Laziness In Winter:सर्दियों का मौसम काफी सुहावना होता है। इसी के साथ इस मौसम में लोग सुस्त और आलसी भी हो जाते हैं। लोगों को बिस्तर पर अधिक समय बिताने की इच्छा होती है। ज्यादातर लोग रजाई में ही रहना चाहते हैं। कोई जरूरी काम भी करने में आफत आती है। हर वक्त आंखों में नींद बनी रहती है। कुल मिलाकर आलस का पैरामीटर काफी ज्यादा बढ़ जाता है। आखिर ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे क्या कारण होते हैं? जानते हैं विस्तार से
क्यों ठंड में बढ़ी जाती है सुस्ती?
सर्दियों के मौसम में आलस और सुस्ती आने का सबसे बड़ा कारण है धूप की कमी। शरीर पर सूरज की रोशनी कम पड़ती है, जिससे हमारा बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होता है। हार्मोन असंतुलित हो जाता है। मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ने लगता है, जिससे हम हर वक्त थका हुआ और नींद महसूस करते हैं। बता दें कि मेलाटोनिन एक ऐसा हार्मोन है जो नींद के लिए जिम्मेदार होता है। (कैसे बढ़ाएं मेलाटोनिन हर्मोन)
वहीं धूप की कमी के चलते शरीर में विटामिन डी की भी कमी हो जाती है और विटामिन डी की कमी होने पर शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसे हर वक्त थकान और नींद आती रहती है। एनर्जी लेवल काफी ज्यादा डाउन हो जाता है। सर्दियों में कुछ लोग डिप्रेशन और एंग्जायटी से भी परेशान हो जाते हैं इसके कारण भी सुस्ती बनी रहती है
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सर्दियों के मौसम में हमारे खान-पान में भी काफी ज्यादा बदलाव आ जाता है। इस मौसम में हम अधिक तला भुना हुआ खाते हैं और शारीरिक गतिविधि में भी कमी हो जाती है। इस कारण भी आलस और थकान बनी रहती है। (आलस और थकान के कारण)
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