ट्रांसजेंडर्स को टीनएज में परेशान कर सकती हैं ये समस्याएं

 

टीनएज का वक्त सभी के लिए कंफ्यूजिंग और चैलेंजिंग होता है। बात अगर ट्रांसजेंडर्स की करें तो इन्हें टीनएज में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आइए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।

 
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LGBTQ+ यानी लेस्बियन, गे, बायसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर लोग। आज के वक्त में भी LGBTQ+ कम्यूनिटी को कई संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, जून के महीने को प्राइड मंथ के तौर पर मनाया जाता है, लेकिन LGBTQ+ कम्यूनिटी के साथ होने वाला भेदभाव साफ तौर पर दिखाई देता है। इस कम्यूनिटी के लोगों को कई तरह की सेक्सुअल और मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इन समस्याओं का सामना करते हुए जब इन्हें समाज के बेरुखे रवैया को झेलना पड़ता है, तो यह इनके लिए और मुश्किल हो जाता है। बात अगर ट्रांसजेंडर्स की करें, तो इन्हें कई मुश्किलें होती हैं। खासकर, टीनएज में ट्रांसजेंडर्स को कई तरह की परेशानियां आती हैं। ट्रांसजेंडर्स कौन होते हैं और इन्हें टीनएज में किस तरह की मुश्किलें आती हैं, इस बारे में हमने डॉक्टर चेतना जैन, डायरेक्टर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम से बात की।

ट्रांस-पुरुष और ट्रांस-महिला कौन होते हैं?

how transgender behaves at teenage

एक ट्रांस-महिला वह होती है जो पुरुष के शरीर में पैदा होती है लेकिन महिला के रूप में पहचान रखती है। वहीं, ट्रांस-पुरुष वे होते हैं जो महिला के शरीर में पैदा होते हैं, लेकिन पुरुष के रूप में अपनी पहचान रखते हैं। ये दोनों ट्रांसजेंडर्स के अंदर आते हैं। ट्रांसजेंडर्स के पास सेक्स-चेंज सर्जरी करवाकर अपना सेक्स बदलवाने का विकल्प होता है। डॉक्टर जैन ने इस बारे में बताया कि अधिकतर ट्रांसजेंडर्स को 6-8 साल की उम्र में उनकी पहचान का पता चल जाता है। प्यूबर्टी तक पहुंचते-पहुंचते ज्यादातर ट्रांसजेंडर्स (ट्रांसजेंडर अधिनियम से जुड़ी जरूरी बातें) इस बात को समझ जाते हैं कि उनकी पहचान क्या है या फिर क्यों वे उस सेक्स के साथ जुड़ाव महसूस नहीं कर पा रहे, जिसमें वे पैदा हुए हैं।

ट्रांसजेंडर टीनएजर्स को हो सकती हैं ये दिक्कतें

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प्यूबर्टी यानी यौवन की शुरुआत किसी भी टीनएज के लिए चैलेंज से भरी होती है। वहीं, बात अगर ट्रांसजेंडर्स की करें, तो उनके लिए अंदरूनी और बाहरी, दोनों तरफ से संघर्ष सामने आते हैं। अगर कोई ट्रांसजेंडर, पुरुष लिंग में पैदा हुआ है, लेकिन वह लड़की के तौर पर पहचान रखता है तो किशोरावस्था आते-आते उसके शरीर में पुरुष वाले बदलाव होने लगते हैं। मसलन पुरुष जननांग का विकसित होना, छाती पर बाल आना, इन बदलावों के साथ डील कर पाना ट्रांसजेंडर्स के लिए काफी मुश्किल होता है। 18 वर्ष की उम्र से पहले ट्रांसजेंडर अपना सेक्स चेंज भी नहीं करवा सकते हैं। इस उम्र से पहले यह निर्णय केवल उनके पेरेंट्स का हो सकता है। (ट्रांसजेंडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की कहानी)

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Image Credit:Freepik


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