दुनिया में न जाने कितने लोग होते हैं जो दूसरों से एकदम अलग अपनी मेहनत और लगन से एक मुकाम हासिल करते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें कोई प्रतिभा विरासत में मिली होती है और उसे आगे बढ़ाकर अपनी लगन से अपना नाम रोशन करते हैं। ऐसी ही एक प्रतिभावान बच्ची है 4 साल की वान्या शर्मा, जिसने छोटी सी उम्र में योग में न जाने कितने खिताब अपने नाम किए हैं।
एशिया और इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कर चुकी वान्या वास्तव में सभी के लिए प्रेरणा है। आइए जानें कौन है ये छोटी सी बच्ची और इसकी उपलब्धियां क्या हैं।
वान्या शर्मा ढीली के पश्चिम विहार में रहती हैं और उनके पिता का नाम हेमंत शर्मा है और मां का नाम हिमानी शर्मा है। वान्या के पिता भी एक योग गुरु हैं और उसे योग विरासत में मिला है। वान्या दिल्ली के विशाल भारती पब्लिक स्कूल पश्चिम विहार में पढ़ती हैं और अब तक योग में 5 बड़े अवार्ड जीत चुकी हैं। इन अवार्ड्स में इंटरनेशन बुक ऑफ रिकॉर्ड,एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, गिनीजबुक ऑफ रिकॉर्ड और योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड शामिल हैं। वान्या 4 साल में ही ऐसे योगासन करती हैं जो शायद बड़े बड़े योग एक्सपर्ट भी नहीं कर पाते हैं।
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वान्या ने महज 3 वर्ष 4 महीने व 29 दिन की उम्र में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया था, 3 वर्ष 5 महीने 7 दिन में बनाया था एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और 3 साल 6 महीने में जीनियस बुक ऑफ रिकॉर्ड और 3 वर्ष 6 महीने व 10 दिन की उम्र में पूरे भारतवर्ष का नाम रोशन कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया था। वास्तव में वान्या ने ये सभी रिकॉर्ड कायम करके दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है।
वान्या शर्मा महज 4 साल की उम्र में ही योगा आर्टिस्ट ग्रुप की मेंबर हैं। वान्या ने योग में सबसे ज्यादा आसन कर ये 'एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' और 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज किया है। वान्या ने 'एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में 21 आसन और 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में 14 योगासन कर ये खिताब अपने नाम किया है। वन्या कोई मुश्किल योगासन भी बड़ी ही कुशलता से कर लेती है जो सबको हैरान करने वाली बात है। उसके आसनों में से भूनमनासन, भुजंगासन, पूर्ण भुजंगासन, सुप्तवज्रासन, कटिचक्रासन, सेतुबंध आसन,मंडूकासन जैसे कई मुश्किल योगासन (वेट लॉस के लिए ये योगासन)शामिल हैं। वान्या अपने योगासनों से लोगों को फिट और हेल्दी रहने की प्रेरणा देती हैं।
स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी ने भी वान्या को उसके योग के लिए सम्मानित किया है और उसके योग के प्रसंशक हैं। आयुष मंत्रालय की ओर से भी भारत की सबसे छोटी योगिनी को योग वोलंटियर का प्रशस्ति पत्र प्राप्त है। वान्या महज 2 साल की उम्र से योग कर रही हैं और अब तक न जानें कितनी उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं।
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वान्या ने केवल 3 वर्ष, 4 माह और 29 दिन में योग में इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स बनाया था। उस समय उन्होंने कोरोना में स्वस्थ रहने का संदेश भी दिया था। इस समय वह सबसे कम उम्र की योगा आर्टिस्ट ग्रुप की मेंबर हैं। उन्होंने योग में सबसे ज्यादा आसन कर अब तक बड़े रिकॉर्ड कायम किए हैं। वान्या के पिता हेमंत शर्मा ने के मीडिया इंटरव्यू में बताया कि वो 2 साल की उम्र से ही योग कर रही हैं। वह भुजंगासन, सेतुबंध आसन, पवनमुक्तासन, पर्वतासन, वीरभद्रआसन, उत्कटासन सहित कई बड़े योग आसानी से कर लेती है। कोरोना काल में वान्या से सन्देश देते हुए कहा कि योग को करो हां, कोरोना को करो ना। वान्या ने भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीतने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
वास्तव में वान्या शर्मा सभी के लिए उदाहरण हैं जो छोटी उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल कर चुकी हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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