मौसम कोई भी हो यदि आप त्वचा का उचित ध्यान नहीं रखते हैं तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उनमें से एक है फोड़े-फुंसी निकलना। फोड़े-फुंसी केवल चेहरे पर ही नहीं निकलते हैं बल्कि यह आंख, नाक और कान में भी निकलते हैं। जगह के हिसाब से फोड़े-फुंसी का उपचार करने का तरीका भी अलग होता है।
कान की फुंसी भी बहुत दर्दनाक होती है। मगर कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर इससे निजात पाई जा सकती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपचार बताएंगे, जिनके लिए आपको अपनी रसोई से ही सामग्री मिल जाएगी।
कान में फुंसी निकलने के कारण
- अगर कान की नियमित सफाई नहीं की जाए तो कान में फुंसी निकल आती है।
- अगर कान में बहुत अधिक पसीना आता है तो उससे भी कान में फुंसी निकल आती है।
- अगर आपकी त्वचा ऑयली है और मुंहासों की समस्या है तो इससे भी कान में फुंसीहो सकती है।
- अगर कान के फोल्ड्स पर मच्छर काट ले और उस पर खुजली कर ली जाए तो एक छोटा सा दाना फुंसी का रूप ले सकता है।
कान में फुंसी निकलने के लक्षण
- अगर कान के फोल्ड्स में किसी निश्चित स्थान पर बहुत अधिक खुजली हो रही हो।
- जब कान के फोल्ड्स की त्वचा में अचानक उभार नजर आने लगे।
- कान में अगर छोटा सा दाना निकला हो और उसमें दर्द हो रहा हो।
- जब कान में निकले छोटे से दाने में से पानी बहने लगे या पस बनने लगे।
कान में फुंसी के लिए घरेलू नुस्खे
1. दालचीनी
फायदे- दालचीनी में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। यदि इसे कान की फुंसी में लगाया जाए तो उसकी सूजन कम हो जाती है।
कैसे लगाएं- चुटकी भर दालचीनी में चुटकी भर काली मिर्च का पाउडर मिक्स करें और उसमें पानी डालकर गाढ़ा घोल तैयार कर लें। इसके बाद आप इस लेप को कान की फुंसी में लगा लें। दिन में 2-3 बार इस घरेलू नुस्खें को आजमा कर देखेंं।
टिप- जब तक फुंसी ठीक न हो जाए इस लेप का इस्तेमाल करें। अच्छे रिजल्ट्स देखने के लिए आप इसे रात में सोने से पहले कान में लगाएं।
2. तुलसी
फायदे- तुलसी में एंटी ऑक्सीडेंट्स का खजाना होता है, जो त्वचा को डीप क्लीन करते हैं और विषैले तत्वों को त्वचा की गहरी सतह से बाहर निकालने में मदद करते हैं।
कैसे लगाएं- तुलसी की पत्ती के लेप में थोड़ा सा कपूर मिला लें। इस मिश्रण को आप कान की फुंसी पर लगाएं। इससे आपको दर्द और सूजन दोनों में राहत मिल जाएगी।
टिप- अच्छे रिजल्ट्स देखने के लिए आप इस लेप को रात में सोने से पहले लगाएं। साथ ही दिन में 2 से 3 बार इस लेप को जरूर लगाएं।
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3. सरसों का तेल
फायदे- सरसों का तेल एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी होता है। इसे कान की फुंसी पर लगाने से फंगल इंफेक्शन दूर हो जाता है।
कैसे लगाएं- सरसों के तेल में औषधीय गुण होते हैं। हालांकि, बिना डॉक्टर की सलाह के आप इसे कान के अंदर न डालें। अगर कान की फुंसी पर इसे मला जा सकता है।
टिप- जब आपको कान के फोल्ड्स में खुजली हो या त्वचा उभरी हुई सी नजर आए तब ही आप सरसों के तेल की एक बूंद उस पर लगा लें। इससे दाना बड़ा नहीं होगा और सूजन भी अधिक नहीं होगी।
4. गेंदे का फूल
फायदा- गेंदे का फूल एंटी इंफ्लेमेटरी होता है और इससे दाने की सूजन को कम किया जा सकता है। अगर आपकी नाक के अंदर फुंसी निकली है तो गंदे का फूल सूंघने से बहुत आराम मिलता है।
कैसे लगाएं- गेंदे के फूल को पीसकर उसका पेस्ट कान की फुंसी पर लगा लें। जब तक फुंसी ठीक न हो जाए ऐसा नियमित करें। जल्दी ही आराम मिलेगा।
टिप- गेंदे के फूल में हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं। अगर फुंसी में पस भर गया हो तो गेंदे के फूल का लेप लगाने से पस आसानी से बाहर आ जाता है।
5. लहसुन
फायदे- लहसुन में फंगल इंफेक्शन की समस्या पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता होती है। इसे खाने और त्वचा पर लगाने दोनों के फायदे हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं।
कैसे लगाएं- सरसों के तेल में लहसुन को पका लें और फिर पीसकर उसका पेस्ट कान की फुंसी पर लगाएं। इससे आपको बहुत राहत मिलेगी।
टिप- लहसुन की कलियों को गरम करके एक रुमाल में बांधकर दाने की सिकाई करने पर भी सूजन, खुजली और लालपन कम हो जाता है।
नोट- ये नुस्खे कान के बाहर फुंसी निकलने के उपचार के लिए हैं। अगर कान के अंदर कोई समस्या है तो आप पहले डॉक्टर से परामर्श करें ।
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Image Credit: freepik
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