गुस्सा आने पर क्यों आता है रोना? साइकोलॉजिस्ट से जानें इस इमोशन के पीछे की साइंस

बहुत ज्यादा गुस्से में क्या आपकी हार्टबीट भी तेज हो जाती है? क्या आप भी चिल्लाते हुए अक्सर रोने लगते हैं? ऐसा सिर्फ आपके साथ नहीं होता, बल्कि कई सारे लोग इससे रिलेट कर पाएंगे। माना जाता है कि रोना गुस्से का सामान्य रिस्पॉन्स है, लेकिन क्यों? चलिए साइकोलॉजिस्ट से जानें। 

 
Why We Cry When We Are Angry

ऐसी शायद ही कोई बहस होगी कि जिसमें मेरा पारा हाई हुआ हो और फिर आंसुओं के तले वो दब गया हो। उस एक पल में मुझे नहीं समझ आता कि मैं क्यों रो रही हूं। बस गुस्से में आंखों से गंगा-जमुना बहने लगती है। यह एक ऐसा इमोशन है, जो शायद मैं किसी को एक्स्प्लेन भी नहीं कर पाती। "अरे, तू तो गुस्सा थी फिर अचानक रोने क्यों लगी?" इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं होता।

क्या कहा...ऐसा आपके साथ भी होता है? जी हां, इस समस्या से काफी लोग रिलेट कर सकते हैं। तेज गुस्से के बीच जब आंखों से आंसू आने लगते हैं, तो यह कन्फ्यूजिंग भी होता है और ज्यादा दुखदायी भी। हम अपने शरीर को उस वक्त समझ ही नहीं पाते। यही कारण है कि सारे लोग बहस से बचते हैं। वह गुस्से को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं।

आखिर ऐसा क्यों होता है? जब यह सवाल हमने जानी-मानी सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी से किया तब उन्होंने बताया, "जब आपको गुस्सा आता है, तो आपके शरीर में कई सारे हार्मोन्स प्रोड्यूस होते हैं। इसके कारण हमारा चेहरा लाल हो जाता है, पसीना आने लगता है और तो और हम फंबल भी करने लगते हैं। यह एक तरह का रिस्पॉन्स है। रोने से गुस्सा शांत हो जाता है और एक तरह से यह गुस्से को डायल्यूट करता है।" क्या हम अपने इमोशन्स को कंट्रोल कर सकते हैं? आइए साइकोलॉजिस्ट से इसका जवाब जानें।

गुस्सा होने पर हमें रोना क्यों आता है?

why do we cry easily

आप अपने भाई से लड़ते-लड़ते रो देते हैं या फिर दोस्त की किसी बात पर अपसेट होकर देते हैं। अगर हम इस इमोशन को समझने की कोशिश करें, तो इसका एक सीधा-सा कारण यह है कि हम जब आहत महसूस करते है, तो रोने लगते हैं।

कई बार हम कुछ कह भी नहीं पाते और गुस्से में बस रोने लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हम उन स्थितियों में घिर जाते हैं, जो हमारे लिए परेशान करने वाली होती हैं। डॉ. भावना बर्मी ऐसे कुछ फैक्टर्स बताती हैं, जिसकी वजह से हम गुस्से में रोने लगते हैं।

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सामाजिक अपेक्षाएं: डॉ. बर्मी बताती हैं कि समाज के बनाए हुए मानदंड ही यह तय करते हैं कि हमें अपनी भावनाओं को कैसे व्यक्त करना चाहिए। कई बार इस दबाव के कारण गुस्सा आता है और हम रोने लगते हैं। गुस्से में रोना भले ही उन ट्रेडिशनल नोशन के खिलाफ हो, लेकिन यह किसी व्यक्ति के प्रामाणिक रिएक्शन और रिस्पॉन्स को दिखाता है।

इमोशनल इंटेंसिटी: जैसा कि आपको पता है कि गुस्सा एक शक्तिशाली इमोशन है। गुस्से में हमें खुद पर काबू नहीं रहता। आपकी स्ट्रॉन्ग भावनाओं के प्रति शारीरिक प्रतिक्रिया ही आंसू का कारण बनते हैं।

कैथारसिस: गुस्सा होने पर हमारा रोना इमोशन्स को शांत करने में मदद करता है। यह इमोशनल रिलीज का एक हिस्सा है, जिसके बाद तनाव और निराशा (तनाव कम करने के टिप्स) कम होती है। हमारा शरीर तेज गुस्से में अपने आप यह प्रतिक्रिया देता है।

संवाद: गुस्से में रोना एक तरह का संचार है, जो हम अपने आसपास के लोगों के साथ करते हैं। यह हमारी परेशानी को सामने रखता है। गुस्सा आने पर रोना एक इंवॉल्यूटरी एक्सप्रेशन हो सकता है, जो इमोशन डिस्ट्रेस की ओर इशारा करता है।

क्या गुस्से में रोना सामान्य है?

is crying normal

जी, बिल्कुल। गुस्से में रोना न सिर्फ सामान्य रिस्पॉन्स है बल्कि आपके लिए कई तरह से अच्छा भी साबित हो सकता है। रोने से हमारे शरीर में ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन जैसे केमिकल्स रिलीज होते हैं। ये आपकी हार्ट बीट को कम कर सकते हैं और आपके मन को शांत कर सकते हैं।

हम इस इमोशन को कैसे कंट्रोल कर सकते हैं?

उकसाए जाने पर अपनी असली भावना के साथ रिएक्शन देना जितना सामान्य है, बहस या गुस्से के बीच रोना उतना उचित नहीं होता है। डॉ. बर्मी ऐसे साइकोलॉजिकल स्ट्रेटेजी शेयर करती हैं, जो इसे नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकते हैं-

सेल्फ अवेयरनेस है जरूरी

सबसे जरूरी है कि आप पहले अपने ट्रिगर्स को पहचानें। हमारे आसपास उत्पन्न होने वाली स्थितियां, लोग और विचारों के कारण स्ट्रॉन्ग इमोशन्स प्रोवोक होते हैं। इसके कारण हमें गुस्सा और रोना आता है। अपने उन ट्रिगर्स को पहचानने की कोशिश करें और उनसे दूर रहे हैं। उन स्थितियों, विचारों या लोगों को पहचानें जो इसके साथ ही अपनी भावनाओं को हमेशा नोटिस करें। आपको गुस्सा कब आता है और भावनात्मक वृद्धि कब होती है, इसके शुरुआती संकेतों को पहचानने की कोशिश करें (इमोशनली स्ट्रॉन्ग कैसे बनें)।

गहरी सांस लें और रिलैक्स करें

जब भी आप ऐसी किसी स्थिति में घिरा महसूस करें, जहां आपको गुस्सा आए वहां गहरी सांस लें। धीमी और गहरी सांसें भावनाओं को नियंत्रित करने और शारीरिक उत्तेजना को कम करने में मदद कर सकती हैं।

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मसल रिलैक्सेशन पर ध्यान दें

तनावग्रस्त मांसपेशियों के कारण भी आपको जल्दी गुस्सा आने लगता है, इसलिए उन्हें आराम देने की तकनीक सीखें। ऐसे अभ्यास करें, जो भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को शांत करने में मदद कर सकती है।

हमारा शरीर बहुत कमाल है और कमाल हैं, हमारे इमोशन्स। सीधी और सरल बात यह है कि गुस्सा आने पर रोना बहुत आम है, लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा रोते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।

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Image Credit: Freepik

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FAQ

  • क्या गुस्से में रोना सही है?

    गुस्से को दबाकर रखने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जब आप रोते हैं, तो यह इमोशनल स्ट्रेस को रिलीज करता है और आपका मन शांत होता है।
  • बार-बार रोने की समस्या को कम कैसे करें?

    खुद को ऐसी स्थितियों से दूर रखें, जो आपको ट्रिगर करती हैं। जब भी रोना आए, तो लंबा सांस लेने की कोशिश करें।