बचपन में इंजेक्शन के नाम से हर बच्चा सहम उठता है। अक्सर मां बाप भी कहते हैं कि अगर यह करोगे तो सुई लगवा देंगे, वो करोगे तो सुई लगेगी। दवाई नहीं खाओगे तो सुई से ही इलाज होगा। बच्चों का परेशान होना तो समझ आता है, लेकिन कुछ लोग बड़े होकर भी सुई से इस कदर डर जाते हैं कि उनके पसीने छूटने लगते हैं। दिल की धड़कन तेज हो जाती है। क्या यह डर नॉर्मल है? नहीं... ऐसा महसूस होना नॉर्मल नहीं बल्कि एक बीमारी की तरफ इशारा करता है। आइए जानते हैं कौन सी बीमारी से व्यक्ति ऐसा महसूस करता है। इसको लेकर हमने डॉक्टर कमल किशोर वर्मा जी से बात की
सुई से डर क्यों लगता है?
एक्सपर्ट के मुताबिक जिन भी लोगों को इंजेक्शन या सुई से डर लगता है वह ट्रिपैनोफोबिया (Fear Of Needle) से पीड़ित होते हैं। यह एक मानसिक स्थिति है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को ही प्रभावित करती है। इस विकार से पीड़ित लोग अक्सर इंजेक्शन देखकर बेचैन और परेशान हो जाते हैं। उनके पसीने छूटने लगते हैं। हार्ट बीट तेज हो जाता है, बीपी बढ़ने लगता है।इसका कारण लोग वैक्सीनेशन नहीं करवाते हैं और साथ ही दूसरों को भी ऐसा करने से रोकते हैं।
ट्रिपैनोफोबिया के लक्षण
- पैनिक अटैक
- पसीना आना
- शरीर का कांपना
- हार्टबीट तेज होना
- रोंगटे खड़े होना
- चक्कर आना
- त्वचा को खरोचना
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ट्रिपैनोफोबिया के कारण
- दर्द के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता
- बचपन में हुआ कोई हादसा जो इंजेक्शन से जुड़ा हो
- फैमिली हिस्ट्री
- इंजेक्शन देखकर नेगेटिव ख्याल आना
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