Expert Tips: बारिश में भी दांत रहेंगे मोतियों जैसे चमकते, अपनाएं ये टिप्‍स

बारिश में तापमान में गिरावट से दांतों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस आर्टिकल में बताए टिप्‍स को फॉलो करें। 

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मानसून हमें गर्मी के महीनों की चिलचिलाती गर्मी से बहुप्रतीक्षित राहत देता है। हालांकि, यह एक ऐसा समय भी है जब ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं। मानसून के दौरान फ्लू, डायरिया और पानी से होने वाले संक्रमण जैसी बीमारियां आम हैं। तापमान में गिरावट हमारे ओरल और दांतों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

इस मौसम में कुछ चीजों को फॉलो करना और दांतों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक होता है। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्‍स के बारे में बता रहे हैं जो मानूसन में आपके दांतों की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं। इन टिप्‍स के बारे में हमें My Dental Plan Healthcare Pvt. Ltd. की Dental expert & Founder and Chairman,Dr. Mohender Narula जी बता रहे हैं।

मानसून के दौरान गर्म पेय पदार्थों के अत्यधिक सेवन से बचें

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चाय के गर्म प्याले के साथ बारिश का आनंद लेना रोमांटिक और सुकून देने वाली लग सकती है, लेकिन दांतों के लिए ऐसा नहीं है। तापमान में गिरावट के साथ चाय और कॉफी जैसे गर्म पेय दांतों की सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं। यह सेंसिटिविटी अंतर्निहित दांतों की समस्याओं से उत्पन्न हो सकती है जिन्हें संबोधित नहीं किया गया है।

दांतों की सेंसिटिविटी दांतों में दांतों की नलिकाओं की उत्तेजना के कारण होती है जो गर्म या ठंडे भोजन या मिठाई के संपर्क में आने पर तेज दर्द का कारण बनती है। सेंसिटिविटी का एक अन्य कारण दांत में की गई डीप फिलिंग हो सकती है। चाय और कॉफी भी दांतों पर दाग लगा सकती हैं, जिससे वे पीले दिखाई देने लगते हैं।

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बरसात के महीनों में गर्म भोजन और पेय पदार्थों का सेवन करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा। सेंसिटिविटी के लिए विशेष रूप से बनाए गए टूथपेस्ट और माउथवॉश का उपयोग करके सेंसिटिविटी को घर में ही मैनेज किया जा सकता है। शेल्फ से कुछ भी खरीदने से पहले डेंटिस्ट से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, अगर सेंसिटिविटी बनी रहती है, तो प्राथमिकता के आधार पर डेंटिस्ट से परामर्श लें।

ओरल हेल्‍थ रूटीन को बनाए रखें

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मानसून के दौरान नमी सूक्ष्मजीवों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है, जिससे पेट खराब और त्वचा की समस्‍याएं होती हैं। इसका मतलब यह भी है कि टूथब्रश रोगाणुओं के बढ़ने का कारण बनता है। रोगाणु मुंह में निक्स और कट के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

विशेष रूप से बीमारी के बाद टूथब्रश को नियमित रूप से बदलने की सलाह दी जाती है। जीभ को साफ करने से जीभ पर उगने वाले बैक्टीरिया से उत्पन्न होने वाली दुर्गंध को रोका जा सकता है। अच्‍छी ओरल हाइजीन बनाए रखने के लिए माउथवॉश और फ्लॉस के नियमित उपयोग की भी सिफारिश की जाती है।

पौष्टिक आहार लें

मसूड़ों और दांतों को हेल्‍दी रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना अनिवार्य है। विटामिन-सी से भरपूर आहार से मसूड़ों की बीमारियों को दूर रखना चाहिए। आवश्यक पोषण प्राप्त करने के लिए नियमित आहार में मानसून के मौसम में उपलब्ध ताजे फल और सब्जियां शामिल होनी चाहिए। अनानास, संतरा और खीरा जैसे फल मसूड़ों से खून बहने से रोकने के लिए जाने जाते हैं। सूप, बादाम और अन्य नट्स नियमित आहार का हिस्सा होना चाहिए।

मुंह से सांस लेने की समस्या से निपटें

मानसून के दौरान सर्दी और बुखार का प्रकोप होता है। ठंड के कारण नाक बंद हो जाती है और इससे सांस लेने में कठिनाई होती है। ऐसे मामलों में लोग अक्सर मुंह से सांस लेने का सहारा लेते हैं। बच्चों में मुंह से सांस लेने के परिणामस्वरूप टेढ़े दांत और चेहरे की विकृतियां हो सकती है। मुंह भी अत्यधिक सूख सकता है।

जब मुंह सूख जाता है, लार मुंह से सूक्ष्मजीवों को नहीं हटा सकती है। वयस्कों में मुंह से सांस लेने से खराब सांस (मुंह से दुर्गंध), गुहाएं और मसूड़े की सूजन जैसे पीरियोडोंटल रोग के अन्य लक्षण होते हैं। मुंह से सांस लेने से ब्‍लड का ऑक्सीजन लेवल कम हो सकता है, जिससे हाई ब्‍लडप्रेशर और हार्ट रेट रुकने का खतरा बढ़ जाता है।

डेंटिस्‍ट के पास नियमित रूप से जाएं

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दांतों और मसूड़ों को हेल्‍दी बनाए रखने के लिए हर 6 महीने में अपने डेंटिस्‍ट के पास जाएं। डेंटिस्‍ट एक थ्रू चेकअप कर सकते हैं और प्रारंभिक अवस्था में समस्‍या की पहचान कर सकते हैं और सबसे उपयुक्त उपचार प्रक्रियाओं की सिफारिश कर सकते हैं। उपचार प्रक्रिया में देरी से रोग की प्रगति हो सकती है और रोग का डायग्नोज हो सकता है।

अच्छी ओरल हेल्‍थ बनाए रखना जीवन भर की प्रतिबद्धता है और यह आवश्यक है क्योंकि मुंह किसी व्यक्ति के समग्र सामान्य स्वास्थ्य की खिड़की है। खराब ओरल हेल्‍थ डायबिटीज, एंडोकार्डिटिस और विभिन्न हड्डियों से संबंधित और मानसिक समस्याओं जैसी कई प्रणालीगत बीमारियों से जुड़ा हुआ है। इस प्रकार एक अच्‍छे ओरल रूटीन का अभ्यास करने से कई चिकित्सीय जटिलताओं को रोका जा सकता है और जीवन की एक स्वस्थ गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है।

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आप भी इन टिप्‍स को आजमाकर मानसून के दौरान अपने दांतों की केयर कर सकती हैं। अगर समस्‍या गंभीर है तो एक बार डॉक्‍टर से सलाह जरूर कर लें। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। डाइट और हेल्‍थ से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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Image Credit: Freepik

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