छोटे कपड़ों से कुछ नहीं होता, सोच बड़ी होनी चाहिए- दिव्यांका त्रिपाठी

 दिव्यांका कहती हैं कि छोटे शहर के लोगों के लिए शहर आकर अपना नाम कमाना आसन नहीं होता। यहाँ की भाषा, रहन-सहन और भी बहुत कुछ होता है जिसके साथ हम शुरूआती दिनों में बस एडजस्ट कर रहे होते हैं।

Divyanka Tripathi inspiration main

दिव्यांका त्रिपाठी आज टीवी इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन एक्ट्रेस में से एक है। कहते हैं शादी के बाद करियर में रुकावट आ जाती है मगर, विवेक दहिया से शादी के बाद भी दिव्यांका का काम नहीं रुका और उनकी फैन फॉलोइंग और ज्यादा बढ़ गई। ऐसा नहीं है कि दिव्यांका की ज़िन्दगी में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आए, लेकीन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

दिव्यांका ने हमसे ख़ास बातचीत में बताया कि बहुत बार उन्हें लगा कि वो कुछ नहीं कर पा रही। परिवार से दूर रहकर भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हो रहा, इस बात का पछतावा उन्हें कई समय तक था लेकिन, अपने आपको इंस्पायर करना दिव्यांका अच्छी तरह जानती थी, आइए जानते हैं इनकी कहानी-

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अगर भोपाल में होती तो आज मैं ‘दिव्यांका त्रिपाठी’ नहीं होती

दिव्यांका कहती हैं कि छोटे शहर के लोगों के लिए शहर आकर अपना नाम कमाना आसन नहीं होता। यहाँ की भाषा, रहन-सहन और भी बहुत कुछ होता है जिसके साथ हम शुरुआती दिनों में बस एडजस्ट कर रहे होते हैं। लेकिन यह अच्छी बात है कि आप छोटे शहर से उठकर बड़े शहर में अपना नाम कमाने आए हैं, यह जो आग है यह आपको बहुत आगे ले जाती है। यही अगर मैं भोपाल में होती तो शायद ही ऐसा कुछ कर पाती, शायद ही जो आज वाली दिव्यांका हूँ, वैसी बन पाती।

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ऐसे किया खुद को इंस्पायर

दिव्यांका ने आगे कहा कि जब मैंने ‘दुल्हन’ शो किया, उसके बाद मुझे तीन सालों तक कुछ कम नहीं मिला या फिर ‘दुल्हन’ जैसे ही किरदार ऑफर हुए। मैंने कुछ और ट्राय किया, कॉमेडी की मगर लोगों ने मुझे नहीं अपनाया। मेरा बस यही मानना है कि अपने आपको प्रेशर मत दो कि आपको बस यही करना है जो अप सालों से करते आ रहे हो, किसी भी चीज़ को ना मत कहो। सबकुछ करो, क्या पता आपके अन्दर छुपा कौन सा टैलेंट बाहर आ जाए। सबकुछ आपके हाथ में ही है, हर बंद दरवाज़े की चाभी आपके हाथ में है बस आपको दरवाज़े तक बढ़ना है।

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छोटे कपड़ों से कुछ नहीं होता सोच बड़ी होनी चाहिए

दिव्यांका ने हमसे कहा कि वो खुद छोटे कपड़े पहनने या ऐसा कोई किरदार करने से मना कर देती थीं। मगर, फिर उन्होंने अपनी ये सोच बदली और अपने आपसे कहा कि क्या छोटे कपड़े पहनने से मैं और मेरी सोच बदल जाएगी? नहीं! लोग मुझे बहन जी कहने लगे थे, फिर सोचा कि चलो अपने आपको अपडेट किया जाए। क्या फर्क पड़ता है, छोटे कपड़े पहनने से कुछ नहीं होता, सोच बड़ी होनी चाहिए।

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