इन दिनों सिजेरियन डिलीवरी एक ट्रेंड सा बन गया है। प्राइवेट ही नहीं सरकारी अस्पतालों में भी सिजेरियन डिलीवरी के मामलों में काफ़ी वृद्धि देखी गई है। डॉक्टरों की माने तो पिछले कुछ सालों में इसके आंकड़े काफ़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। यही नहीं शुरुआत में कोशिश की जाती है कि महिला की नॉर्मल डिलीवरी हो और जच्चा- बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहें, लेकिन कई बार स्थिति कंट्रोल से बाहर होती है, जिसकी वजह से सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ती है।
कंसल्टेंट ओब्स्ट्रेशियन एंड गायनाकोलीजिस्ट डॉ. शीतल भारद्वाज ने बताया कि नॉर्मल डिलीवरी भविष्य के लिए अधिक सेफ़ होती है। इससे भविष्य में महिला को किसी तरह की दिक्कत या फिर परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन सिजेरियन डिलीवरी में सर्जिकल कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना रहती है। अगर पहला बच्चा सिजेरियन से हुआ है तो दूसरा बच्चा भी सिजेरियन से होने की उम्मीद बढ़ जाती है। बार-बार शरीर पर कट लगने से महिला को भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं उन्होंने बताया कि सिजेरियन डिलीवरी के मामले बढ़ने के पीछे कई वजह हैं।
शीतल भारद्वाज के अनुसार सिजेरियन डिलीवरी के चांस बढ़ने की एक वजह ओवर ऐज में मां बनना भी है। दरअसल इन दिनों महिलायें अपने करियर को ज़्यादा प्राथमिकता दे रही हैं, इसकी वजह से वह देर से शादी करती हैं और मां भी देर से बनती हैं। ऐसे में 35 के बाद महिलाएं इतनी स्ट्रांग नहीं रहती हैं कि वह नॉर्मल डिलीवरी करवा सकें। ऐसा अक्सर देखा गया कि अधिक उम्र की महिलाएं जब मां बनती हैं तो उनके लिए कंप्लीकेशन्स अधिक बढ़ जाती हैं, नतीजा सिजेरियन डिलीवरी करवानी ही पड़ती है।
इन दिनों तनाव और अन्य शारीरिक परेशानियों की वजह से महिलाएं समय से पहले ही डायबिटीज़, और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों की चपेट में आ रही हैं। गर्भवती महिलायें अगर इस बीमारी की चपेट में हैं तो उसे कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी है। कंट्रोल में नहीं होने पर जच्चा और बच्चा दोनों को ख़तरा हो सकता है। इस स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी होना काफ़ी मुश्किल है, जिसकी वजह से सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ती है।
इसे भी पढ़ें:Expert Tips: पीसीओएस से निपटने के लिए असरदार डायग्नोसिस
आजकल हेल्दी लाइफ़स्टाइल को बहुत कम ही लोग फ़ॉलो कर पाते हैं। डेली वर्कआउट के अलावा पोषक तत्वों से भरपूर डाइट नहीं लेने से सिर्फ़ शारीरिक समस्याएं ही नहीं बल्कि सिजेरियन डिलीवरी के चांसेस भी बढ़ जाते हैं। महिलाएं मां बनने से पहले ही कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना कर रही होती हैं, ऐसे में अगर आप चाहती हैं कि भविष्य में नॉर्मल डिलीवरी हो तो हेल्दी लाइफ़स्टाइल के लिए हेल्दी फूड का सेवन करें।
गर्भपात करवाना किसी भी महिला के लिए ख़तरनाक हो सकता है। अधिक दवाइयों का सेवन और अन्य किसी वजह से गर्भपात करवाना पड़ रहा है तो इससे गर्भ में बच्चा ठहरना मुश्किल हो जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को ऐसी स्थिति में खुद का ख़्याल रखना ज़रूरी होता है। अगर किसी महिला की प्रेग्नेंसी बार-बार फेल हो रही है तो इस स्थिति में भी सिजेरियन डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं।
इसे भी पढ़ें:कान में फुंसी निकल आए तो अपनाएं ये उपाय
सिजेरियन डिलीवरी के लिए डॉक्टर्स को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है, जबकि कई बार परिवार के लोग भी ऐसा करने की सलाह देते हैं, क्योंकि परिवार से महिला का दर्द नहीं देखा जाता। आजकल बहुत कम महिलाएं हैं जो नॉर्मल डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को बर्दाश्त कर पाती हैं। यही नहीं वह डॉक्टरों के द्वारा दी गई सलाह को भी मानने से इंकार कर देती हैं। नतीजा नॉर्मल के बजाय सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ती है।
अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।