प्रेग्‍नेंसी के दौरान हर महिला को जरूर लगवानी चाहिए ये 3 वैक्‍सीन

प्रेग्‍नेंसी में हर छोटी-बड़ी समस्या के पनपने का खतरा ज्‍यादा होता है। इसी वजह से वैक्सीन लगवाना जरूरी होता है। वैक्सीन से जुड़ी पूरी जानकारी लेने के बाद इसे लगवाएं। 

Pooja Sinha
vaccination during pregnancy hindi

आने वाले शिशु और खुद के स्‍वास्‍थ्‍य को दुरुस्‍त रखने के लिए महिलाओं को प्रेग्‍नेंसी मेंखाने-पीने का पूरा ध्‍यान रखना होता है। साथ ही, कुछ जरूरी सावधानियां लेनी होती हैं। इसके लिए उन्‍हें हर हफ्ते और महीने कुछ टेस्‍ट कराने होते हैं और कुछ जरूरी दवाइयां लेनी पड़ती हैं। इसके अलावा, प्रेग्‍नेंट महिलाओं को कई तरह की वैक्सीन लगवानी होती हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि प्रेग्‍नेंसी के दौरान इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर इंफेक्‍शन और अन्य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के प्रति अधिक सेंसिटिव हो जाता है।

इन वैक्सीन से न सिर्फ मां को सुरक्षा मिलती है, बल्कि शिशु को गर्भ में और भविष्य में होने वाली समस्याओं से भी बचाया जा सकता है। आज हम आपको 3 ऐसी वैक्‍सीन के बारे में बता रहे हैं, जो हर महिला को प्रेग्‍नेंसी के दौरान जरूर लगवानी चाहिए। इनके बारे में हमें वेल वूमेन क्लिनिक की डॉक्‍टर शीबा मित्तल बता रही हैं।

एक्‍सपर्ट का कहना है, ''प्रेग्‍नेंसी के दौरान वैक्‍सीनेशन मां और बच्चे को इंफेक्‍शन से बचाने का आसान और प्रभावी तरीका है। यह मां से फीटस में एंटीबॉडी को ट्रांसफर करके फीटस और बाद में शिशु की रक्षा करता है। इसलिए प्रेग्‍नेंसी के दौरान वैक्‍सीनेशन इतना जरूरी होता है। 3 वैक्‍सीन हैं जो प्रेग्‍नेंसी में हर महिला को जरूर लगवाने चाहिए।''

1) टीटी वैक्‍सीन

इस वैक्‍सीन को प्रेग्‍नेंसी के फर्स्‍ट ट्राइमेस्‍टर के बाद लगवाना चाहिए। प्रेग्‍नेंसी में मां और शिशु को टिटनेस के इंफेक्‍शन से बचाने के लिए टीटी यानि टिटनेस टॉक्सोइड का वैक्‍सीन लगाया जाता है। टिटनेस एक जानलेवा बीमारी है और प्रेग्‍नेंसी में इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन टीटी वैक्‍सीन से इससे आसानी से बचा जा सकता है।

यह इंफेक्‍शन टिटनेस बैक्‍टीरिया के संपर्क में आने से होता है। ये बैक्टीरिया मिट्टी, लार, धूल और खाद में पाए जाते हैं, जो खुले घावों के माध्‍यम से शरीर में पहुंचते हैं। जब प्रेग्‍नेंसी में वैक्‍सीनेशन लिया जाता है, तब इसका फायदा फीटस को भी होता है। इससे शिशु गर्भ में तो सुरक्षि‍त रहता है साथ ही, जन्म के कुछ समय बाद तक भी सुरक्षित रहता है।

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2) टीटी या टीडीएपी वैक्‍सीन

TDAP injection

पहले वैक्‍सीन के 4 हफ्ते के बाद आप या तो टीटी वैक्‍सीन की दूसरी डोज या टीडीएपी वैक्‍सीन लगवाएं। इसे प्रेग्‍नेंसी के 27 से 36 हफ्ते के बीच में लगवाना होता है।

यह वैक्‍सीन बहुत जरूरी है, क्योंकि यह टिटनेस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस (काली खांसी जिसे पर्टुसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह ऐसा इंफेक्‍शन है जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है) से सुरक्षा प्रदान करता है।

टीडीएपी वैक्‍सीन एंटीबॉडी बनाने में शरीर की मदद करता है, जो टिटनेस रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को इंफेक्‍शन फैलाने से रोकता है। यह शिशु को इन इंफेक्‍शन्‍स से तब तक बचाता है, जब तक कि उन्‍हें डीपीटी वैक्‍सीन की फर्स्‍ट डोज नहीं मिल जाती है।

3) फ्लू वैक्‍सीन

Flu Vaccine

प्रेग्‍नेंट महिलाओं को फ्लू वैक्‍सीन भी जरूर लगवाना चाहिए। यह किसी भी ट्राइमेस्‍टर में लगवाया जा सकता है। यह वैक्‍सीन मां को इन्‍फ्लुएंजा इंफेक्शन से बचाता है।

हालांकि, इन्फ्लुएंजा को मामूली स्वास्थ्य समस्या माना जाता है, लेकिन नजरअंदाज करने पर इससे कई तरह की समस्‍याएं हो सकती हैं। इसमें प्रेग्‍नेंसी और डिलीवरी के बाद निमोनिया होने की संभावना ज्‍यादा रहती है।

प्रेग्‍नेंट महिला के साथ ही फ्लू वैक्‍सीन फीटस की हेल्‍थ को भी सुरक्षा प्रदान करती है। जन्म के बाद शिशु को इन्फ्लूएंजा शॉट तब तक नहीं दिया जाता है, जब तक वह 6 महीने का नहीं हो जाता है।

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जब प्रेग्‍नेंट महिला वैक्‍सीन लगवाती है, तब उसका शरीर इन्फ्लूएंजा के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है, जो फीटस को भी मिलता हैं। इससे पहले कुछ महीनों में शिशु को किसी भी इंफेक्‍शन का खतरा कम होता है।

अगर आप भी प्रेग्‍नेंट हैं, तो इन वैक्‍सीन को जरूर लगवाएं। आपको भी हेल्‍थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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