सुनो सहेली! एक जैसी नहीं होती है सभी के लिए PCOD, 90 प्रतिशत महिलाओं को नहीं पता है यह बात

PCOD के बारे में सभी को लगता है कि यह सभी महिलाओं के लिए एक जैसी नहीं होती है। इसके लक्षण और प्रकार अलग होते हैं और इन्हें समझना बहुत जरूरी है। आपको किस प्रकार की PCOD है, यह जानकर ही डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
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PCOD में महिलाओं की ओवरीज में छोटी-छोटी सिस्ट बन जाती हैं और हार्मोन्स इंबैलैंस हो जाते हैं, यह बात सभी महिलाओं को पता है और यह कहना गलत नहीं होगा कि ज्यादातर महिलाएं PCOD के बारे में बस इतना ही जानती हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि PCOD एक नहीं बल्कि कई प्रकार की होती है। इसके लक्षण, कारण और मैनेज करने के तरीके भी इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको कौन-सी प्रकार की PCOD है। इस बात से काफी महिलाएं अनजान होती हैं। चलिए आपको PCOD के प्रकार, लक्षण और इससे जुड़ी बाकी जानकारी देते हैं। इससे आप आसानी से समझ पाएंगी कि आपको कौन सी पीसीओडी है, चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

क्या आपको पता है आपको कौन-सी प्रकार की PCOD है?

  • PCOD का सबसे आम प्रकार इंसुलिन रेजिस्टेंस PCOD है। इसमें महिलाओं के पेट की चर्बी बढ़ने लगती है, एक्ने निकल आते हैं, शुगर क्रेविंग्स होती हैं और पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।
  • इंसुलिन बढ़ने पर मेल हार्मोन टेस्टेस्टेरोन की मात्रा बढ़ जाती है और इसके कारण यह PCOD होती है। इसे मैनेज करने के लिए आपको रिफाइंड कार्ब्स और शुगर को छोड़ना है और डाइट में फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स को शामिल करें।
  • इंफ्लेमेटरी पीसीओडी भी PCOD का एक प्रकार है। इसके लक्षणों में कमजोरी महसूस होना, जोड़ों का दर्द, एक्ने और सेंसिटिव स्किन शामिल है। शरीर में मौजूद क्रॉनिक इंफ्लेमेशन इसकी वजह होता है।
  • इसे मैनेज करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स जैसे हल्दी, बेरीज और फ्लैक्स सीड्स को खाएं। अगर ब्लोटिंग अधिक हो या बार-बार स्किन से जुड़ी दिक्कतें हों तो ग्लूटन-फ्री डाइट लेने की कोशिश करें।

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  • PCOD के इस प्रकार के बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता है। इसे एड्रेनल पीसीओडी कहा जाता है। नींद न आना, एंग्जायटी, इंसुलिन का नॉर्मल होना पर तनाव का अधिक होना इसके लक्षण हैं।
  • लंबे समय तक तनाव में रहना यानी क्रॉनिक स्ट्रेस इसका कारण है। योग और प्राणायाम करें। अश्वगंधा और बैलेंस मील लें। इससे लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी।

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PCOD के प्रकार और इसके सही लक्षणों को समझना जरूरी है। उसी के हिसाब से डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें ताकि इसके लक्षण रिवर्स हो सकें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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