घबराहट, चिंता या परेशानी की स्थिति में ये Exercise होगी सबसे अच्छी, 2 मिनट में मिलेगा आराम

पैनिक अटैक, ट्रॉमा या किसी परेशानी की स्थिती में मदद करेगी ये एक्सरसाइज, जानें इसे करने का सही तरीका। 

panik attack at the time of trauma

इस समय हर न्यूजपेपर, वेबसाइट और न्यूज चैनल में एक तरह की खबरें बहुत आम हैं। ये हैं महिलाओं का रेप और उनके खिलाफ अपराधों की खबरें। लगभग हर बार मैं इस तरह की खबरों से विचलित हो जाती हूं, फिर जिनके साथ ये सब हुआ है उनका क्या हाल होता होगा ये सोचकर ही अजीब सा डर मन में बैठ जाता है। सर्वाइवर्स की मदद करने के लिए Safty ट्रस्ट की तरफ से नया टूलकिट लॉन्च हुआ है।

इस टूल किट को लॉन्च करने के लिए कई एक्सपर्ट्स से बात की गई है, कई लोगों की मेहनत से, कई महीनों के संघर्ष से ये टूलकिट बनाया गया है। ये टूलकिट यूएन वूमेन इंडिया, जागरण न्यू मीडिया, ट्विटर इंडिया और मनुपात्रा एड्यूटेक के माध्यम से लॉन्च किया गया है।

इस टूलकिट में खास तौर पर एक एक्सरसाइज बताई गई है जो खास तौर पर पैनिक अटैक या किसी इमोशनल ट्रिगर के दौरान की जाए। ये ट्रॉमा के समय भी की जा सकती है। ये एक्सरसाइज यकीनन पैनिक अटैक के समय आपको बहुत मदद कर सकती है। इस खास तौर पर इसलिए डिजाइन की गई है कि अगर किसी को ट्रॉमा की स्थिति हो रही है या फिर डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ को लेकर परेशानी हो रही है। वैसे तो ये खास तौर पर उन सर्वाइवर्स के लिए बनाई गई है जो शोषण, रेप या ऐसे ही किसी ट्रॉमा से गुजरी हैं, लेकिन ये एक्सरसाइज हर महिला के काम आ सकती है जो किसी न किसी तरह से एक सर्वाइवर ही है।

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कैसे करनी है ये एक्सरसाइज-

- ये एक्सरसाइज करने के लिए सबसे पहले अपनी आंखें बंद करें।

- आपका पूरा फोकस सांस लेने पर होना चाहिए। दिमाग से बाकी सब कुछ निकालने की कोशिश करें सिर्फ और सिर्फ सांस लेने पर ध्यान दें। लंबी सांसे लेने से बहुत ज्यादा फायदा हो सकता है। उस समय आपका ध्यान कहीं और न भटके इसलिए अपना ध्यान ऐसी जगह लगाएं जो आप कर रही हैं। सांसें लंबी होनी चाहिए।

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- इसे एक अंतराल के बाद करते रहें जैसे अगर आपको पैनिक अटैक आ रहा है तो आप 1 मिनट ये करें और फिर 1 मिनट आराम करने के बाद दोबारा ये करें। ये अंतराल एक जैसे होने चाहिए।

जैसे ही आपका ध्यान इसपर जाएगा आप आराम महसूस करेंगी। आप इसे लगातार तब तक कर सकती हैं जब तक आप आराम महसूस नहीं कर रही हैं। सेफ्टी का ये टूलकिट ऐसे कई मुद्दों पर बात करता है और साथ ही साथ वो एक सर्वाइवर की मानसिक हालत के बारे में भी बात की है।

रेप सर्वाइवर कई तरह के ट्रॉमा से होकर गुजरती है और कई बातें ऐसी होती हैं जो उसे उसके साथ हुई घटना की याद उसके जहन में रहती है और ऐसे में बार-बार कोई ट्रिगर उस घटना को वापस उस लड़की के दिमाग में ले आता है।

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ट्रॉमा की परिभाषा को लेकर भी टूलकिट में काफी कुछ कहा गया है। टूल किट के हिसाब से किसी भी भयभीत कर देने वाली या अंदर से झकझोर देने वाली घटना का इमोशनल रिएक्शन ट्रॉमा कहलाता है। ट्रॉमा हर इंसान द्वारा अलग तरीके से एक्सपीरियंस किया जाता है। ये अलग तरीके से इंसान की सोच, उसकी समझ और उसकी जिंदगी पर प्रभाव डालता है।

इस Sayfty सर्ववाइवर टूलकिट का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। इसमें बहुत सी चीज़ें बताई गई हैं जो किसी भी सर्वाइवर के लिए मददगार साबित हो सकती हैं। अगर आप भी इस टूलकिट को देखना चाहती हैं तो आप Sayfty की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकती हैं।

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