अगर आपके बच्‍चे को हो रही है बहुत ज्‍यादा खांसी तो फौरान ध्‍यान दें

अगर काली खांसी के इंफेक्शन का समय पर ट्रीटमेंट ना किया जाए तो खांसी बार-बार और तेजी से बढ़ने लगती है और सांस लेते समय गले से तेज घरघराहट की आवाज आने लगती है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-05-04, 12:47 IST
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काली खांसी एक अत्यधिक संक्रामक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह बोर्डेटेला पेट्यूसिस (Bordetella pertussis) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है, जो सांस की नालियों में इंफेक्‍शन फैलाता है। काली खांसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में काफी तेजी से फैलती है। यह मुख्य रूप से बच्चों में होती है, लेकिन जवान और बुजुर्ग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। बैक्टीरिया से संक्रमित होने के लगभग 7 से 10 दिन बाद काली खांसी के शुरुआती लक्षण और संकेत दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। शुरुआत में कॉमन कोल्‍ड की तरह ही लक्षण होते हैं, जैसे हल्की खांसी, छींक आना, नाक बंद होना, नाक बहना और हल्का बुखार होना।

अगर इंफेक्शन का समय पर ट्रीटमेंट ना किया जाए तो खांसी बार-बार और तेजी से बढ़ने लगती है और सांस लेते समय गले से तेज घरघराहट की आवाज आने लगती है। इसके साथ ही आपको उल्टियां भी हो सकती हैं। 6 महीने से कम उम्र के बच्चों में काली खांसी होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। पब्लिक हेल्थ ओन्टारियो द्वारा किए गए एक स्‍टडी के अनुसार, ओन्टारियो में खांसी के मामलों को पहले से जाना जाता है, जो बीमारी और बीमारी के फैलने से बचाने के लिए अप-टू-डेट वैक्सीनेशन के महत्व को मजबूत करता है।

काली खांसी के लक्षण

काली खांसी (औपचारिक रूप से पेट्यूसिस के रूप में जाना जाता है) एक बेहद संक्रामक सांसों से जुड़ा इंफेक्‍शन है। कई लोगों में, यह एक गंभीर हैकिंग खांसी के बाद सांसे तेज हो जाती है जो "हूप" जैसे लगती है। हालांकि बहुत कम लोगों में इस तरह की खांसी होती है, कभी-कभी, एक लगातार हैकिंग खांसी एकमात्र संकेत होता है कि किसी को बीमारी है। शिशुओं के मामले में, वह खांसी नही करते हैं, लेकिन उन्‍हें सांस लेने में संघर्ष करना पड़ता है, या वह अस्‍थायी रूप से सांसों को रोक सकते हैं। शिशुओं में बहुत ज्‍यादा खांसी से गंभीर जटिलताओं का जोखिम होता है।

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Image Courtesy: Imagebazaar.com

काली खांसी से जुड़ी मौत दुर्लभ हैं। जब मौतें होती है, वे आमतौर पर शिशुओं के बीच सबसे ज्यादा देखी जाती हैं, खासतौर पर ऐसे बच्‍चे जो बीमारी के खिलाफ इंजेक्‍शन लगवाने के लिए बहुत छोटे होते हैं। ओन्टारियो में पब्लिक हेल्‍थ के लिए काली खांसी की सूचना दी जानी चाहिए, नए अध्ययन से पता चला है कि बीमारी की घटनाओं की रिपोर्ट काफी कम है।

क्‍या कहती है रिसर्च

शोधकर्ताओं ने ओन्टारियो में तीन अलग-अलग डेटासेट की तुलना और संदर्भित किया और पाया कि शिशुओं के बीच अनुमानित कुल संख्या 545 दर्ज मामलों से अनुमानित 924 मामलों में लगभग दोगुनी थी। डेटासेट में 2009 से 2015 की अवधि शामिल है।

एक वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए, अनुमानित कुल संख्या में खांसी के मामले वास्तव में रिपोर्ट की गई संख्या के लगभग आठ गुना थे (12,883 अनुमानित मामले बनाम 1,665 मामले पब्लिक हेल्‍थ की सूचना दी गई थीं)।

शोधकर्ताओं ने नोट किया कि अंडर-रिपोर्टिंग के मुख्य चालकों में से एक चिकित्सक को पब्लिक हेल्‍थ के लिए बीमारी की पहचान और रिपोर्टिंग की विविधता है। पेपर के मुख्य लेखक नताशा क्रॉक्रॉफ्ट ने कहा, "ये संख्याएं स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि समुदाय में जोड़ी खांसी ज्यादा प्रचलित है, हम लोगों को महसूस करते हैं और बीमारी को फैलाने वाले लोगों के जोखिम को बढ़ाते हैं।"

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काली खांसी हो सकती है रोकथाम

"काली खांसी की रोकथाम वैक्सीनेशन से की जा सकती है, और इन शोध निष्कर्ष लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूर करते हैं कि उनके वैक्सीनेशन संभावित इंफेक्‍शन और प्रसार को सीमित करने के लिए अप-टू-डेट हैं। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो देखभाल करते हैं या युवा शिशुओं के साथ संपर्क में हैं।"

Crowcroft ने कहा कि यह सुनिश्चित करना कि वैक्सीनेशन अप-टू-डे हो क्‍योंकि भविष्य में इसके खतरे को कम करने का एक तरीका है। इसके अलावा, काली खांसी की वास्तविक घटनाओं को पकड़ने के लिए बेहतर निगरानी डेटा, वैक्सीनेशन और आवृत्ति के समय सबूत-आधारित निर्णयों को सक्षम करने में हेल्‍प कर सकता है। अध्ययन पत्रिका पीएलओएस वन में दिखाई देता है।

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