हम सभी अपनी लाइफ में कई तरह की परेशानियों, स्ट्रेस व नेगेटिव फीलिंग्स का सामना करते हैं। हालांकि हर किसी का इस नेगेटिव सिचुएशन को हैंडल करने का अपना तरीका होता है। कुछ महिलाएं इन सभी नेगेटिव थिंकिंग को भूलने के लिए और खुद को खुश करने के लिए खाने का सहारा लेती हैं। शुरूआत में भले ही खाना उन्हें खुशी दे, लेकिन धीरे-धीरे वह इमोशनल ईटिंग करने लग जाती हैं। यह इमोशनल ईटिंग उनकी वास्तविक भूख नहीं होती। बस मेंटली परेशान होने पर उन्हें कुछ सलेक्टेड फूड को खाने की इच्छा होती है।
दरअरल, नेगेटिव फीलिंग्स मन में एक खालीपन की भावना को भरते हैं, जबकि भोजन उस शून्य को भरने का काम करता है और अस्थायी पूर्णता का झूठा एहसास पैदा करता है। यही कारण है कि अधिकतर महिलाएं अपने नेगेटिव इमोशन्स को हैंडल करने के लिए खाने का सहारा लेती हैं।
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इससे कुछ पल के लिए उन्हें भले ही satisfaction मिलता हो, लेकिन यह कई तरह के हेल्थ इश्यू का कारण बनता है। अगर आप इमोशनल ईटिंग पर रोक लगाना चाहती हैं तो इन टिप्स का सहारा ले सकती हैं-
ढूंढे अन्य तरीके
इमोशनल ईटिंग की समस्या तब पैदा होती है, जब आप अपनी नेगेटिव फीलिंग्स को हैंडल करने के लिए खाने का सहारा लेती हैं। लेकिन अगर आप अपने इमोशन्स को हैंडल करने के लिए अन्य रास्ते ढूंढ लेंगी तो आपको इमोशनल ईटिंग करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
मसलन, अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं तो आप खाने की बजाय उसे लिखने की आदत डालें या फिर कोई मोटिवेशनल किताब पढ़ें। इस तरह की एक्टिविटीज आपको नेगेटिव थिकिंग से बाहर निकालने में मदद करेंगी।
करें एक्सरसाइज
सुनने में शायद अजीब लगे लेकिन एक्सरसाइज भी इमोशनल ईटिंग से बाहर निकलने में मदद कर सकती है। दरअसल, जब आप रेग्युलर एक्सरसाइज करती हैं तो इससे आपको काफी relax महसूस होता है। एक अध्ययन में भी यह पाया गया कि लगातार आठ सप्ताह तक योगा करने से स्ट्रेस, एंग्जाइटी व डिप्रेशन को मैनेज करने में काफी आसानी होती है।
जब आप अपनी नेगेटिव फीलिंग को हैंडल करना सीख जाती हैं तो इससे आपको इमोशनल ईटिंग करने की जरूरत नहीं पड़ती।
मेडिटेशन
एक्सरसाइज के अलावा मेडिटेशन के जरिए भी इमोशनल ईटिंग की हैबिट को काफी हद तक कण्ट्रोल किया जा सकता है। ऐसी कई स्टडीज हैं, जो यह बताती हैं कि माइंडफुल मेडिटेशन binge eating disorder और इमोशनल ईटिंग के लिए किसी ट्रीटमेंट की तरह काम करती हैं। इसके लिए आप किसी शांत जगह पर बैठकर मेडिटेट कर सकती हैं।
मेंटेन करें फूड डायरी
आमतौर पर हम पूरे दिन क्या खाते हैं और कितना खाते हैं, इसके बारे में ज्यादा नोटिस नहीं करते। लेकिन अगर आप इमोशनल ईटिंग से बचना चाहती हैं तो फूड डायरी मेंटेन करें। इससे आपको अपने ट्रिगर की पहचान करने में मदद मिलती है।
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हो सकता है कि शुरूआत में डायरी मेंटेन करने में आपको परेशानी हो। लेकिन आप अपनी डायरी में अपने खाने की हर आइटम के बारे में लिखें। जब आप ट्रिगर की पहचान कर लेंगी तो उस स्थिति से निपटना आपके लिए आसान हो जाएगा।
मदद की जरूरत
जब आप इमोशनल ईटिंग शुरू करती हैं, तो उस समय उसे पहचानकर उससे बाहर निकलना आसान होता है। लेकिन अगर आप लंबे वक्त से इमोशनल ईटिंग करती आ रही हैं और उपर लिखे उपायों की मदद से आपको आराम नहीं मिलता, तो आपको एक्सपर्ट की जरूरत होगी। इसके लिए आप किसी मनोचिकित्सक लेकर अपनी इस आदत से छुटकारा पा सकती हैं।
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