ओधुवर आमतौर पर वे पुरुष होते हैं जो दक्षिण भारत में शिव, गणेश और मुरुगा मंदिरों में 'थेवरम' और अन्य तमिल भाषाओं में भक्ति भजन और गीत गाते हैं। वे मुख्य पूजा अवधि के दौरान पवित्र भजन गाते हैं। ओधुवर शब्द ओधु या ओथु शब्द से बना है, जिसका अर्थ है जप करना। वे जिन छंदों का जाप करते हैं वे आमतौर पर तिरुमुरई से होते हैं, जो शिव, पार्वती, गणेश और मुरुगा की महिमा की प्रशंसा करने वाले भजनों के साथ बारह पुस्तकों का संग्रह है और इसे संत नंबियांदर ने संकलित किया था।
आज से कुछ समय पहले तक केवल पुरुष ही ओधुवर की भूमिका निभाते थे लेकिन अब महिलाएं भी मंदिरों में ओधुवर की जगह ले रही हैं। ऐसी ही महिलाओं में से एक हैं हाल ही में चेन्नई के धेनुपुरेश्वर मंदिर में ओधुवर के रूप में कार्यभार संभालने वाली सुहंजना गोपीनाथ। जब बात आती है ओधुवर की तो वो मंदिर के अन्य पुजारियों में सबसे ऊंचा स्थान रखता है। एक महिला का इस पद पर नियुक्त होना वास्तव में गर्व की बात है। आइए जानें कौन हैं सुहंजना गोपीनाथ और उनके जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें।
कौन हैं सुहंजना गोपीनाथ
सुहंजना गोपीनाथ 28 साल की उम्र में ओधुवर के पद पर नियुक्त होने वाली दूसरी महिला हैं। उन्हें हाल ही में तमिलनाडु सरकार द्वारा चेन्नई के धेनुपुरेश्वर मंदिर में ओधुवर के रूप में नियुक्त किया गया है। 14 अगस्त को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सुहंजना गोपीनाथ को महिला ओधुवर के रूप में नियुक्ति करने का आदेश दिया जिसके बाद से सुहंजना चर्चा में आईं। इस पद के लिए चौबीस प्रशिक्षित पुजारी, सभी जातियों के कुल 208 व्यक्तियों ने आवेदन किया था। सुहांजना ने ANI को इंटरव्यू देते हुए बताया कि तीन साल तक करूर समीनाथन के कठोर प्रशिक्षण और 13 साल से अधिक समय तक अभ्यास करने के बाद, आखिरकार सुहांजना का सपना सच हो गया। वह अपने गुरु की इच्छा के अनुसार थेवरम और तिरुवसागम के संदेश को फैलाना चाहती हैं। आपको बता दें कि पहली महिला ओधुवर को 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के कार्यकाल में नियुक्त किया गया था।
Tamil Nadu: 28-yr-old Suhanjana Gopinath takes charge at Dhenupureeswarar Temple in Chennai after being appointed as Odhuvar (one who chants hymns) by the State Govt.
— ANI (@ANI) August 18, 2021
She says, "I studied under Karur Saminathan for 3 yrs. I want to spread the message of Thevaram & Thiruvasagam." pic.twitter.com/O2aEyfaGwx
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परिवार को देती हैं सफलता का श्रेय
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुहांजना अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार, पति और ससुराल वालों को देती हैं। जब उन्होंने स्लोगन का अभ्यास करना शुरू किया तो उनके परिवार की ओर से कभी कोई रोक-टोक नहीं हुई। उनका पूरा परिवार मंदिर के करीब स्थानांतरित हो गया है जहां वह एक ओधुवर के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगी। सुहंजना एक साल की बच्ची की मां हैं और दिन में दो बार श्री थेनुपुरीश्वरर मंदिर में मुख्य पूजा में गाती हैं। सुहांजना अपनी बेटी को अपने साथ मंदिर ले जाने की ठान चुकी हैं।
ऐसे किया था इस पद के लिए आवेदन
एक इंटरव्यू में सुहंजना बताती हैं कि उन्होंने मंदिर में मौजूदा रिक्ति के लिए आवेदन किया और इंटरव्यू दिया। उनसे थेवरम और थिरुवसागम के बारे में प्रश्न पूछे गए थे, जो क्रमशः भगवान शिव को समर्पित महाकाव्य और पुराणी नायकों और भजनों की कथा है। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी गायकी का भी प्रदर्शन किया और आखिरकार उनका ओधुवर के रूप में चयन हो गया।
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ओधुवर सुहंजना गोपीनाथ ने वास्तव में इस पद के लिए नियुक्त होकर हम सभी को प्रेरणा तो दी ही है और यह भी साबित किया है कि महिलाएं किसी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
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Image Credit: twitter.com @ani
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