कोरोना महामारी के बाद अब ( HMPV) एचएमपीवी यानी कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस की एंट्री हो चुकी है। चीन के बाद भारत में भी इस वायरस ने दस्तक दे दी है। कर्नाटक, गुजरात और कोलकाता में एचएमपीवी के कई मामले सामने आ चुके हैं। लोग इस वायरस को लेकर चिंतित हैं। इसकी तुलना कोरोना से कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना वायरस भी पहले चीन में आया था उसके बाद ही बाकी अन्य देशों में इसके केस सामने आए थे और सबसे अहम बात की इस वायरस से भी सांसों से जुड़ी दिक्कत पैदा हो रही है। हालांकि भारत सरकार ने इसको लेकर अपील की है कि इस वायरस को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, फिर भी लोग जाना चाहते हैं कि इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा किसे है और इसका बचाव कैसे कर सकते हैं? आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे एचएमपीवी वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा कौन लोग आ सकते हैं? इसको लेकर हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की Dr Vikas Mittal, Pulmonologist, Director, of Wellness Home Clinic and Sleep Centre Pashim Vihar ने इस बारे में जानकारी साझा की है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि एचएमपीवी वायरस को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह एक सांसों से जुड़ा वायरस है जो खासकर कमजोरी इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है।यह वायरस सामान्य फ्लू से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस और लो ऑक्सीजन लेवल का कारण बन सकता है। वहीं अगर बात करें कि यह वायरस सबसे ज्यादा किन लोगों को प्रभावित कर सकता है तो इनमें नवजात जिनकी उम्र 1 साल से कम है ऐसे बच्चों का इम्यूनिटी पूरी तरह से विकसित नहीं होता है। ऐसे में यह वायरस से उनके श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
इसके अलावा जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो 60 साल या उससे अधिक उम्र वाले लोगों में एचएमपीवी वायरस गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है।
इम्यूनोसप्रेसर दवाएं लेने वाले लोगों को यह बीमारी घेर सकती है। यानी ऐसे लोग जिन्हें पहले कोई बीमारी है और उनकी इम्यूनोसप्रेसिव ड्रग्स चल रही है, इस वजह से उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे लोग इस वायरस का शिकार हो सकते हैं। ऐसे लोगों के शरीर में जब वायरस हमला करता है तो शरीर इसे खत्म करने में असमर्थ होता है।
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इस वायरस की जांच के लिए आरटी-पीसीआर किया जाता है। यह वही तकनीक है जिसका इस्तेमाल करके कोविड 19 वायरस की पहचान की जाती थी।
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