सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखिका कमला भसीन का निधन, जानें उनकी जिंदगी से जुड़ें रोचक तथ्‍य

प्रख्यात नारीवादी लेखिका और महिला कार्यकर्ता कमला भसीन का निधन, आइए इस लेख में उनके बारे में करीब से जानते हैं।

activist kamla bhasin passes away

प्रख्यात नारीवादी लेखिका और नारीवादी महिला कार्यकर्ता का निधन हो गया है। कमला भसीन भारत के साथ-साथ विश्व भर में एक मजबूत जनवादी महिला के रूप में जानी जाती थी। कमला भसीन का जाना निश्चित तौर पर महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। भसीन एक महिला कार्यकर्ता के साथ-साथ एक बेहतरीन लेखिका भी थी। उन्होंने अपनी ज़िंदगी में महिलाओं के ऊपर कई प्रख्यात पुस्तक के साथ-साथ कविताएं भी लिखी हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निधन 25 सितंबर की तड़के लगभग 3 बजे हुआ।

कमला भसीन का प्रारंभिक जीवन

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कमला भसीन का जन्म 24 अप्रैल 1946 को हुआ था। कवि, लेखिका, नारिवारी कार्यकर्ता और सामाजिक वैज्ञानिक के तौर पर जानी जाने वाली प्रख्यात कमला भसीन ने महिलाओं के हक़ की लड़ाई के लिए लगभग 1970 से ही काम शुरू कर दिया था। उन्होंने लिंग भेदभाव, शिक्षा, मानव विकास, महिला सम्मान आदि चीजों पर खुलकर समाज के सामने लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने 'पितृ सत्ता क्या है' और The Red Fairy जैसी कई किताबे लिखी हैं।

जागो री मूवमेंट

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कमला भसीन दक्षिण एशियाई देशों में नारीवादी आंदोलन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने 'जागो री मूवमेंट' के माध्यम से महिलाओं को पितृसत्तात्मक समाज से बाहर निकलने के लिए कई अथक प्रयास जारी रखें थे। उनके जाने से नारीवादी आंदोलन सहित जन आंदोलनों की क्षति हुई है।(जस्टिस बी.वी. नागरत्ना: देश की पहली महिला चीफ जस्टिस)

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पितृसत्तात्मक समाज के प्रति विचार

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कमला भसीन पितृसत्तात्मक समाज के प्रति हमेशा मुखर रही हैं। पितृसत्तात्मक समाज को खत्म करने के लिए उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि एशिया के कई देशों में जगह-जगह कार्यक्रम किए थे। उन्होंने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा था कि 'कई करोड़ लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाता है, इसके अलावा कई करोड़ महिलाओं को हर साल घर से निकाल दिया है, ऐसे में चुप रहना सही नहीं है और हक़ की लड़ाई लड़ते रहना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जेंडर इक्विलिटी पर कमला भसीन कई सम्मानों से नवाजी जा चुकी हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

कमला भसीन के निधन के बाद लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से गहरा दुःख व्यक्त किया है। किसी ने उनकी कविता पोस्ट करते हुए 'अलविदा कमला भसीन' लिखा है, तो किसी ने देश के लिए बड़ा नुकसान बताया है। प्रख्यात लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी कमला भसीन के निधन पर दुःख व्यक्त किया है।

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Image Credit:(@wikimedia.org,our-global-u.org)

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