आज के समय में ईटिंग डिसऑर्डर काफी आम हो चुके हैं। ऐसे कई लोग हैं, जो इमोशनल ईटिंग करते हैं या फिर खाने को देखकर खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। ईटिंग डिसऑर्डर आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर ही बुरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे में अक्सर समझ ही नहीं आता है कि इस समस्या से निजात किस तरह पाई जाए।
हो सकता है कि आप भी किसी ना किसी तरह के ईटिंग डिसऑर्डर से इन दिनों जूझ रहे हों। इतना ही नहीं, असामान्य क्रेविंग के कारण आपको अक्सर पाचन संबंधी परेशानी, कब्ज, पेट दर्द, पेट फूलना आदि का भी सामना करना पड़ता हो। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, ऐसे कई योगासन हैं, जो आपकी इमोशनल ईटिंग की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको बता रही हैं कि इमोशनल ईटिंग की समस्या को दूर करने के लिए आप किन योगासनों का सहारा ले सकती हैं-
सर्वांगासन
ईटिंग डिसऑर्डर को ठीक करने में सर्वांगासन बहुत अधिक लाभदायक है। सर्वांगासन करते हुए ब्लड की सप्लाई पेट की तरफ आती है, जो पेट के डाइजेस्टिव फ्लूइड को बढ़ा देता है। जिससे व्यक्ति को लाभ मिलता है।
- सर्वांगासन का अभ्यास करने के लिए आप मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब आप धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें।
- अगर संभव हो तो आप पैरों को एकदम सीधा रखें और अपनी बॉडी को बैलेंस करने के लिए आप अपने दोनों हाथ कमर पर रख लें।
- इस दौरान ठोड़ी छाती पर टच होगी।
- आप कुछ देर इसी अवस्था में रूकें और फिर सामान्य स्थिति में लौट आएं।
धनुरासन
धनुरासन को भी ईटिंग डिसऑर्डर में काफी लाभदायी माना गया है। दरअसल, बॉडी में होने वाली फूड क्रेविंग्स के कारण कभी-कभी नेवल डिस्प्लेसमेंट की समस्या भी होती है। ऐसे में धनुरासन का अभ्यास करना काफी अच्छा रहता है।
- धनुरासन का अभ्यास करना काफी आसान है। इसके लिए आप मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
- अब आप अपने घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं।
- अब आप अपने पैरों को होल्ड करने के लिए हाथों से दोनों टखनों को पकड़ें।
- इसके बाद आप अपने सिर, छाती और जांघ को जितना संभव हो, ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें।
- आप पैरों को पकड़कर शरीर को खींचने की कोशिश करें। इसके बाद आप इसी अवस्था में कुछ देर रूकें।
- अब आप धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- ईटिंग डिसऑर्डर का एक मुख्य कारण हार्मोन डिस्बैलेंस भी होता है। ऐसे में अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास करना काफी अच्छा माना जाता है।
- अनुलोम-विलोम का अभ्यास करने के लिए आप पहले पद्मासन में बैठें।
- अब आप दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें और बाईं नाक से सांस लें।
- इसके बाद आप बाई नाक को बंद करते हुए दाईं नासिका से सांस छोड़ें।
- आप बार-बार इसका ही अभ्यास करें।
उज्जायी प्राणायाम
अनुलोम-विलोम की ही तरह उज्जायी प्राणायाम भी आपको मेंटली रिलैक्स करते हैं, जिससे आप अपने ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या को दूर कर पाती हैं।
- उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करेन के लिए आप सबसे पहले ध्यान मुद्रा में बैठें।
- अब आप अपनी नाक के माध्यम से धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
- ध्यान रखें कि आप सांस को खींचते हुए अंदर लें और उस दौरान मुंह को बंद रखें, लेकिन उसमें से एक आवाज आएगी।
- अब आप अपनी ठोड़ी को चेस्ट से टच करें और सांस को होल्ड करें।
- जब सांस छोड़नी हो तो दोबारा गर्दन ऊपर करें और दाएं अंगूठे से दाईं नाक बंद करें और बाएं से सांस बाहर छोड़ें।
- तो अब आप भी नियमित रूप से इन योगासनों का अभ्यास करें और कुछ ही समय में अपने खान-पान की आदतों में बदलाव देखें।
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Recommended Video
Image Credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों