की तमाम महिलाओं को खेल जगत के लिए प्रेरित करती आई हैं।

आज के इस लेख में हम आपको मैरी कॉम की जिंदगी से जुड़े संघर्षों के बारे में बताएंगे। एक साधारण महिला से ओलंपिक विजेता सफर मैरी कॉम के लिए कैसा रहा, आइए जानते हैं-

कौन हैं मैरी कॉम?

who is Mary Kom

मैरी कॉम का पूरा नाम चंग्नेइजैंग मैरी कॉम मैंगते हैं। खेल की दुनिया में मैरी कॉम का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है। उन्होंने अब तक देश के नाम कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम किए हैं। साल 2012 के ओलंपिक खेलों में मैरी कॉम ने कांस्य पदक जीता, जिसके साथ ही वो देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली महिला बनी।

विश्व चैंपियनशिप में हासिल किए 6 मेडल

first indian female boxer

विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में मैरी कॉम की जगह ले पाना बेहद मुश्किल है। साल 2002 में विमेंस वर्ल्ड चैंपियनशिप की शुरुआत हुई। तब से हुए आठ संस्करणों में हर बार भारतीय खिलाड़ी पदक जीतकर आए हैं। पहली विश्व चैंपियनशिप के दौरान मैरी कॉम मात्र 18 साल की थी। उस वक्त उन्होंने साफ-सुथरी मुक्केबाजी शैली के 48 किलोग्राम वर्ग में अपनी जगह बनाई। फाइनल में वो तुर्की कि किक बॉक्सर हुलया साहिन से हार गईं। जिस कारण उन्हें रजत पदक से समझौता करना पड़ा।

अगले साल मैरी एक बार फिर वापसी की जहां उन्होंने स्वर्ण अपने नाम किया। इस जीत ने मैरी कॉम युग की शुरुआत की, जिसके बाद साल 2005, 2006, 2008 और 2010 की प्रतियोगिताओं में विश्व चैंपियनशिप का ताज अपने नाम किया। इसी बीच साल 2008 में उन्होंने अपने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, इसके बाद करियर के बीच साल 2013 में तीसरे बेटे को जन्म दिया। अब तक मैरी कॉम ने कुल 8 विश्व चैंपियनशिप पदक अपने नाम किया। जो कि किसी भी पुरुष या महिला मुक्केबाज द्वारा जीते गए पदकों में सबसे ज्यादा है।

इसे भी पढ़ें-नरगिस दत्त ऐसी पहली महिला अभिनेत्री जो राज्यसभा की सदस्य बनीं

ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला

first indian female boxer mary kom

साल 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसी मैरी कॉम ने एमेच्योर मुक्केबाजी में इतिहास रच दिया। कई मुश्किलों को पार करते हुए आखिरकार महिला बॉक्सिंग ओलंपिक में मैरी कॉम ने कांस्य पदक जीता। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के अलावा एशियाई खेलों में भी मैरी कॉम का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। जहां उन्होंने 5 स्वर्ण 1 रजत पदक अपने नाम किए।

इसे भी पढ़े-जानें 80,000 से ज्यादा मामलों को सुलझाने वाली भारत की पहली महिला जासूस की रजनी पंडित की कहानी

मैरी कॉम को मिलें ये राष्ट्रीय सम्मान

Mary Kom biography

बॉक्सिंग रिंग में मैरी कॉम की उपलब्धियों को सरकार ने भी खूब सराहा है। साल 2003 में मैरी कॉम को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 2009 में भारत सरकार ने उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया। इसके बाद साल 2006 में मैरी को नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिर इसी साल मैरी कॉम को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। साल 2016 में उन्हें भारतीय संसद की उच्च सदम यैमा राज्यसभा की सदस्यता मिली। इतना सब कुछ हासिल करने के बाद साल 2014 में मैरी की जिंदगी पर बायोपिक बनाई गई। जिसमें एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा उनका किरदार निभाते नजर आईं।

मैरी कॉम पर जितना लिखा जाए उतना कम है। उनके संघर्ष और करियर को चंद शब्दों में बताना नामुमकिन है। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।