PCOD पर कैसे असर डालता है इंसुलिन रेजिस्टेंस? जानें

PCOD और PCOS के लक्षणों को कम करने के लिए इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार जरूरी है। इंसुलिन रेजिस्टेंस का कैसे PCOD और PCOS की कंडीशन पर असर पड़ता है, आइए जानते हैं।

 
impact of insulin resistance on pcod

महिलाएं, घर और ऑफिस के बीच तालमेल बिठाने के चक्कर में, सभी जिम्मेदारियों को सही से निभाने की जल्दी में, अक्सर अपनी हेल्थ को नजरअंदाज कर देती हैं। महिलाओं में आजकल लाइफस्टाइल में जुड़े डिसऑर्डर काफी बढ़ गए हैं। जिनमें थायरॉइड, PCOD और PCOS के मामले काफी देखने को मिल रहे हैं। बात अगर PCOD और PCOS की करें, तो इसके चलते महिलाओं को हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या हो जाती है। इसके अलावा पीरियड्स और फर्टिलिटी पर भी इसका असर पड़ता है। PCOD और PCOS पर इंसुलिन रेजिस्टेंस का भी काफी असर होता है और इसके चलते यह समस्या किस तरह बढ़ सकती है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स की है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

PCOD पर कैसे असर डालता है इंसुलिन रेजिस्टेंस?

connection between pcos and insulin resistance

हमारे शरीर के हर सेल(कोशिका) इंसुलिन के द्वारा प्रभावित होती है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को रेगुलेट करता है। फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम में ओवरीज में इंसुलिन रिसेप्टर होते हैं। जब ओवरीज सही तरह से काम करती हैं, इंसुलिन लेवल नॉर्मल होता है, तो ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) का सीक्रेशन भी सही होता है। ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) एक हार्मोन है, जो महिलाओं में पीरियड्स और एग्स के प्रोडक्शन को कंट्रोल करने में मदद करता है। वहीं, PCOS ओवरीज में हाई इंसुलिन लेवल होने पर ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) बढ़ जाता है और मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरोन भी बढ़ जाता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ने और एस्ट्रोजन हार्मोन कम होने पर एग की ग्रोथ पर असर होता है और सिस्ट बनने लगती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस के चलते एग सही से विकसित नहीं हो पाते हैं और इसके वजह से ही सिस्ट बढ़ने लगती हैं।

PCOD में इंसुलिन रेजिस्टेंस के लक्षण

how do i stop insulin resistance with pcos

अगर आपको PCOD की समस्या है और शरीर में ये लक्षण नजर आने लगें तो इसका मतलब शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस है। स्किन टैग्स, गर्दन और पीठ पर एक्ने, स्किन पिगमेंटेशन, बेली फैट या लोअर बॉडी में फैट बढ़ना, इंसुलिन रेजिस्टेंस का इशारा करते हैं। डाइट में इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने वाली चीजें जैसे ओट्स, ब्रोकली, शकरकंदी, अदरक और दालचीनी को शामिल करना चाहिए।

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Image Credit:Freepik

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